मारा गया भारत का एक और दुश्मन! देता था 'USSR' जैसा अंजाम करने की धमकी; जानें कौन था मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर
भारत विरोधी जहरीले भाषणों के लिए कुख्यात जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर पाकिस्तान के बहावलपुर में संदिग्ध हालात में मृत मिला. हाल ही में उसने रैली में भारत को USSR जैसा अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. उसकी रहस्यमयी मौत को लेकर पाक खुफिया एजेंसियां और आतंकी नेटवर्क दोनों में हलचल मची है, लेकिन मौत की वजह पर अब तक सन्नाटा है.

भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के वरिष्ठ आतंकी कमांडर मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर की मौत ने आतंक के गलियारों में हलचल मचा दी है. बहावलपुर में जैश के मुख्यालय के पास उसका शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया. भारत के खिलाफ ज़हर उगलने वाले इस आतंकी की मौत कैसे हुई, यह अब तक एक रहस्य है, जिसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को भी बेचैन कर दिया है.
अब्दुल अज़ीज़ वही आतंकी था जिसने हाल ही में जैश की एक रैली में भारत को खुलेआम 'USSR जैसे अंजाम' की धमकी दी थी. उसके भाषण में भारत के खिलाफ नफरत और कट्टरता का ज़हर भरा था. रैली में मौजूद युवाओं को उसने युद्ध और बदले के नाम पर भड़काने की कोशिश की थी. अब उसी ज़हर उगलने वाले आतंकी की मौत ने उसके नेटवर्क की कमर तोड़ दी है.
मौत पर रहस्य, जवाबों से ज्यादा सवाल
जैश से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स ने अज़ीज़ की मौत और बहावलपुर में जनाज़े की पुष्टि तो कर दी है, लेकिन मौत की वजह पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है. रिपोर्ट्स में दिल का दौरा पड़ने की बात कही जा रही है, मगर सुरक्षा विशेषज्ञ इसे एक सुनियोजित “क्लीनअप ऑपरेशन” से भी जोड़कर देख रहे हैं. कई विश्लेषक इसे आतंक की रीढ़ तोड़ने की एक रणनीति मान रहे हैं.
कौन था मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर?
मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इसर जैश-ए-मोहम्मद का वरिष्ठ कमांडर और विचारधारात्मक अभियानों का प्रमुख चेहरा था, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भक्कर जिले के अशरफवाला, कल्लूर कोट क्षेत्र का रहने वाला था. वह वर्षों से भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय था और आतंकी हमलों की साजिशें रचने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत के खिलाफ भड़काने में अहम भूमिका निभाता था. जैश के बहावलपुर स्थित मुख्यालय ‘मरकज़’ में उसकी गहरी पकड़ थी और संगठन की भर्ती और प्रचार तंत्र में उसकी अहम भूमिका मानी जाती थी.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद मचा है खौफ
भारत द्वारा हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान के आतंकी संगठन बुरी तरह सहमे हुए हैं. जैश-ए-मोहम्मद के कई अड्डे मिसाइल हमलों में तबाह हो चुके हैं. माना जा रहा है कि अब्दुल अज़ीज़ की मौत उसी दबाव का हिस्सा है, जिसके तहत या तो आतंकी सफाए जा रहे हैं या उन्हें रास्ते से हटाया जा रहा है.
भारत विरोधी ब्रेनवॉश मशीनरी को झटका
अब्दुल अज़ीज़ जैश का वह चेहरा था जो युवाओं को ‘गज़वा-ए-हिंद’ जैसी सोच में ढालने और कट्टरपंथ की ट्रेनिंग देने में लगा हुआ था. खासकर बहावलपुर, रावलपिंडी और लाहौर जैसे इलाकों में उसकी मौजूदगी से भारत विरोधी ब्रेनवॉश अभियान को ताकत मिलती थी. उसकी मौत इस नेटवर्क को गहरा धक्का है, और भर्ती प्रणाली में दरार डाल सकती है.
चुपचाप कर दिया दफन
सूत्रों के मुताबिक उसे चुपचाप बहावलपुर में दफन कर दिया गया. न पाकिस्तान सरकार ने बयान दिया और न ही जैश ने कोई विस्तृत जानकारी साझा की. यह चुप्पी इस ओर संकेत करती है कि कहीं न कहीं कुछ छिपाया जा रहा है. मौलाना अज़ीज़ की मौत अब न सिर्फ आतंक के खिलाफ एक घटनाक्रम है, बल्कि यह पाकिस्तान की आतंकी नीति पर भी सवाल खड़ा कर रही है.