असद के पतन का 'सुपरहीरो', कौन है सीरिया के मोहम्मद अल-जोलानी, जिन्होंने उखाड़ फेंकी सत्ता?
Mohammed Al-Jolani: विद्रोही गठबंधन के नेता जिन्होंने असद के पतन का नेतृत्व किया. 1982 में जन्मे जोलानी का पालन-पोषण दमिश्क के एक उच्चस्तरीय जिले माज़ेह में हुआ. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने 2022 में कहा कि 13 साल से चल रहे सीरियाई संघर्ष में 2011 से 2021 के बीच 305,000 से अधिक लोग मारे गए.

Mohammed Al-Jolani: सीरिया में 24 साल पुराने राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का अंत तो हो गया, लेकिन इसके पीछे का मास्टरमाइंड कौन है, ये जानना बेहद दिलचस्प है. नाम है अबू मोहम्मद अल-जोलानी, जिन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है. जोलानी उस विद्रोही इस्लामी गठबंधन के नेता हैं, जिसके बारे में विद्रोहियों का कहना है कि इसने राष्ट्रपति बशर अल-असद को गिरा दिया और सीरिया में पांच दशक के बाथ पार्टी शासन को समाप्त कर दिया.
सीरियाई विद्रोही गुटों ने रविवार यानी 8 नवंबर 2024 को सुबह सरकारी टेलीविजन के जरिए घोषणा की कि उन्होंने बशर अल-असद को उखाड़ फेंका है और उन कैदियों को रिहा कर दिया है, जिन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से हिरासत में लिया गया था. 14 सालों से चल रहे इस गृहयुद्ध का अंत बशर अल-असद के शासन के साथ हो गया. असद जब साल 2000 में राष्ट्रपति के रूप में आए थे, जब कई लोगों को उम्मीद थी कि वह अपने पिता के 30 साल के सत्तावादी शासन के बाद सुधार लाएंगे. हालांकि, इसका बुरा अंत हुआ.
कौन है मोहम्मद अल-जोलानी?
जोलानी हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का चीफ है, जिसका संगठन अल-कायदा की सीरियाई शाखा से संबंध है. वह एक उग्रवादी है, जिसने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक उदार रुख अपनाया है. जोलानी सालों तक गुप्त रूप से अपना काम संचालित करते रहे.
1982 में जन्मे जोलानी का पालन-पोषण दमिश्क के एक उच्चस्तरीय जिले माज़ेह में हुआ. वह एक संपन्न परिवार से थे और एक अच्छे छात्र थे. गृहयुद्ध के दौरान उसने अपने बयानों पर अपने वास्तविक नाम - अहमद अल-शरा - से हस्ताक्षर करना शुरू कर दिया. मिडिल ईस्ट आई समाचार वेबसाइट के अनुसार, 11 सितम्बर 2001 के हमलों के बाद जोलानी पहली बार जिहादी सोच की ओर आकर्षित हुए.
सात साल सऊदी अरब में रहे हैं जोलानी
जोलानी ने अपने जन्म के बाद से सात साल सऊदी अरब में बिताए, जहां उनके पिता वहां एक तेल इंजीनियर के रूप में काम करते थे. बाद में वह दमिश्क चले गए, जहां उनके दादा सीरिया में गोलान हाइट्स पर इजरायल के कब्जे के बाद पहुंचे. उन्होंने खुद दावा किया है कि 2000 में दूसरे इंतिफादा की ओर से उन्हें कट्टरपंथी बना दिया गया था.
जोलानी ने 2021 में अमेरिकी प्रसारक PBS को बताया कि उनका उपनाम गोलान हाइट्स में उनके परिवार की जड़ों का संदर्भ था, उन्होंने दावा किया कि उनके दादा को 1967 में इस क्षेत्र पर इजरायल के कब्जे के बाद भागने के लिए मजबूर किया गया था. अब जोलानी खुद को सीरिया के भावी नेता के रूप में देखते हैं,
राष्ट्रपति असद कहां हैं?
जैसे-जैसे विद्रोही सेनाएं दमिश्क के बाहरी इलाकों में आगे बढ़ रही हैं, युद्धग्रस्त देश के अंदर और बाहर सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के ठिकाने के बारे में अटकलें तेज हो रही हैं. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि असद विद्रोहियों के एक तेज हमले में काफी क्षेत्रीय नुकसान के बाद दमिश्क अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से सीरिया से भाग गए.