Tihar Jail Break Insider: तिहाड़ जेल ब्रेक में नशीले लड्डुओं पर ‘बादाम’ लगाने की हैरतअंगेज वजह - EXCLUSIVE
16 मार्च 1986 को तिहाड़ जेल तोड़कर भागने वाले खूंखार अपराधियों में शामिल रहे, अजय कुमार सिंह तब तिहाड़ जेल नंबर-3 के वार्ड नंबर-13 में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद थे. चार्ल्स शोभराज और तिहाड़ जेल ब्रेक को लेकर वो जैसे खुलासे कर रहे हैं, उससे सुनकर आपको भी यकीन नहीं होगा.;
‘हम लोग जिस दिन यानी अब से 39 साल पहले जब 16 मार्च 1986 को एशिया की सबसे मजबूत दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल तोड़कर भागे, तो जेल के पहरेदारों को बेसुध करने के लिए नशीले लड्डुओं का इस्तेमाल किया गया था. इन नशा मिले इन लड्डुओं में से कई के ऊपर जान-बूझकर बादाम लगाए गए थे. क्योंकि भारत में आम-धारणा है कि जिस मिठाई के ऊपर बादाम मौजूद होता है, उसी को सबसे पहले खाने वाला उठाता है. उन नशीले लड्डुओं में से कुछ के ऊपर बादाम नहीं भी लगाया था. ताकि हमें पता रहे कि बादाम लगे नशीले लड्डू जेल का कौन कौन स्टाफ खा रहा है? बादाम लगे उन नशीले लड्डुओं में से सबसे पहले और सबसे ज्यादा 3 लड्डू एक साथ, जिस तिहाड़ जेल सुरक्षाकर्मी (दरवाजे पर जेल की चाबियों से ताला खोलने वाला) ने खाए. वही सबसे पहले बेसुध होकर एक तरफ को लुढ़क गया था.’
यह तमाम सनसनीखेज मगर उस तिहाड़ जेल ब्रेक के अब तक छिपे रहे सच को स्टेट मिरर हिंदी सामने ला रहा है, उस जेल फरारी कांड में शामिल रहे एक पूर्व विचाराधीन कैदी की मुंहजुबानी. ‘स्टेट मिरर हिंदी’ के पाठक इन दिनों लगातार पढ़ रहे हैं तिहाड़ जेल ब्रेक Tihar Jail Break) बिकिनी किलर-लेडी किलर (Lady Killer Bikini Killer) के नाम से दुनिया में बदनाम, अंतरराष्ट्रीय अपराधी चार्ल्स शोभराज द्वारा तिहाड़ जेल तोड़कर (Tihar Jail Break) भागने की कहानी का चौंकाने वाला सच. वह सच जो, बीते चार दशक से सिर्फ उन्हीं जेल भगोड़ों को मालूम था जो उस दुस्साहसिक घटना को अंजाम देकर भागे थे. तब से 39 साल बाद अब “स्टेट मिरर हिंदी” के एडिटर (क्राइम-इंवेस्टीगेशन यानी मैं), पॉडकास्ट के एक्सक्लूसिव एपीसोड के लिए तलाश कर बाहर लाए हैं अजय कुमार सिंह को. जो, दुनिया को हिला डालने वाली जेल तोड़ने की उस घटना में खुद भी शामिल थे.
किसके लिए तोड़ी गई तिहाड़ जेल?
16 मार्च 1986 को तिहाड़ जेल तोड़कर भागने वाले खूंखार अपराधियों में शामिल रहे, अजय कुमार सिंह तब तिहाड़ जेल नंबर-3 के वार्ड नंबर-13 में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद थे. बकौल अजय कुमार सिंह, “राजू भटनागर, देव कुमार त्यागी और डेविड हॉल द्वारा तिहाड़ जेल तोड़ने के लिए रचे गए उस षडयंत्र का मास्टरमाइंड नंबर-1 था, उस जमाने का खूंखार बैंक डकैत-सीरियल किलर बृजमोहन शर्मा और मेरी ही जेल में उसके साथ बंद लक्ष्मी नारायण सिंह. बृजमोहन शर्मा को उस जेल फरारी के कुछ साल बाद अगस्त 1991 में उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया. उस दिन चार्ल्स शोभराज का साथी डेविड हॉल, देव कुमार त्यागी, राजू भटनागर हमें, तिहाड़ जेल से बाहर से लेकर, सुरक्षित जगह तक पहुंचाने के लिए पहले से ही तिहाड़ के आसपास-बाहर मौजूद थे.”
