सर क्रीक में पाकिस्तानी शो ऑफ या डर? भागे-भागे पहुंचे एडमिरल नविद अशरफ, भारत ने कहा- दिखावे से नहीं चलेगा काम
पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नविद अशरफ ने भारत सीमा के पास विवादित सर क्रीक इलाकों का दौरा कर तीन नए होवरक्राफ्ट नौसेना में शामिल किए. भारत ने इस कदम को उकसाने वाली कार्रवाई बताया. इसपर भारत ने नाराजगी जताई है. क्या यह रक्षात्मक कदम है या चीन-पाक रणनीति का नया मोर्चा?
भारत और पाकिस्तान की सीमा के पास फैले समुद्री इलाकों में एक बार फिर हलचल मच गई है. सर क्रीक, जो अक्सर नक्शों से ज़्यादा विवादों में नजर आता है, अब पाकिस्तान की नई नौसैनिक चाल का गवाह बन गया है. पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नविद अशरफ खुद वहां पहुंच गए- वो भी तब, जब भारत अपनी बड़ी सैन्य कवायद की तैयारी में है. क्या यह महज़ औपचारिक दौरा था या किसी बड़े संदेश की शुरुआत? यही सवाल अब हिंद महासागर की लहरों पर तैर रहा है.
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार, एडमिरल नविद अशरफ ने भारत-पाक सीमा के पास स्थित विवादित क्रीक इलाकों का दौरा किया. यह इलाका लंबे समय से दोनों देशों के बीच मतभेद का केंद्र रहा है. अशरफ ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान “सर क्रीक से लेकर जिवानी तक अपने समुद्री क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेगा.” उनके इस बयान ने सुरक्षा हलकों में हलचल मचा दी.
तीन नए होवरक्राफ्ट बढ़ाए
इस दौरे के दौरान पाकिस्तान ने अपनी नौसैनिक क्षमता को और मजबूत किया. एडमिरल अशरफ ने पाक मरीन में तीन आधुनिक 2400 टीडी होवरक्राफ्ट को शामिल किया. ये जहाज उथले पानी, दलदल और रेतीले इलाकों में भी काम करने की क्षमता रखते हैं. जहां पारंपरिक नौकाएं अक्सर बेकार साबित होती हैं.
‘हर इंच की रक्षा करेंगे’: अशरफ
सैनिकों को संबोधित करते हुए एडमिरल अशरफ ने कहा कि पाकिस्तान नौसेना देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा, “ये नए होवरक्राफ्ट हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं.” उन्होंने समुद्री सुरक्षा को राष्ट्रीय नीति का अहम हिस्सा बताया.
भारत पर अप्रत्यक्ष निशाना
अशरफ ने कहा कि पाकिस्तान नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में “शांति और स्थिरता” की गारंटी है. हालांकि, उनके इस बयान के बीच कई विशेषज्ञों ने इसे भारत की बढ़ती नौसैनिक मौजूदगी पर अप्रत्यक्ष प्रतिक्रिया माना. पाकिस्तान का दावा है कि वह केवल अपने क्षेत्र की रक्षा कर रहा है, लेकिन उसकी गतिविधियां कुछ और इशारा कर रही हैं.
भारत ने जताई नाराज़गी
भारत ने इस दौरे को “उकसाने वाली कार्रवाई” बताया है. भारतीय खुफिया सूत्रों के मुताबिक, यह यात्रा जानबूझकर भारत की संयुक्त सैन्य कवायद से ठीक पहले की गई ताकि कूटनीतिक दबाव बनाया जा सके. सूत्रों का मानना है कि यह पाकिस्तान की “सैन्य आक्रामकता दिखाने की कोशिश” है.
रणनीति या दिखावा?
खुफिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तान का यह कदम असल में “रक्षात्मक” है, लेकिन इसे आक्रामक रूप में पेश किया जा रहा है. नए होवरक्राफ्ट विशेष रूप से सर क्रीक के दलदली इलाकों की निगरानी के लिए बनाए गए हैं, जो रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है.
चीन की छाया में खेली जा रही नई चाल
भारतीय एजेंसियों ने यह भी संकेत दिए हैं कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे चीन का भी प्रभाव है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस तरह की गतिविधियों से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत समुद्री सहयोग को वैध ठहराना चाहता है. विशेष रूप से ग्वादर और जिवानी के बीच चीन की उपस्थिति को मजबूत करने का यह अप्रत्यक्ष प्रयास हो सकता है.





