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क्या करके मानेंगे डोनाल्ड ट्रंप? चीन पर लगाया 245% तक का टैरिफ, ड्रैगन बोला- हम झुकने वालों में से नहीं

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर फिर तेज हो गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 245% कर दिया है, जिसे लेकर चीन ने तीखा जवाब दिया है. ट्रंप बोले- "गेंद अब चीन के पाले में है." चीन ने कहा, “हम डरते नहीं.” इससे वैश्विक बाजारों में हलचल और कूटनीतिक तनाव गहराने की आशंका है.

क्या करके मानेंगे डोनाल्ड ट्रंप? चीन पर लगाया 245% तक का टैरिफ, ड्रैगन बोला- हम झुकने वालों में से नहीं
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नवनीत कुमार
By: नवनीत कुमार

Updated on: 16 April 2025 3:23 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक व्यापार में एक नया मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने चीन के खिलाफ टैरिफ को एक रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए 34% से शुरू होकर सीधा 245% तक पहुंचा दिया. इस टैरिफ विस्फोट के पीछे ट्रंप का मकसद साफ है. चीन को बातचीत की मेज पर मजबूती से खींच लाना और अमेरिका के व्यापार घाटे को पलटना.

अमेरिका द्वारा चीन पर 245% टैरिफ लगाने की घोषणा के कुछ ही देर बाद, बीजिंग ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने स्पष्ट किया कि चीन व्यापार युद्ध से न तो घबराता है, न पीछे हटता है. यह जवाब ऐसे समय आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे चीन को बातचीत की मेज पर आने की चुनौती दी थी. चीन का यह रुख संकेत देता है कि दोनों देशों के बीच यह सिर्फ आर्थिक खींचतान नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन की लड़ाई बन चुकी है.

फैसला चीन को करना है: व्हाइट हाउस

व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग में ट्रंप का संदेश बिल्कुल स्पष्ट था. अब फैसला चीन को करना है. प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा, "गेंद चीन के पाले में है, अब उन्हें तय करना है कि वे समझौते की राह चुनते हैं या और टकराव की." इस बयान से साफ है कि ट्रंप प्रशासन चीन को वैश्विक दबाव के बीच झुकाने की नीति पर कायम है.

ब्लैकमेल की नीति छोड़े अमेरिका

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियन ने अमेरिका को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर वाशिंगटन वास्तव में बातचीत से समाधान चाहता है, तो उसे दबाव बनाने की रणनीति छोड़नी होगी. उन्होंने ट्रंप प्रशासन से धमकियों और ब्लैकमेल की भाषा बंद करने की अपील की और कहा कि चीन सिर्फ समानता, सम्मान और पारस्परिक लाभ के आधार पर ही किसी भी संवाद को स्वीकार करेगा.

चल रहा टैरिफ युद्ध

अब तक के टैरिफ युद्ध में अमेरिका ने चीन से आने वाले सामानों पर 145% तक शुल्क लगाया था, जबकि जवाब में चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% टैक्स थोप दिया था. इसके साथ ही बीजिंग ने एयरोस्पेस कंपनियों और रक्षा क्षेत्र से जुड़े ठेकेदारों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कुछ अहम सामानों के निर्यात पर रोक लगाकर दबाव बढ़ा दिया है.

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