कौन हैं 40 साल में 'एडल्टहुड' को पाने वाले शाही परिवार के पहले पुरुष हिसाहितो? जापान में क्यों है खुशी का माहौल, उत्तराधिकार के नियम क्या हैं?
जापान के राजकुमार हिसाहितो ने 18 साल की उम्र पूरी कर शाही परंपरा के मुताबिक एडल्टहुड हासिल कर लिया है. वह जापान में 40 साल बाद ऐसे पहले पुरुष हैं, जिन्होंने यह पड़ाव पार किया है. अब सवाल उठता है कि शाही उत्तराधिकार की लाइन में कौन बनेगा अगला राजकुमार? फिलहाल, नया राजकुमान मिलने से जापान के लोगों में खुशी की लहर है.

जापान के शाही परिवार में लंबे समय बाद बड़ा बदलाव हुआ है. सम्राट नारुहितो के भतीजे और राजकुमार अकिशिनो के बेटे हिसाहितो ने हाल ही में 18 साल (एडल्टहुड) पूरे कर लिए हैं. यानी शाही परिवार को वयस्क (एडल्टहुड) उत्तराधिकारी मिल गया है. यह खास इसलिए है क्योंकि वे पिछले 40 साल में ऐसे पहले पुरुष हैं, जिन्होंने शाही परिवार में यह पड़ाव हासिल किया है. अब सवाल उठता है कि शाही उत्तराधिकार की लाइन में कौन बनेगा अगला राजकुमार? राजकुमार अकिशिनो या फिर राजकुमार हिसाहितो क्रिसेंथेमम सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में दूसरे स्थान पर राजकुमार हिसाहितो एक दिन सम्राट बन सकते हैं.
हिसाहिता का वयस्क होना अहम क्यों?
वर्तमान में जापान के सम्राट नारुहितो हैं, लेकिन उनका कोई पुत्र नहीं है. ऐसे में उत्तराधिकार की लाइन उनके छोटे भाई राजकुमार अकिशिनो (फुमिहितो) तक जाती है. अकिशिनो के बाद उनके बेटे राजकुमार हिसाहितो तीसरे नंबर पर हैं. यही वजह है कि हिसाहितो का एडल्टहुड हासिल करना जापान के लोगों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है.
सम्राट नारुहितो के 19 वर्षीय भतीजे क्रिसेंथेमम सिंहासन के उत्तराधिकारी के रूप में दूसरे स्थान पर हैं. उनके बाद कोई अन्य पुरुष उत्तराधिकारी न होने के कारण जापान पर 19वीं सदी के केवल पुरुषों के उत्तराधिकार के नियमों पर पुनर्विचार करने का दबाव बढ़ रहा है.
हिसाहिता का एडल्टहुड हासिल करने पर विशेष कार्यक्रम का पिछले एक साल से लोग इंतजार कर रहे थे. यह कार्यक्रम अभी तक इसलिए नहीं हो पाया था कि हिसाहिता विश्वविद्यालय परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित कर अध्ययन में व्यस्त थे. शनिवार को उनके पारिवारिक निवास पर वयस्क पुरुष होने कार्यक्रम शुरू हुआ, जहां उन्हें सम्राट के एक दूत से एक कन्मुरी मुकुट प्राप्त हुआ.
क्यों जताया सम्राट का आभार
द गार्जियन के अनुसार हिसाहितो ने कहा, "आज वयस्क होने के समारोह में मुकुट प्रदान करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद." "मैं शाही परिवार के एक वयस्क सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करूंगा."
PM शिगेरु इशिबा से जल्द करेंगे मुलाकात
निप्पॉन के अनुसार शाही महल में उन्होंने औपचारिक पोशाक पहनने से पहले वयस्कता के प्रतीक पारंपरिक वस्त्र पहने और फिर शाही गाड़ी में सवार होकर महल के तीन मंदिरों में गए. इस मंदिरों में जापान के प्रथम सम्राट जिनमू की समाधि, इसे तीर्थस्थल और उनके परदादा सम्राट शोवा की समाधि के दर्शन भी शामिल हैं. वह प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी बहुत मुलाकात करेंगे. बता दें कि 1985 के बाद राजकुमार हिसाहितो के पिता, युवराज अकिशिनो के बाद किसी जापानी शाही राजकुमार का पहला वयस्कता समारोह जापान में मनाया जा रहा है.