जेल सुरक्षाकर्मी इशारों पर नाचते थे
उस दुस्साहसिक खौफनाक तिहाड़ जेल ब्रेक की मुंहजुबानी ‘कैमरे’ पर सुनाते हुए अजय कुमार सिंह कहते हैं, “जिस तिहाड़ जेल नंबर-3 में हम सब कैद थे उसका तकरीबन पूरा स्टाफ (सुरक्षाकर्मी) समझो हमारे इशारे पर नाच रहा था. उनका ब्रेकफास्ट-लंच, डिनर, चार बजे की चाय इत्यादि सब कुछ हम ही (जिन हम पांच बजरंग लाल, मैं, बृजमोहन शर्मा,चार्ल्स शोभराज और लक्ष्मी नारायण सिंह ) उपलब्ध कराने लगे थे. अक्सर ऐसा भी होता था कि जब यह खाने-पीने का सामान जेल स्टाफ (Tihar Jail Security) को मिलने में थोड़ी सी देरी होती तो, वे सब (जेलकर्मी) हमारी बैरक में ही आकर मांगने लगते थे कि, आज डिनर, लंच, ब्रेकफास्ट या चाय नहीं मिली या फिर लेट हो गई है. अब समझ लीजिए कि उस वक्त तिहाड़ जेल नंबर-3 के सुरक्षाकर्मियों के हम सब किस कदर मुंह लग चुके थे. या वे सब किस हद तक हम सब पर आश्रित हो चुके थे.”
ब्लैक वारंट वेब सीरीज में 'झूठ' भरा है!
दुनिया को हिला देने वाली उस तिहाड़ जेल ब्रेक (Tihar Jai Break) की इनसाइड स्टोरी सुनाने के दौरान अजय कुमार सिंह से पूछा गया कि, “उस जेल ब्रेक कांड और उसमें चार्ल्स शोभराज की फरारी को लेकर हाल ही में एक किताब ब्लैक वारंट (Black Warrant) बाजार में आई है. जोकि तिहाड़ जेल के ही एक पूर्व अधिकारी द्वारा लिखी गई है. इसी किताब के आधार पर नेटफ्लिक्स ने वेब सीरीज भी बनाई है. आप जो कहानी सुना रहे हैं आपकी इस कहानी से तो ब्लैक वारंट किताब और वेब सीरीज में कई चीजें एकदम अलग हैं?” पूछे जाने पर अजय कुमार सिंह कहते हैं, “न तो मैंने ब्लैक वारंट कोई किताब देखी पढ़ी है और न ही किसी वेब-फेब सीरीज का कुछ पता है. हां, सुना जरूर है लोगों से कि वो सब जो कुछ लिखा-पढ़ा गया है, या वेब सीरीज (Black Warrant Series) में दिखाया रहा है, वो तो मेरी असली स्टोरी के सामने सिर्फ और सिर्फ झूठ का पुलिंदा है, और कुछ नहीं.”
चार्ल्स के बर्थडे और केक की कहानी ‘फर्जी’
अजय कुमार सिंह किताब-वेब सीरीज (Black Warrant Web Series) और अपनी असली कहानी के बीच फर्क समझाते हुए बताते हैं, “सुना है कि वेब-सीरीज में चार्ल्स शोभराज के द्वारा जेल ब्रेक के षडयंत्र का राग अलापा गया है. जबकि चार्ल्स शोभराज (Lady Killer Charles Sobhraj) तो खुद ही हमारी जेल में घुसपैठिया बनकर आया था. वो तो हमारे साथ जबरिया ही भागने में शामिल हुआ. फिर वो कैसे मुख्य षडयंत्रकारी हो गया. दूसरी बात, वेब सीरीज में सुना है कि भागने वाले दिन चार्ल्स शोभराज और हम सबने जेल कर्मियों को बेहोश करने के लिए, चार्ल्स (Bikini Killer) का जन्मदिन मनाया जेल में और केक काटा. उसी केक में नशा मिला कर जेल कर्मियों को दे दिया गया था. मैं तो उस तमाशे का हिस्सा हूं. दावे के साथ कह रहा हूं कि यह बर्थडे वाली बात तो फर्जी-झूठी है.
वेब सीरीज वाले मुझसे पूछें सच...
अगर हमने उस दिन चार्ल्स (Charles Sobhraj) का बर्थडे मनाया. उसके बर्थडे केक में हमने जेल कर्मियों को बेहोश करने के लिए नशीली दवाई मिलाई तो फिर, हमने बर्फी को कुचल कर जेल में अपने हाथ से लड्डू क्यों बनाए? उन लडड्डूओं में हमने नशीली दवाई मिलाकर, उनके ऊपर बादाम क्यों लगाए? कोई बर्थडे नहीं मना और न ही कोई केक काटा गया. सब बकवास और सफेद झूठ है. वेब सीरीज वाले सच्चाई मुझसे आकर पूछें न. तब बताऊं कि इन्होंने किस कदर का झूठ फैलाया-परोसा है समाज में. ब्लैक वारंट के बलबूते आंख मूंदकर सीरीज बना डालने के दौरान.”
39 साल पहले तिहाड़ जेल ब्रेक की सच को बयान करतीं मगर बेहद चौकाने वाली स्टोरी से भरी ‘स्टेट मिरर हिंदी’ की यह सीरीज अभी हमारे पाठकों को आगे भी रोजाना पढ़ने को मिलेगी. इससे संबंधित पॉडकास्ट की कड़ियां देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को इस लिंक https://www.youtube.com/@statemirrornews/featured पर क्लिक करके सब्स्क्राइब करें, और स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर पहुंचें https://www.statemirror.com/