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32 साल से राज बनी है Divya Bharti की मौत? आखिरी पल में कर रही थी इस शख्स का इंतजार

उनके करियर और दुखद अंत के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े कई किस्से आज भी बॉलीवुड के गलियारे में मौजूद है.

32 साल से राज बनी है Divya Bharti की मौत? आखिरी पल में कर रही थी इस शख्स का इंतजार
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 5 April 2025 8:19 AM IST

दिव्या भारती (Divya Bharti) 1990 के दशक की शुरुआत में बॉलीवुड की सबसे उबरते सितारों में से एक थीं, जो अपनी खूबसूरती, टैलेंट और पॉपुलर्टी की तेज़ रफ़्तार के लिए जानी जाती थी. 25 फ़रवरी, 1974 को मुंबई, भारत में जन्मी दिव्या भारती ने यंग ेज में ही फ़िल्म इंडस्ट्री में प्रवेश कर लिया और जल्द ही सनसनी बन गईं. हालांकि, 5 अप्रैल, 1993 को 19 वर्ष की उम्र में उनके अचानक निधन ने रहस्य और अटकलों में डूबी एक विरासत को पीछे छोड़ दिया.

उनके करियर और दुखद अंत के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े कई किस्से आज भी बॉलीवुड के गलियारे में मौजूद है. उनका व्यक्तित्व, संघर्ष और उस भयावह रात तक की घटनाएं - जो एक अनकही कहानी बनाती हैं, जिसे तलाशना ज़रूरी है.

दिव्या का सफ़र बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर शुरू हुआ. वह स्कूल से ड्रॉपआउट थीं, उन्होंने मॉडलिंग करने के लिए 9वीं क्लास के बाद फॉर्मल एजुकेशन छोड़ दी थी. फिल्मों में उनका एंटर आसान नहीं था. उन्हें शुरुआत में ही रिजेक्शन का सामना करना पड़ा, जिसमें उनकी इच्छित हिंदी डेब्यू, 'गुनाहों का देवता' (1988) से बाहर कर दिया जाना भी शामिल था, क्योंकि उन्हें बहुत छोटी समझा गया था.

तेलुगु फ़िल्म से शुरुआत

बिना किसी डर के उन्होंने सिर्फ़ 16 साल की उम्र में वेंकटेश के साथ तेलुगु फ़िल्म 'बोब्बिली राजा' (1990) में डेब्यू किया और उनके अट्रैक्टिव लुक ने उनकी फिल्म को ब्लॉकबस्टर बना दिया. इस सफलता ने उन्हें 'असेंबली राउडी' और 'राउडी अल्लुडु' (दोनों 1991) जैसी हिट फ़िल्मों के साथ तेलुगु सिनेमा में स्टारडम दिलाया, जिससे उन्हें 'चित्तेम्मा मोगुडु' (1992) के लिए नंदी स्पेशल जूरी अवार्ड मिला. 1992 तक, उन्होंने 'विश्वात्मा' के साथ बॉलीवुड में कदम रखा, लेकिन 'शोला और शबनम' और 'दीवाना' - बाद वाली फ़िल्म ने उन्हें बेस्ट फीमेल डेब्यू के लिए फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड दिलाया. सिर्फ़ तीन साल के करियर में, उन्होंने 21 फ़िल्में पूरी की. जो उनके करियर की सबसे बड़ी अचीवमेंट्स है जिसने उनके काम के प्रति डेडिकेशन को दर्शाया.

कम उम्र में पीते थी शराब और सिगरेट

ग्लैमर के पीछे दिव्या एक कॉम्प्लिकेटेड पर्सनालिटी थी. दोस्तों और को-एक्टर्स ने उन्हें जिन्दा दिल लेकिन हमेशा परेशान रहने वाली लड़की बताया. उन्हें रिस्की स्टंट बहुत पसंद था. खतरों से खेलने के बारे में उनके किस्से भरे पड़े हैं. जिसमें एक उनकी को-एक्टर गुड्डी ने सिद्धार्त कन्नन के साथ एक हालिया इंटरव्यू में शेयर किया था. उन्होंने बताया कि एक बार वह जुहू बिल्डिंग की आइसक्रीम स्टोर में एंट्री कर रही थी. जहां खुद दिव्या रहती थी. तभी उन्हें उनका नाम लेते हुए एक आवाज आई. जब गुड्डी ने ऊपर देखा तो वह हैरान रह गई क्योंकि दिव्या अपनी पांचवी मंजिल की बिल्डिंग के पैरापेट से पैर लटकाकर बैठी थी. गुड्डी ने उन्हें वहां से हटने को कहा. लेकिन दिव्या ने कहा, 'फ़िक्र मत करो मुझे कुछ नहीं होगा.' दिव्या बहुत बेहद धार्मिक भी थीं, अक्सर मंदिर जाती थीं, और जानवरों से प्यार करती थीं, खास तौर पर अपने पोमेरेनियन से. फिर भी, वह वह पार्टियों में सिगरेट और शराब पीती थीं, जो उस दौर के बॉलीवुड में इतनी कम उम्र के किसी व्यक्ति के लिए असामान्य आदतें थीं.

