'आप भारत हैं आपको शर्म नहीं आती..' जब Manoj Kumar को पड़ी थी फटकार, जिंदगी भर रहा इस एक्ट्रेस का उधार
फिल्म 'शोर' में पहले शर्मिला टैगोर को लेना चाहने थे लेकिन डेट्स न होने के कारण उन्होंने यह फिल्म करने से मना कर दिया. इसके बाद वह स्मिता पाटिल के पास गए लेकिन उन्होंने भी यह फिल्म करने से इंकार कर दिया. इस वजह वह बड़ा परेशान रहे, फिर उनकी पत्नी शशि गोस्वामी ने उन्हें नंदा का सुझाव दिया.;
हिंदी सिनेमा में मनोज कुमार (Manoj Kumar) और नंदा की जोड़ी को खूब पसंद किया गया. लेकिन उनका रिश्ता ऑनस्क्रीन से कई ज्यादा था. दोनों ने एक दूसरे न सिर्फ एक अच्छे दोस्त थे बल्कि एक प्रोफेशनल एक्टर्स होने नाते वह एक दूसरे के सुख दुख के साथी थे. नंदा से जुड़ा एक किस्सा मनोज ने अपने इंटरव्यू में शेयर किया था जब. फिल्म शोर के लिए उन्होंने कोई फीस नहीं ली थी. इस बात का जिक्र मनोज साल 2014 में किया था जब उनकी सबसे अच्छी दोस्त और को-एक्ट्रेस नंदा का निधन हो गया था.
उन्होंने शेयर किया कि वह फिल्म 'शोर' में पहले शर्मिला टैगोर को लेना चाहने थे लेकिन डेट्स न होने के कारण उन्होंने यह फिल्म करने से मना कर दिया. इसके बाद वह स्मिता पाटिल के पास गए लेकिन उन्होंने भी यह फिल्म करने से इंकार कर दिया. इस वजह वह बड़ा परेशान रहे, फिर उनकी पत्नी शशि गोस्वामी ने उन्हें नंदा का सुझाव दिया. मनोज ने बिना देर किए पत्नी के कहने पर नंदा को फोन लगाया और उन्हें अपने घर बुलाया. नंदा ने बिना स्क्रिप्ट सुने ही शर्त रख दी कि वह यह फिल्म जरूर करेंगी लेकिन इसकी फीस नहीं लेंगी. मनोज ने इस इंटरव्यू में कहा, 'आप किसी के एहसान का बदला नहीं चुका सकते मैं भी कई तरह नंदा को उनका उधार चुकाने की कोशिश की लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पाया.'
नंदा पर नजर रखते थे मनोज
पर्दे के पीछे, उनके रिश्ते वहीदा रहमान और हेलेन जैसे आपसी दोस्तों के ज़रिए और भी मज़बूत हुए. नंदा, जो अपने मंगेतर मनमोहन देसाई को खोने के बाद नंदा अकेले और तन्हा रहने लगी थी, ऐसे में उन्हें अपने सबसे अच्छे दोस्त मनोज का साथ मिला। वह अपने कॉमन डॉक्टर रमेश शुक्ला के ज़रिए उनकी सेहत पर नज़र रखते थे. खासतौर पर उनके बुढ़ापे में. जब 25 मार्च, 2014 को नंदा का निधन हुआ, तो मनोज टूट गए. उस दिन, उनके नौकर ने उन्हें फ़ोन किया क्योंकि चेकअप के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. उन्होंने अपना अपॉइंटमेंट कैंसिल कर दिया, डॉक्टर को उनके घर भेजा, लेकिन उन्हें पता चला कि वह पहले ही चल बसी थी. उन्होंने सिर्फ़ तीन फ़िल्मों- गुमनाम (1965), बेदाग (1965) और शोर (1972) में साथ काम किया था, लेकिन उनके रिश्ते ने मनोज कुमार के करियर और जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ी.
महिला से मिली थी फटकार
इस इंटरव्यू में भारत कुमार से जाने जाते मनोज एक किस्सा शेयर किया था कि कैसे उन्हें सिगरेट पीने की लत थी. लेकिन एक बार एक अनजान लड़की ने उनकी इस बुरी लत को छुड़ाने में मदद की थी. वह एक बार अपनी फैमिली के साथ रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे. तभी वहां मनोज ने सिगरेट पीनी शुरू कर दी, इस दृश्य को दूर बैठी एक महिला देख रही थी. उससे जब राहा नहीं गया तो उसने मनोज को फटकार लगाई। महिला ने कहा, 'आप भारत है आपको सिगरेट पीते हुए शर्म नहीं आती.?. मनोज पर महिला की इस बात का गहरा असर हुआ और उन्होंने उसी दिन से सिगरेट पीनी छोड़ दी.