कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन जिसकी अपील पर लंदन में उतरे लाखों लोग? चार्ली किर्क से हो रही तुलना
ब्रिटेन की राजधानी लंदन में टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में ऐतिहासिक इमिग्रेशन विरोधी रैली हुई. 1 लाख से ज्यादा लोग इसमें शामिल हुए और कई स्थानों पर पुलिस से झड़प भी हुई. जानें कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन, उनका आपराधिक रिकॉर्ड, जेल में बिताए साल और चार्ली किर्क से तुलना. रैली ने ब्रिटेन में प्रवास नीति और दक्षिणपंथी आंदोलनों पर बहस तेज कर दी.

नेपाल के बाद अब लंदन की सड़कों पर ब्रिटेन के इतिहास का सबसे बड़ा दक्षिणपंथी प्रदर्शन देखने को मिला. अनुमान है कि 1 लाख से अधिक लोग इस रैली का हिस्सा बने. यह विरोध इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ था और इसे विवादित कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में आयोजित किया गया था. रैली का नाम Unite the Kingdom रखा गया, जिसमें प्रवासियों के खिलाफ कड़े नारे लगे और कई जगह पुलिस से झड़प भी हुई.
यह प्रदर्शन तब सुर्खियों में आ गया जब भीड़ के एक हिस्से ने पुलिस पर बोतलें और घूंसे बरसाए, जिससे 26 अधिकारी घायल हो गए. कई प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के खिलाफ "घर भेजो" जैसे नारे लगाए. रैली में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की MAGA टोपी पहनने वाले, यूनियन जैक और यहां तक कि अमेरिकी और इज़रायली झंडे लहराने वाले लोग भी शामिल थे.
कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन?
टॉमी रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है. वह 41 वर्षीय दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और पूर्व राजनीतिक नेता हैं, जिन्होंने 2009 में English Defence League (EDL) नाम का संगठन बनाया था. यह संगठन इमिग्रेशन और इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ आवाज उठाता था, लेकिन अक्सर इसे फुटबॉल होलीगनिज़्म और हिंसक झड़पों से जोड़ा गया.
रॉबिन्सन खुद को "सांस्कृतिक क्रांति" का प्रवक्ता बताते हैं और हाल ही में उन्होंने लंदन की इस रैली को ब्रिटिश संस्कृति और आज़ादी की लड़ाई बताया. रैली में एलन मस्क, फ्रांस के एरिक ज़ेमूर और जर्मनी की AfD पार्टी जैसे नेताओं का समर्थन भी मिला, जिन्होंने प्रवासियों के खिलाफ साजिश सिद्धांतों को दोहराया.
अपराधों से रहा है पुराना नाता
रॉबिन्सन का आपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा है. उन पर हमला, धोखाधड़ी, बंधक बनाने और कोर्ट की अवमानना जैसे कई मामले दर्ज हो चुके हैं. 2018 में वह एक ट्रायल के बाहर लाइव स्ट्रीमिंग करने के आरोप में जेल भेजे गए थे. इसके अलावा, 2024 में हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर उन्हें 18 महीने की सजा भी मिली थी. उन्होंने 2021 में दिवालिया होने की घोषणा की थी और माना जाता है कि डोनेशन से मिली रकम का बड़ा हिस्सा जुए में गंवा दिया. इसके बावजूद वह लगातार ब्रिटेन की राजनीति और सोशल मीडिया पर प्रभावशाली बने हुए हैं.
कितने साल जेल में रहे?
टॉमी रॉबिन्सन ने अपने करियर का बड़ा हिस्सा जेल और अदालतों के चक्कर में बिताया है. कई बार गिरफ्तारी और अलग-अलग मामलों की सजा ने उनकी छवि को और विवादित बना दिया. अनुमान है कि वह कुल मिलाकर कई साल जेल में बिता चुके हैं. इसके बावजूद, वह लगातार सरकार और प्रवासियों के खिलाफ मुखर आवाज उठाते रहे हैं. जेल से बाहर आने के बाद भी उनका प्रभाव कम नहीं हुआ, बल्कि उनकी "पीड़ित" छवि ने उन्हें और लोकप्रिय बना दिया.
चार्ली किर्क से तुलना क्यों हो रही है?
टॉमी रॉबिन्सन की तुलना अक्सर अमेरिका के दक्षिणपंथी कार्यकर्ता चार्ली किर्क से की जाती है. दोनों ही इमिग्रेशन और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर मुखर हैं और सोशल मीडिया के ज़रिए बड़ी संख्या में युवाओं को प्रभावित करते हैं. जैसे चार्ली किर्क अमेरिका में Turning Point USA के जरिए दक्षिणपंथी राजनीति को मजबूत करते हैं, वैसे ही रॉबिन्सन ब्रिटेन में "सांस्कृतिक पहचान" और "राष्ट्रवाद" के नाम पर लोगों को जोड़ते हैं. दोनों के भाषणों और अभियानों में प्रवासी-विरोधी रुख साफ देखा जा सकता है.
लंदन रैली का संदेश
लंदन की इस रैली को टॉमी रॉबिन्सन ने ब्रिटेन की "आजादी की लड़ाई" करार दिया. उनका कहना है कि अनियंत्रित प्रवास ने ब्रिटेन की पहचान को खतरे में डाल दिया है और सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए. इस संदेश को बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिला, हालांकि आलोचक इसे नफरत और विभाजन फैलाने वाला एजेंडा बताते हैं.
सरकार और पुलिस की चुनौती
इस रैली ने ब्रिटेन की सरकार और पुलिस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. पुलिस ने अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है और बाकी की पहचान की जा रही है. वहीं सरकार पर दबाव है कि वह प्रवासियों के मुद्दे पर ठोस कदम उठाए. सवाल यह भी है कि क्या इस तरह की रैलियां ब्रिटेन की सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचा सकती हैं? विशेषज्ञ मानते हैं कि रॉबिन्सन जैसे नेता समाज को बांटने का काम करते हैं, लेकिन साथ ही वे लोगों की असंतुष्टि का फायदा उठाकर लोकप्रियता हासिल करते हैं.
टॉमी रॉबिन्सन की बढ़ती लोकप्रियता
जेल, विवादों और आलोचनाओं के बावजूद टॉमी रॉबिन्सन आज ब्रिटेन में दक्षिणपंथ का बड़ा चेहरा बन चुके हैं. सोशल मीडिया पर उनकी पकड़ मजबूत है और हर बड़ी रैली के साथ उनका प्रभाव बढ़ता जा रहा है. उनके समर्थक उन्हें "सत्य बोलने वाला कार्यकर्ता" मानते हैं, जबकि विरोधी उन्हें "खतरनाक उग्रपंथी" करार देते हैं. लेकिन इतना तय है कि टॉमी रॉबिन्सन ने ब्रिटेन की राजनीति और समाज में एक नई बहस को जन्म दे दिया है.