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बुर्का पहनने पर क्‍यों प्रतिबंध लगा रहे यूरोपीय देश? जानिए इसके पीछे की वजह

स्विस देश में 1 जनवरी 2025 से बुर्के पर बैन लागू हो जाएगा. संघीय परिषद ने घोषणा कि है कि सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे को ढकने पर बैन लगा दिया है. कानून का उल्लंघन करने पर करीब 96,280 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूरोप के कई ऐसे देश हैं जहां पहले से ही बुर्के पर प्रतिबंध लगा हुआ है.

बुर्का पहनने पर क्‍यों प्रतिबंध लगा रहे यूरोपीय देश? जानिए इसके पीछे की वजह
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( Image Source:  canva )

Burqa Ban In European countries: इस्लाम धर्म में महिलाओं को लेकर कई पाबंदियां हैं. बुर्का तो मानो मुस्लिम महिलाओं का साया है. इसे लेकर कई देशों में विवाद होता रहता है. भारत में भी इस मुद्दे को समय-समय पर उछाला जाता है. नापसंद होने के बाद भी महिलाओं को ये पहनना पड़ता है. वहीं कुछ इसे धर्म का पालन मानकर पहनती हैं. लेकिन अब कई देश इस प्रथा को बैन करने पर आ गए हैं.

स्विटजरलैंड सरकार ने बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया है. स्विस देश में 1 जनवरी 2025 से बुर्के पर बैन लागू हो जाएगा. ये फैसला वहां बढ़ रहे कट्टरपंथी गतिविधि के बीच लिया गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूरोप के कई ऐसे देश हैं जहां पहले से ही बुर्के पर प्रतिबंध लगा हुआ है. आगे पर इनके बारे में विस्तार से जानेंगे.

स्विटजरलैंड में बुर्का बैन

स्विटजरलैंड की संघीय परिषद ने घोषणा कि है कि सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे को ढकने पर बैन लगा दिया है. कानून का उल्लंघन करने पर करीब 96,280 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि हवाई जहाज, राजनयिक परिसर, पूजा स्थल और पवित्र स्थल. सितंबर 2022 में स्विस की संसद के निचले सदन ने चेहरे को ढकने पर बैन लागू करने वाले कानून को पारित करने के लिए निर्णायक रूप से मतदान किया है.

किन देशों में है बुर्के पर प्रतिबंध

जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रिया, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम, ताजकिस्तान, तंजानिया, बुल्गारिया, कैमरून, चाड, कांगो, गैबन, नीदरलैंड, चीन और मोरक्को में बुर्के पर प्रतिबंध लगा हुआ है. यानी यूरोप के अलावा अफ्रीकी देशों में भी इस तरह की पाबंदी लगाई गई है.

सबसे पहले फ्रांस में बैन

यूरोप में बुर्के पर प्रतिबंध सबसे पहले फ्रांस ने लगाया था. इसके बाद कुछ देशों ने इसे बैन करना शुरू कर दिया. महिलाओं द्वारा इस कानून का उल्लंघन करने पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इससे पहले फ्रांस ने स्कूलों में धार्मिक चिन्हों पर रोक लगाई थी.

ऑस्ट्रिया में हिजाब पर बैन

साल 2019 में ऑस्ट्रिया ने भी प्राइमरी स्कूलों में छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया. जर्मनी के हेसे प्रांत भी सिविल सेवा के कर्मचारियों के बुर्का पहनने पर पाबंदी है. कानून के खिलाफ जाने पर 180 डॉलर के जुर्माने का प्रावधान है.

क्यों उठी प्रतिबंध की मांग?

बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की मांग कई देशों में हमेशा से उठाई जा रही है. उनका कहना है कि बुर्के के आड़ में आतंकवादी अपना काम करके निकल जाते थे और पता नहीं चल पाता था कि बुर्के के अंदर महिला है या पुरुष है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपीय देशों में कई आतंकी घटनाओं में बुर्के का इस्तेमाल किया गया है.

क्या है बुर्का बैन पर UN का रुख?

साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी ह्यूमन राइट्स कमेटी के जरिए बुर्का पर प्रतिबंध को गलता बताया था.यूएन का कहना था कि ये महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन तो है ही साथ ही धार्मिक तौर पर उनके विश्वासों को ठेस पहुंचाना भी है. विश्व भर में बहुत से मुस्लिम स्कॉलर महिलाओं को बुर्का में रखने को सही नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि महिलाओं को ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है.

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