'उन्होंने मुझे ह****खोर कहा', 2020 के BMC के बुलडोजर एक्शन पर बोलीं Kangana Ranaut

साल 2020 में जब कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश से मुंबाई जा रही थीं, तब उनके पाली हिल वाले ऑफिस पर बीएमसी ने बुलडोजर एक्शन लिया था. इस पर हाल ही में हंसल मेहता ने एक्स पर पोस्ट कर सवाल उठाए थे, जिस पर भाजपा सांसद कंगना ने जवाब देते हुए कहा कि 'उन्होंने मुझे ह****खोर कहा'.;

( Image Source:  Instagram- kangana ranaut )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 25 March 2025 5:59 PM IST

हाल ही में फिल्म मेकर हंसल मेहता ने एक्स यूजर को जवाब देते हुए कहा था कि ' क्या उनके घर में तोड़फोड़ की गई? क्या गुंडे उनके परिसर में घुस आए? क्या उन्होंने उनके फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन को चुनौती देने या कथित एफएसआई उल्लंघन के लिए ऐसा किया? प्लीज मुझे बताएं.शायद मुझे फैक्ट्स नहीं पता हैं. अब इस पर कंगना रनौत ने पलटवार किया है.

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि ' उन्होंने मुझे ह...खोर कहा. मुझे धमकाया. इतना ही नहीं, देर मेरे चौकीदार को नोटिस दिया और अगली सुबह अदालत खुलने से पहले ही बुलडोजर ने पूरे घर को गिरा दिया. हाई कोर्ट ने डिमोलिशन को इलीगल बताया. 

क्या बोली कंगना रनौत?

कंगना ने अपने पोस्ट में कहा कि लोग इस पर हंसे और मेरे दर्द और सार्वजनिक अपमान पर खुशी जताई. ऐसा लगता है कि आपकी असुरक्षा और सामान्यता ने न केवल आपको कड़वा और बेवकूफ बना दिया है, बल्कि इसने आपको अंधा भी कर दिया है. यह कोई थर्ड क्लास सीरीज या क्रूर फिल्में नहीं हैं, जो आप बनाते हैं. मेरे दुखों से जुड़े मामलों में अपने झूठ और एजेंडे को बेचने की कोशिश न करें. इससे दूर रहें.

क्या था बुलडोजर एक्शन?

यह बात साल 2020 की है, जब बीएमसी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के मुंबई के पाली हिल वाले ऑफिस में तोड़फोड़ की थी. इस पर नगर निकाय ने कहा था कि यह एक्शन प्रॉपर्टी में इलीगल बदलाव के कारण लिया गया. यह सब तब किया गया, जब कंगना अपने होमटाउन हिमाचल प्रदेश से मुंबाई जा रही थीं. हालांकि, इस पर कंगना का कहना था कि उनके महाराष्ट्र सरकार और बॉलीवुड की कथित मूवी माफिया कल्चर पर बोलने के चलते उद्धव ठाकरे की सरकार ने बदला लिया है. बुलडोजर सहित बीएमसी के ऑफिसर्स की बड़ी टीम ने उनके ऑफिस को गिरा दिया.

कंगना ने कश्मीरी पंडितों से की थी तुलना

कंगना ने इस घटना की तुलना 1989-90 में कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा से की थी. साथ ही, इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया था. हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने कुछ ही घंटों में हस्तक्षेप कर तोड़फोड़ पर रोक लगा दी थी.

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