Manoj Kumar Funeral : मुंबई के विले पार्ले में राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
उनके निधन पर उनके को-एक्टर और उनके सबसे अच्छे दोस्त प्रेम चोपड़ा ने शेयर किया कि मनोज कुमार मेरे बहुत करीब थे और मैंने एक बहुत ही प्यारा दोस्त खो दिया है.

हिंदी सिनेमा में अपना एक यादगार और अहम योगदान देने वाले मनोज कुमार का बीते शुक्रवार को निधन हो गया. उन्होंने 4 अप्रैल 2025 को कोकिलाबेन अस्पताल में अंतिम सांस ली. इंडस्ट्री के इस दिग्गज के जाने से पूरा बॉलीवुड शोक की लहर में डूबा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत हिंदी सिनेमा के कई सितारों ने उनके दुख प्रकट किया वहीं रवीना टंडन और धर्मेंद्र जैसे सितारें उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे.
अब मनोज कुमार का अंतिम संस्कार शनिवार, 5 अप्रैल, 2025 को सुबह 11 बजे मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट पर किया जाएगा। जहां उनके परिवार के करीबी समेत बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों के शामिल होने की संभावना है. मनोज कुमार को वर्ष 1992 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जिसके कारण उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
खुद लिखते थे डायलॉग चलाते थे कैमरा
उनके निधन पर उनके को-एक्टर और उनके सबसे अच्छे दोस्त प्रेम चोपड़ा ने शेयर किया कि मनोज कुमार मेरे बहुत करीब थे और मैंने एक बहुत ही प्यारा दोस्त खो दिया है. हमने 'शहीद' से लेकर 'क्रांति' तक साथ काम किया है और हमने हर तरह के पल शेयर किए हैं. चाहे वह मौज-मस्ती हो या क्रिएटिविटी. मुझे उनके बगल में खड़े होने पर बहुत गर्व महसूस हुआ क्योंकि वह एक सिनेमा के आदमी थे. वह अपनी स्क्रिप्ट और डायलॉग खुद लिखते थे और कभी-कभी कैमरा भी चलाते थे.
वह फिल्म निर्माण के लिए ही पैदा हुए हैं
वहीं रजा मुराद कहते हैं, 'मैंने उनके साथ पहली बार 'रोटी कपड़ा और मकान' में काम किया था. फिल्म में मेरा किरदार हवलदार अब्दुल हामिद से प्रेरित था. एक दिन सबको जाना है... हालांकि, मनोज जी का योगदान न केवल फिल्म इंडस्ट्री के लिए बल्कि पूरे देश के लिए है... क्योंकि कोई भी व्यक्ति देशभक्ति की भावना को उस तरह से नहीं जगा सकता जैसा उन्होंने जगाया. उन्होंने एक फिल्म में शहीद भगत सिंह की भूमिका निभाई थी. लाल बहादुर शास्त्री ने यह फिल्म देखी थी और उनसे अपने नारे 'जय जवान, जय किसान' पर फिल्म बनाने के लिए कहा था. इसलिए, मनोज कुमार ने 'उपकार' फिल्म बनाई, जिसे काफी सराहा गया. उन्हें कैमरा, स्क्रिप्ट, डायलॉग, संगीत के बारे में इतनी जानकारी थी... ऐसा लगता है कि वे फिल्म निर्माण के लिए ही पैदा हुए थे.