हुस्न का जाल फेंक, चीन और रूस की 'कातिल हसीनाएं' US के खिलाफ खेल रही ये खेल, 'S*x वारफेयर' पर मचा हंगामा
टेक उद्योग की दुनिया में अब सिर्फ डेटा चोरी या साइबर हमले ही खतरा नहीं हैं. स्पेसएक्स के सीईओ और अरबपति एलन मस्क ने हाल ही में एक रिपोर्ट पर अपना रिएक्शन दिया है, जिसमें दावा किया गया कि चीन और रूस के एजेंट सेक्स और छल के जरिये अमेरिकी टेक कंपनियों में घुसपैठ कर रहे हैं.
अमेरिका के तकनीकी क्षेत्र में एक नई और सनसनीखेज खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन और रूस के जासूस अब सिर्फ छुपकर काम नहीं कर रहे, बल्कि उन्होंने कर्मचारियों को फंसाने के लिए हुस्न का जाल बिछा दिया है. इन “कातिल हसीनाओं” के जरिए अमेरिकी टेक कंपनियों के सीक्रेट और ट्रेड जानकारी चोरी करने की कोशिश की जा रही है.
इसे लेकर अमेरिका में ‘सेक्स वारफेयर’ का मुद्दा गर्माया हुआ है और अधिकारियों तथा मीडिया में हंगामा मचा हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक नया तरीका है, जिसमें विदेशी एजेंट कर्मचारी के निजी रिश्तों और भावनाओं का फायदा उठाकर कंपनियों के जरूरी डेटा तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
क्या है सेक्स वारफेयर?
द टाइम्स (UK) की रिपोर्ट के अनुसार विदेशी खुफिया एजेंसियां अब सेक्स वारफेयर का सहारा ले रही हैं. एजेंट खुद को इंटरप्रेन्योर, निवेशक या रोमांटिक पार्टनर के रूप में पेश करते हैं और अमेरिकी टेक इंडस्ट्री के अंदरूनी लोगों से संवेदनशील जानकारी निकालते हैं. यह रणनीति साइबर हमले से अलग है क्योंकि इसमें इमोशनल और पर्सनल इंफ्लुएंस का इस्तेमाल किया जाता है.
कौन कर रहा सेक्स वारफेयर?
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और रूस सिलिकॉन वैली से लेकर सिएटल तक की इनोवेशन हब्स पर निशाना साध रहे हैं. उनका मकसद रिसर्च, रक्षा तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी संवेदनशील जानकारियों तक पहुंच बनाना है. अमेरिकी काउंटरइंटेलिजेंस एजेंसियां इसे गंभीर खतरा मान रही हैं और इसे “सेक्सुअल जासूसी की लहर” बता रही हैं.
संदिग्ध तरीके और रणनीतियां
विशेषज्ञ बताते हैं कि ये ऑपरेशन्स मानव खुफिया और साइबर जासूसी की सीमाओं को धुंधला कर देते हैं. कभी-कभी एजेंट्स न केवल फ़्लर्ट करते हैं बल्कि अपने लक्ष्यों से शादी तक कर लेते हैं, जिससे लंबे टाइम तक डेटा और सीक्रेट इकट्ठा किया जा सके. एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि एक “सुंदर रूसी महिला” ने एक अमेरिकी इंजीनियर से शादी की और फिर क्रिप्टो और डिफेंस टेक सर्कल्स में एंटर कर लिया. फॉरमल इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन अब साधारण नागरिकों जैसे छात्रों और व्यवसायियों का इस्तेमाल कर रहा है.
आर्थिक और व्यावसायिक नुकसान
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव भारी है. अमेरिकी बौद्धिक संपदा चोरी आयोग के अनुसार, ट्रेड सीक्रेट चोरी और आर्थिक जासूसी हर साल लगभग 600 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचा रही है, जिसमें चीन सबसे अधिक जिम्मेदार है. उदाहरण के लिए, जर्मन नागरिक क्लॉस प्फ्लुगबील ने कथित टेस्ला की चोरी की गई ब्लूप्रिंट्स को 15 मिलियन डॉलर में बेचना चाहा.
कुछ मामलों में “हनीट्रैप” और स्टार्टअप इवेंट्स का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. प्रतिभागियों की हर जानकारी रिकॉर्ड की जाती है और बाद में औद्योगिक जासूसी में इस्तेमाल की जाती है. एक बायोटेक सीईओ ने बताया कि $50,000 जीतने के बाद उसके फंडिंग को फ्रीज कर दिया गया, क्योंकि सबकुछ रिकॉर्ड किया गया था.
नया खतरा और एजेंसियों की सलाह
विश्लेषकों के अनुसार, अब लक्ष्य डेटा साइंटिस्ट, एआई इंजीनियर और स्टार्टअप फाउंडर्स हैं. निजी टेक कंपनियां अब सरकारी एजेंसियों जितनी रणनीतिक शक्ति रखती हैं. FBI और NCSC जैसी एजेंसियां Silicon Valley कंपनियों को इंसाइडर थ्रेट ट्रेनिंग और बिहेवियरल मॉनिटरिंग मजबूत करने की चेतावनी दे रही हैं. ये खुलासे दिखाते हैं कि आधुनिक जासूसी का मैदान बदल चुका है. अब यह सिर्फ हैकिंग या सरकारी चोरी नहीं, बल्कि रिश्तों और भावनाओं के जरिये संवेदनशील डेटा निकालने की कला बन गई है.