ड्रैगनफ्लाई में है युवराज की खास रुचि
हिसाहितो का जन्म 6 सितंबर, 2006 को हुआ था. वह युवराज अकिशिनो और युवराज किको के इकलौते पुत्र हैं. हिसाहितो इस समय त्सुकुबा विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं. नए छात्र के रूप में उनकी विशेष रुचि ड्रैगनफ्लाई में है. उन्होंने अपनी अकासाका संपत्ति में कीटों पर एक अध्ययन का सह-लेखन किया है. बताया जाता है कि उनका लक्ष्य शहरी कीट आबादी के संरक्षण पर केंद्रित है.
इस नियम के तहत मिला युवराज होने का दर्जा
हिसाहितो की दो बड़ी बहनें है. काको और पूर्व राजकुमारी माको, जिन्होंने एक आम आदमी से शादी करने के बाद अपना शाही दर्जा त्याग दिया था. हालांकि, सम्राट नारुहितो की एक बेटी 23 वर्षीय राजकुमारी आइको है, लेकिन 1947 के शाही परिवार कानून के तहत उन्हें उत्तराधिकार की पंक्ति से वंचित कर दिया गया है, जो सिंहासन को पुरुषों तक सीमित करता है.
राजशाही को बचाने का संकट
वर्तमान में शाही परिवार में 16 वयस्क सदस्य हैं, लेकिन केवल युवराज अकिशिनो और राजकुमार हिसाहितो ही युवा पुरुष उत्तराधिकारी के रूप में बचे हैं. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार पूर्व शाही परिवार एजेंसी प्रमुख शिंगो हाकेटा ने कहा, "मूल प्रश्न यह नहीं है कि पुरुष या महिला उत्तराधिकार की पंक्ति को अनुमति दी जाए, बल्कि यह है कि राजशाही को कैसे बचाया जाए?"
दरअसल, जापान में ऐतिहासिक रूप से 8 महिलाएं राज करती रही हैं. हालांकि, वर्तमान कानून महिलाओं को सिंहासन पर चढ़ने से रोकता है. हिसाहितो के जन्म के बाद इस प्रणाली में संशोधन के प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया. इस बात पर बहस जारी है कि क्या महिलाओं को विवाह के बाद भी शाही दर्जा बरकरार रखना चाहिए या वंश को बचाए रखने के लिए दूर की शाखाओं से पुरुष वंशजों को गोद लिया जाना चाहिए.
क्या है जापानी राज परिवार का इतिहास
जापान का शाही परिवार दुनिया का सबसे पुराना वंशानुगत राजघराना माना जाता है. इसमें उत्तराधिकार का नियम बेहद सख्त हैं. साल 1947 के इम्पीरियल हाउस लॉ के मुताबिक शाही परिवार की गद्दी पर केवल पुरुष ही बैठ सकते हैं. यानी सम्राट की बेटियां या महिला सदस्य उत्तराधिकारी नहीं बन सकतीं.
वर्तमान में जापान के सम्राट नारुहितो हैं, लेकिन उनका कोई पुत्र नहीं है. ऐसे में उत्तराधिकार की लाइन उनके छोटे भाई राजकुमार अकिशिनो (फुमिहितो) तक जाती है. अकिशिनो के बाद उनके बेटे राजकुमार हिसाहितो तीसरे नंबर पर हैं. यही वजह है कि हिसाहितो का एडल्टहुड हासिल करना बेहद अहम माना जा रहा है. मौजूदा समय में केवल तीन पुरुष ही लाइन ऑफ सक्सेशन में शामिल हैं. इनमें राजकुमार अकिशिनो (फुमिहितो) सम्राट नारुहितो के छोटे भाई, राजकुमार हिसाहितो (अकिशिनो के बेटे और प्रिंस हिताची) सम्राट नारुहितो के चाचा.
यही वजह है कि शाही उत्तराधिकार के लिहाज से शाही परिवार का भविष्य काफी हद तक हिसाहितो पर टिका हुआ है. अगर नियमों में बदलाव नहीं हुए तो वे आने वाले समय में जापान के क्राउन प्रिंस और उसके बाद सम्राट बनने के सबसे मजबूत दावेदार हैं.