Begin typing your search...

तुम सभी के हाथ खून से रंगे हैं... वानिया अग्रवाल ने Build 2025 में किया बवाल; लगाया ‘फ्री फिलिस्तीन’ का नारा | Video

विवादों में घिरी भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर वानिया अग्रवाल ने एक बार फिर माइक्रोसॉफ्ट के डेवलपर सम्मेलन बिल्ड 2025 में विरोध दर्ज कराया. इज़रायल सरकार के साथ माइक्रोसॉफ्ट के अनुबंधों का विरोध करते हुए उन्होंने मंच पर बाधा डाली. इससे पहले भी उन्होंने कंपनी की 50वीं वर्षगांठ पर इसी मुद्दे को लेकर नारा लगाते हुए प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.

तुम सभी के हाथ खून से रंगे हैं... वानिया अग्रवाल ने Build 2025 में किया बवाल; लगाया ‘फ्री फिलिस्तीन’ का नारा | Video
X
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 22 May 2025 6:51 AM

भारतीय-अमेरिकी पूर्व इंजीनियर वानिया अग्रवाल एक बार फिर माइक्रोसॉफ्ट के कार्यक्रम में विरोध प्रदर्शन करती नज़र आईं. इस बार उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के वार्षिक डेवलपर सम्मेलन बिल्ड 2025 में मंच के दौरान विरोध किया.

मंच पर एआई से जुड़ी सुरक्षा पर चर्चा चल रही थी, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट की जिम्मेदार एआई प्रमुख सारा बर्ड और नेता हैबी भाग ले रहे थे. तभी वानिया और उनके साथ मौजूद होसम नस्र ने अचानक मंच पर चिल्लाते हुए कार्यक्रम में खलल डाला. उसने कहा कि AI की मदद से फिलिस्तीन के लोग मारे जा रहे हैं.

बिल्ड 2025 के आयोजन में बाधा

प्रदर्शनकारी माइक्रोसॉफ्ट और इजरायल सरकार के बीच क्लाउड तकनीक से जुड़े अनुबंधों का विरोध कर रहे थे. उनका आरोप है कि कंपनी की तकनीक का इस्तेमाल गाजा में लोगों पर हमले के लिए किया गया. यह लगातार तीसरा दिन था जब फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने बिल्ड 2025 के आयोजन में बाधा डाली. इससे पहले भी माइक्रोसॉफ्ट को अपने कई इवेंट्स में ऐसे विरोधों का सामना करना पड़ा है.

वानिया का पुराना विरोध और नडेला को ललकार

इस साल अप्रैल में, वानिया ने माइक्रोसॉफ्ट की 50वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में मंच के सामने खड़े होकर नारा लगाया था. उस वक्त मंच पर सत्य नडेला, बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर मौजूद थे. वानिया ने सार्वजनिक रूप से कहा, "आप सभी को शर्म आनी चाहिए. गाज़ा के खून से आप जश्न मना रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक ने हजारों लोगों की जान ली है." इसके तुरंत बाद उन्हें सुरक्षाकर्मियों द्वारा बाहर निकाल दिया गया था.

कौन हैं वानिया अग्रवाल?

वानिया अग्रवाल माइक्रोसॉफ्ट की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिवीजन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं. वे डेढ़ साल तक कंपनी का हिस्सा रहीं. अप्रैल की घटना के बाद उन्होंने कंपनी को सार्वजनिक रूप से ईमेल भेजकर इस्तीफा दिया, जिसमें उन्होंने अपनी आपत्तियों को खुलकर सामने रखा. वानिया का मानना है कि तकनीक को मानवीय मूल्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए, ना कि युद्ध और हिंसा के लिए इस्तेमाल किया जाए.

विरोध अब सोशल मीडिया तक

अब वानिया सोशल मीडिया पर अपने विरोध को जारी रखे हुए हैं. वे लगातार माइक्रोसॉफ्ट बिल्ड 2025 सम्मेलन के बाहर हुए प्रदर्शनों की तस्वीरें और पोस्ट साझा कर रही हैं. उनकी पोस्ट्स में फिलिस्तीन के समर्थन और माइक्रोसॉफ्ट की नीतियों की आलोचना प्रमुखता से दिखती है.

साफ है कि वानिया का विरोध सिर्फ कंपनी के भीतर तक सीमित नहीं रहा, वह अब एक वैश्विक नैतिक बहस की शक्ल ले चुका है.

वर्ल्‍ड न्‍यूज
अगला लेख