आखिर क्यों पुलित्जर विजेता झुम्पा लाहिरी ने ठुकराया इसामू नोगुची अवार्ड? जानें पूरा मामला
पुलित्जर पुरस्कार विजेता लेखिका झुम्पा लाहिरी ने न्यूयॉर्क के नोगुची म्यूजियम से पुरस्कार लेने से मना कर दिया है. झुम्पा लाहिरी ने इस अवार्ड को लेने से मना इसलिए कर दिया क्योंकि इस म्यूजियम ने अपने तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. म्यूजियम ने अपने ड्रेस कोड के नियमों का हवाला दिया और कहा कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं.
पुलित्जर पुरस्कार विजेता लेखिका झुम्पा लाहिरी ने फिलिस्तीनी एकजुटता के प्रतीक केफियेह हेड स्कार्फ पहनने के कारण तीन कर्मचारियों को निकालने की घटना के विरोध में न्यूयॉर्क के नोगुची म्यूजियम से अपना पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. यह म्यूजियम प्रसिद्ध जापानी-अमेरिकी डिजाइनर और मूर्तिकार इसामु नोगुची द्वारा 40 साल पहले स्थापित किया गया था. अगस्त में म्यूजियम ने घोषणा की थी कि कर्मचारी काम के दौरान कोई ऐसा कपड़ा या एक्सेसरी नहीं पहन सकते जो "पॉलिटिकल मैसेज, नारे या प्रतीक" व्यक्त करता हो. न्यूयॉर्क टाइम्स ने सबसे पहले इस खबर की सूचना दी थी.
म्यूजियम ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, "झुम्पा लाहिरी ने हमारी ड्रेस कोड नीति के जवाब में 2024 इसामु नोगुची पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है. हम उनके दृष्टिकोण का सम्मान करते हैं और समझते हैं कि यह नीति सभी के विचारों से मेल नहीं खाती होगी." इजराइल के समर्थकों का मानना है कि केफियेह पहनना चरमपंथ का समर्थन करने का प्रतीक है. लाहिरी को 2000 में उनकी पुस्तक "इंटरप्रेटर ऑफ़ मैलाडीज़" के लिए पुलित्जर पुरस्कार मिला था.
इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष
गाजा में इजराइल के युद्ध को खत्म करने की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीनी एकजुटता के प्रतीक के रूप में केफियेह हेड स्कार्फ को काले और सफेद रंग में पहना है. यह प्रतीक लंबे समय से फिलिस्तीनी संघर्ष और आत्मनिर्णय के साथ जोड़ा गया है. नेल्सन मंडेला जैसे रंगभेद विरोधी नेता को भी कई बार इस स्कार्फ को पहने देखा गया था. दूसरी ओर, इजराइल के समर्थक इसे चरमपंथ का समर्थन मानते हैं.
पूर्व की घटनाएं
इससे पहले भी इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं. मई में न्यूयॉर्क के एक अस्पताल ने एक फिलिस्तीनी-अमेरिकी नर्स को तब निकाल दिया था जब उसने एक पुरस्कार स्वीकृति भाषण के दौरान गाजा में इजराइली कार्रवाई को "नरसंहार" कहा था. इजराइल ने दक्षिण अफ्रीका द्वारा लगाए गए नरसंहार के आरोपों से इनकार किया है. नवंबर में वर्मोंट में फिलिस्तीनी मूल के तीन छात्रों पर गोलीबारी की गई थी, जिनमें से दो केफियेह पहने हुए थे.





