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क्या है डेड हैंड? पुतिन के करीबी मेदवेदेव की चेतावनी से भड़के ट्रंप, परमाणु ताकत दिखाने उतरे

रूस के पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव के ‘डेड हैंड’ सिस्टम की धमकी पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. ट्रंप ने रूस के पास दो परमाणु पनडुब्बियों को तैनात करने का आदेश दिया. यह कदम मेदवेदेव के उस बयान के बाद उठाया गया जिसमें उन्होंने शीत युद्ध काल की परमाणु जवाबी प्रणाली 'डेड हैंड' की याद दिलाई थी.

क्या है डेड हैंड? पुतिन के करीबी मेदवेदेव की चेतावनी से भड़के ट्रंप, परमाणु ताकत दिखाने उतरे
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 2 Aug 2025 7:13 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर हलचल मचा दी है. रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव के भड़काऊ बयानों के जवाब में ट्रंप ने दो परमाणु पनडुब्बियों को रूस के आस-पास के "उपयुक्त क्षेत्रों" में तैनात करने का आदेश दिया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ' पर लिखा कि ऐसे बयान अनपेक्षित और खतरनाक परिणाम ला सकते हैं.

मेदवेदेव ने ट्रंप के बयानों पर पलटवार करते हुए ‘डेड हैंड’ की धमकी दी जो कि शीत युद्ध के दौर की एक स्वचालित परमाणु प्रतिक्रिया प्रणाली थी. यह व्यवस्था सोवियत संघ ने तैयार की थी, जो किसी भी हमले की स्थिति में स्वतः परमाणु हमला कर सकती थी. मेदवेदेव ने ट्रंप को "Walking Dead" फिल्मों की याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें 'डेड हैंड' की शक्ति को नहीं भूलना चाहिए. इस पर ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि शब्दों का महत्व होता है, और इस बार मामला बेहद गंभीर है.

डेड हैंड क्या है?

‘डेड हैंड’ (Dead Hand), जिसे “परिमीत्र” भी कहा जाता है, सोवियत संघ द्वारा शीत युद्ध के दौरान विकसित की गई एक स्वचालित परमाणु प्रतिक्रिया प्रणाली थी. इसका उद्देश्य था कि यदि सोवियत नेतृत्व किसी परमाणु हमले में पूरी तरह नष्ट हो जाए, तो यह प्रणाली स्वतः सक्रिय होकर दुश्मन पर जवाबी परमाणु हमला कर दे. यह एक तरह का "डूम्सडे" सिस्टम था, जो किसी भी हमले की स्थिति में मानव हस्तक्षेप के बिना ही परमाणु मिसाइलें लॉन्च कर सकता था. डेड हैंड को विश्व की सबसे खतरनाक सैन्य प्रणालियों में गिना जाता है क्योंकि यह पूरी तरह स्वचालित विनाश का प्रतीक है.

पुतिन को दी गई चेतावनी

ट्रंप ने पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को यूक्रेन में युद्धविराम के लिए 10 दिन का समय दे रखा है, जिसमें अब केवल कुछ दिन बचे हैं. ट्रंप ने साफ कर दिया है कि यदि पुतिन इस अवधि में कोई ठोस शांति प्रयास नहीं करते, तो उन्हें और कड़े अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. ट्रंप का मानना है कि रूस शांति की बात करता है लेकिन ज़मीन पर हमले नहीं रोकता, जो उसकी मंशा पर सवाल खड़े करता है.

ट्रंप की टिप्पणी से और भड़का विवाद

ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर भी विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देश मिलकर अपनी "डेड इकॉनॉमी" को और भी तबाह कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और रूस के बीच व्यापार न होना ही बेहतर है. इस बयान के बाद मेदवेदेव ने ट्रंप पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार भूल जाना चाहिए. इस जुबानी जंग ने दोनों नेताओं के बीच टकराव को और तीखा बना दिया.

ईरान पर हमले को लेकर रूस की नाराजगी

हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान के कुछ परमाणु स्थलों पर किए गए कथित हमलों की रूस ने कड़ी निंदा की थी. रूस ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का गंभीर उल्लंघन बताया. मेदवेदेव के ताजा बयान इस पृष्ठभूमि में भी देखे जा रहे हैं, जहां रूस यह जताना चाहता है कि वह अमेरिका की हरकतों का जवाब देने को तैयार है, चाहे वह ईरान हो या यूक्रेन.

तनाव का बढ़ता ग्राफ

ट्रंप द्वारा परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती का आदेश और मेदवेदेव की 'डेड हैंड' की धमकी इस ओर इशारा करते हैं कि अमेरिका और रूस के बीच तनाव एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है. हालांकि ट्रंप वर्तमान में सत्ता में नहीं हैं, फिर भी उनके बयान और फैसले वैश्विक रणनीतिक संवाद में गूंजते हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी है या परमाणु शक्ति संतुलन के लिए नया खतरा?

डोनाल्ड ट्रंप
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