18 की उम्र में शादी

उनकी लाइफ में तब नाटकीय मोड़ आया जब उन्होंने 10 मई 1992 को 18 साल की उम्र में निर्माता साजिद नाडियाडवाला से शादी कर ली. पहले तो यह शादी सीक्रेट रखी गई, कथित तौर पर इसलिए क्योंकि उन्हें डर था कि इससे उनके उभरते करियर को नुकसान हो सकता है. मुस्लिम साजिद से शादी करने के लिए दिव्या ने इस्लाम धर्म अपना लिया और अपना नाम सना नाडियाडवाला रख लिया, यह बात उनकी मौत के बाद ही सामने आई. एक इंटरव्यू में साजिद ने कहा था कि दिव्या के होते हुए उन्हें यह शादी छुपाने का पछतावा है. उस दौर में दिव्या का नाम कई लोगों से जोड़ा गया लेकिन साजिद और दिव्या गोविंदा स्टारर फिल्म शोला और शबनम के सेट पर एक दूसरे को दिल चुके थे. चंद मुलाकातों ने में उन्हें प्यार हो गया और दिव्या ने अफवाहों को विराम लगाने के लिए साजिद से शादी कर ली. जैसा की साजिद मुस्लिम थे इसलिए दिव्या ने इस्लाम अपनाते हुए सना नाडियाडवाला बन गई. यह निकाह उसी तुलसी फ्लैट में पढ़ाया गया था जहाँ से गिरकर दिव्या की मौत हुई थी.

साजिद का कर रही थी इंतजार

उनकी मौत की रात सबसे रहस्यमय चैप्टर बनी हुई है. 5 अप्रैल, 1993 को दिव्या मुंबई के वर्सोवा में अपने पांचवीं मंजिल के अपार्टमेंट की बालकनी से गिर गईं. वह चेन्नई में एक शूट से लौटी थीं और अपने घर पर ड्रेस डिजाइनर नीता लुल्ला और उनके पति डॉ. श्याम लुल्ला के साथ पार्टी कर रही थी. उनकी नौकरानी अमृता ने नाश्ता तैयार किया और ग्रुप शराब पी रहा था और टीवी देख रहा था. रिपोर्ट्स के अनुसार दिव्या, नशे में थी, बालकनी में गई थी. कुछ का कहना है कि वह यह देखने गई थी कि साजिद की कार आई है या नहीं. वह किनारे पर बैठ गई, यह आदत उसके दोस्तों को अच्छी तरह से पता थी, लेकिन इस बार वह अपना बैलेंस खो बैठी और गिर गई. पैरामेडिक्स ने उनकी सांसे चलती पाई, लेकिन सिर में गंभीर चोट लगने के कारण कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई.

आत्महत्या, हत्या न साजिश

1998 में संपन्न हुई आधिकारिक जांच में इसे एक्सीडेंट माना गया, जिसका सपोर्ट उसके पिता ओम प्रकाश भारती ने किया, जिन्होंने किसी भी तरह की साजिश से इनकार किया. फिर भी, साजिश के सिद्धांत कायम हैं - कुछ लोग साजिद द्वारा हत्या या अंडरवर्ल्ड में शामिल होने का आरोप लगाते हैं, अन्य आत्महत्या का सुझाव देते हैं, हालांकि गुड्डी जैसे उसके करीबी लोग जोर देते हैं कि उसने आत्महत्या नहीं की थी. इसके बाद की घटनाएं बहुत डरावनी थी.

नौकरानी के सपने में आती थी दिव्या

दिव्या की नौकरानी अमृता, जिसने जन्म से ही उसकी देखभाल की थी, वह डिप्रेशन में चली गई और 30 दिनों के अंदर हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई. दिव्या की मां मीता ने दावा किया कि उनकी बेटी उनके सपनों में दिखाई देती थी, जिसने उनके दुख को और भी गहरा कर दिया. 'रंग' और 'शतरंज' जैसी उनकी लगभग पूरी हो चुकी फ़िल्में उनकी मौत के बाद रिलीज़ की गईं, जबकि 'लाडला' समेत अन्य फ़िल्मों को श्रीदेवी के साथ फिर से शूट किया गया. अपने करियर के पीक पर उन्होंने शाहरुख खान के साथ 'दीवाना', सुनील शेट्टी के साथ 'बलवान' समेत कई एक्टर्स के साथ काम किया.

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