Irrfan Khan की इस इच्छा से डर गए थे प्रोड्यूसर, भारत-पाक की सीमा पर उड़ाना चाहते थे पतंग
एक इंटरव्यू में, फिल्म में मुना का किरदार निभाने वाले शशांक अरोड़ा ने दिवंगत एक्टर के साथ अपनी यादें ताजा की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे इरफ़ान भारत-पाक की सीमा पर पतंग उड़ाना चाहते थे.;
शशांक अरोड़ा की मुलाकात दिवगंत लीजेंड इरफान खान से 2017 की फिल्म 'द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स' (The Song of Scorpion) के सेट पर हुई थी. स्विस-फ़्रेंच-सिंगापुरी राजस्थानी भाषा की ड्रामा फिल्म की ज्यादातर शूटिंग जैसलमेर में हुई थी. यह वह समय भी था जब एक्टर की तबीयत ठीक नहीं थी. हालांकि, उन्होंने अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीना नहीं छोड़ा.
लल्लनटॉप के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में, फिल्म में मुना का किरदार निभाने वाले शशांक अरोड़ा ने दिवंगत एक्टर के साथ अपनी यादें ताजा कीं. उन्होंने कहा, 'जब हम 'सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स' की शूटिंग के लिए मिले तो वह बहुत बीमार थे. वह दर्द में थे और मेरे पास उनसे जुड़ी एक याद है.
हम पतंग उड़ाएंगे
उन्होंने बताया, 'हम रेगिस्तान में शूटिंग कर रहे थे. हम भारत-पाकिस्तान सीमा के पास शूटिंग कर रहे थे. रात को बहुत ठंड थी. इरफ़ान सर ने कुर्ता और पायजामा में थे. एक दिन उन्होंने मुझसे कहा, 'चलो बाइक लेते हैं, बॉर्डर तक चलते हैं और फिर हम पतंग उड़ाएंगे....मैंने कहा- लेकिन कहां..' शशांक ने कहा, 'वह ऐसे ही थे, 'वह बस बॉर्डर के पास एक पतंग उड़ाना चाहते थे, और देखना चाहते थे कि बॉर्डर सीमा पर खड़े दोनों बॉर्डर के किस तरफ से गोली चलेगी..इस बात को सुनकर प्रोड्यूसर घबरा गए थे.'
उनके लिए बुरा लगता है
इस दौरान शशांक ने कहा कि वह एक अद्भुत व्यक्ति थे लेकिन दर्द में थे, कभी-कभी जब मैं उस याद के बारे में सोचता हूं तो मुझे गर्व होता है कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला, लेकिन कभी-कभी जब मैं इसके बारे में सोचता हूं तो मुझे उनकी स्थिति याद करके बहुत बुरा लगता है. एक व्यक्ति और एक्टर के रूप में इरफ़ान खान के बारे में बोलते हुए शशांक ने कहा, 'वह बहुत दिलचस्प और जड़ों से जुड़ें रहने वाले व्यक्ति थे. उन्हें इसकी परवाह नहीं थी कि वह कैसा दिखते है, या उसके बाल कटे हुए हैं या नहीं. वह उन एक्टर्स में से एक हैं जो अपनी शक्ल-सूरत की बिल्कुल भी परवाह नहीं करते उनके जैसे बहुत ही कम एक्टर्स होते हैं.'
इरफ़ान की आखिरी फिल्म
इरफान खान को विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित बॉलीवुड फिल्म 'मकबूल' (2004) में उनकी भूमिका के लिए प्रसिद्धि मिली, जहां उन्होंने एक स्ट्रगलर गैंगस्टर की भूमिका निभाई. उनकी परफॉरमेंस को खूब सरहाना मिली और वह जल्द ही भारतीय सिनेमा में कभी न भूलें जाने वाले स्टार बन गए. उनकी कुछ बॉलीवुड फिल्मों में पान सिंह तोमर (2011), 'द लंचबॉक्स' (2013), और 'हिंदी मीडियम है.' मार्च 2018 में, इरफ़ान खान ने अनाउंस की कि उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला है. इलाज के बावजूद, उन्होंने एक्टिंग करना जारी रखा. निधन से पहले इरफान खान की आखिरी फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' (2020) थी. यह 2017 की हिट 'हिंदी मीडियम' का सीक्वल थी.