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आतंक की फंडिंग या कुछ और... आखिर पीओके की जमीन क्यों बेचता जा रहा पाकिस्तान?

ऑपरेशन सिंदूर में करारी हार के बाद भी पाकिस्तान सुधरने को तैयार नहीं. कश्मीर पर झूठा दावा ठोकने वाला पाकिस्तान अब पीओके की संपत्तियां बेचकर कर्ज चुकाने और आतंक फंडिंग का खेल खेल रहा है. लाहौर से लेकर सियालकोट तक की जमीनें चुपके से बेच दी गईं, और पीओके सरकार को भनक तक नहीं लगी.

आतंक की फंडिंग या कुछ और... आखिर पीओके की जमीन क्यों बेचता जा रहा पाकिस्तान?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 2 July 2025 12:48 PM

भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों और 11 एयरबेस को तहस-नहस कर दिया, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान सुधरने को तैयार नहीं है. फौज का मुखिया जनरल आसिम मुनीर अब भी कश्मीर को लेकर आग उगल रहा है. POK में मारे गए आतंकियों को वो 'शहीद' बता रहा है. वहीं पीओके की हालत खुद पाकिस्तान के काबू से बाहर होती जा रही है, लेकिन फिर भी उसकी नजर कश्मीर पर ही है.

एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार पीओके की कई ऐतिहासिक और कीमती संपत्तियां चोरी-छुपे बेच रही है. ये संपत्तियां लाहौर, रावलपिंडी, सियालकोट और खैबर पख्तूनख्वा जैसे इलाकों में मौजूद थीं. बताया गया है कि सरकार इन्हें बेचकर कर्ज चुकाने की कोशिश कर रही है. लेकिन शक ये भी है कि इस पैसे का कुछ हिस्सा आतंकी संगठनों तक पहुंचाया जा रहा है.

1961 से चल रही है पीओके की संपत्तियों की बंदरबांट

पाकिस्तान में मौजूद सरकारी दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि साल 1961 से अब तक कम से कम 35 ऐसी संपत्तियां बेची जा चुकी हैं जो पहले जम्मू-कश्मीर रियासत से जुड़ी थीं. इनमें लाहौर का कश्मीर हाउस, दयाल सिंह हवेली और पुंछ हाउस जैसे स्थान शामिल हैं. झेलम और शेखपुरा जिले में गांव तक बेचे गए हैं. ये सब संपत्तियां अब गुपचुप तरीके से प्राइवेट हाथों में दी जा रही हैं.

पीओके की सरकार को भनक तक नहीं लगी

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इन सौदों के बारे में न पीओके की सरकार को कुछ बताया गया, न ही उनसे सलाह ली गई. जानकारों का दावा है कि ये संपत्तियां उन लोगों को बेची गई हैं, जो पाकिस्तानी सेना और सत्ता के नजदीकी हैं. और वो भी बेहद सस्ते दामों पर. इसका मतलब ये भी है कि सरकार अंदरखाने कुछ छिपा रही है.

आतंक के लिए हो रही है फंडिंग की तैयारी?

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार इन संपत्तियों की बिक्री से मिलने वाली रकम का एक हिस्सा लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को भेज रही है. इसका मकसद है जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंक फैलाना. यानी कर्ज चुकाने की आड़ में पाकिस्तान भारत के खिलाफ छद्म युद्ध की तैयारी कर रहा है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में तबाह किए गए जगहों को फिर से बनाने का काम इस बार के सबूत दे रहे हैं.

IMF से लेकर चीन तक, कर्ज से परेशान पाक

पाकिस्तान की आर्थिक हालत इतनी खराब हो चुकी है कि IMF, सऊदी अरब, यूएई और यहां तक कि चीन से भी अरबों डॉलर का कर्ज लिया जा चुका है. हाल ही में पाकिस्तान ने 2.1 अरब डॉलर चीन से उधार लिए और कुछ पुराने लोन को भी रीस्ट्रक्चर किया. लेकिन कर्ज चुकाने के नाम पर जो खेल पीओके की जमीनों के साथ खेला जा रहा है, वो भारत के लिए एक गंभीर चेतावनी है.

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