क्या है Adolescence? अमेरिका और भारत पर हो रहा इसका असर, खुद हैरान हैं Stephen Graham
जिन पैरेंट्स ने अब तक नेटफ्लिक्स की सीरीज 'एडोलसेंस' नहीं देखी वह जरूर देखें। यह सीरीज उन पैरेंट्स अपने बच्चो को जानने का मौका देती है जो डिजिटल दुनिया में ज्यादा रहना पसंद करते हैं. इस सीरीज को भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है. जिसकी तारीफ करण जौहर, आलिया भट्ट और अनुराग कश्यप तक कर चुके हैं.

'बोर्डवॉक एम्पायर' और 'द आयरिशमैन' जैसे शो में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते स्टीफन ग्राहम (Stephen Graham) ने उम्मीद नहीं की थी कि उनका न्यू प्रोजेक्ट 'एडोलसेंस', इतना बड़ा हिट होगा, जिसने भारतीय दर्शकों को भी व्यापक रूप से प्रभावित किया है. 13 मार्च को रिलीज हुई नेटफ्लिक्स की इस सीरीज को 99% रेटिंग हासिल की है और क्रिटिक्स ने इसे मास्टरपीस बताया है.
जो लोग नहीं जानते, उनके लिए 'एडोलसेंस' एक 13 साल के लड़के की कहानी है, जिस पर अपने स्कूल की एक लड़की की हत्या का आरोप है, यह क्राइम सीसीटीवी पर कैद हो जाता है. इस तरह एक क्राइम इन्वेस्टिगेशन शुरू होती है और ऐसे एपिसोड होते हैं जो माता-पिता के गिल्ट फीलिंग,अनकंट्रोलिंग,अग्रेसिव और यंग माइंड पर इंटरनेट के खतरनाक प्रभाव को छूते हैं. यह सीरीज दर्शकों को यह पूछने पर मजबूर करती है - हम सच में अपने बच्चों को कितनी अच्छी तरह जानते हैं, खासकर डिजिटल युग में?.'
इंडिया का नाम सुनते ही चौंके एक्टर
ग्राहम ने इस सीरीज़ के को-राइटर और सीरीज में पिता की भूमिका निभाई है. अब, रोलिंग स्टोन के साथ एक इंटरव्यू में, ग्राहम ने शो के ग्लोबल इम्पैक्ट और इसके मेकिंग के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने कहा, 'मुझे मेरे एक दोस्त से एक मैसेज मिला, जिसमें मुझे बताया गया था कि भारत में 'एडोलसेंस' कितनी बड़ी बन गई है?. यह सुनते ही मेरा पहला रिएक्शन था, 'रुको, क्या तुमने इंडिया कहा, क्या मैंने सही सुना?' मुझे यकीन नहीं हो रहा है इस प्रोजेक्ट को इंडिया में भी इतना पसंद किया जा रहा है.'
पसंद कर रहे है बॉलीवुड स्टार्स
बता दें कि बॉलीवुड स्टार्स आलिया भट्ट, सोनाक्षी सिन्हा और त्रिशा कृष्णन के साथ-साथ निर्देशक हंसल मेहता और अनुराग कश्यप ने भी शो के प्रीमियर के बाद से ही सोशल मीडिया पर इसकी और इसके फिल्म मेकिंग के तरीकों की तारीफ की है. एक्टर ने ग्लोबल इम्पैक्ट के बारे में कहा, 'यह ऐसा है जैसे हमने इस तालाब में एक पत्थर फेंक दिया हो, और इसका जो प्रभाव हुआ है वह अविश्वसनीय है.'
भारतीय से क्यों कर रही है रिलेवेंट
भारतीयों के बीच इस सीरीज को अधिक रिलेवेंट करने की सबसे बड़ी वजह है कि यहां माता-पिता एक ऐसी जनरेशन से जूझ रहे हैं जो ऑनलाइन डिजिटल दुनिया के बीच बड़ी हो रही है. यह उन्हें असीमित जानकारी, ऑनलाइन कंटेंट और साथ ही कनेक्शन की दुनिया से परिचित कराता है. गेमिंग और सोशल मीडिया से लेकर स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म तक, बच्चे पहले से कहीं ज़्यादा कंटेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं, और यह स्वीकार करते हैं कि इसमें से अधिकांश बिना निगरानी के है.'
बेटों को क्या सीखा रहे हैं पेरेंट्स
यह फिल्म इस बात के प्रति जागरूकता बढ़ रही है कि अगर बदलाव घर से शुरू नहीं हुआ, तो समाज में हिंसा की भयावह घटनाएं होती रहेंगी. निर्भया केस या आरजी कॉलेज रेप केस जैसी घटनाएं अब पुरानी यादें नहीं रह गई हैं. ये हमें याद दिलाती हैं कि अनकंट्रोल्ड मेल एंगर क्या कर सकता है?. इन घटनाओं ने बेटियों के माता-पिता को इस बात के लिए सबसे ज्यादा अलर्ट किया है कि उनके बच्चे किस दुनिया में कदम रख रहे हैं. लेकिन साथ ही, इन घटनाओं ने बेटों के माता-पिता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम अपने लड़कों को अग्रेसन,सिम्पैथी और पॉवर के बारे में क्या सिखा रहे हैं?
क्या था एक्टर का मकसद
'बॉयलिंग पॉइंट' के एक्टर ने यंगरा द्वारा हिंसक अपराध करने की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए यह सीरीज बनाई. फिलिप बैरेंटिनी के साथ गाड़ी चलाते समय उन्हें इस सीरीज का ख्याल आया, जिन्होंने इस ग्लोबल हिट को डायरेक्ट किया है. एक्टर ने शेयर किया कि वह यह पता लगाना चाहते थे कि यंगर्स इन क्राइम्स के लिए क्यों इंस्पायर्ड होते हैं. उन्होंने आगे कहा, 'ये क्राइम एडल्ट से ज्यादा यंगर्स कर रहे हैं.'