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ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले से भड़के मुस्लिम देश, पाकिस्तान से लेकर मिस्र तक नाराजगी; जानें किसने क्या कहा

अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद मध्य पूर्व में तनाव गहराता जा रहा है. इस सैन्य कार्रवाई की मुस्लिम और अरब देशों ने कड़ी निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है. पाकिस्तान, सऊदी अरब, क़तर, इराक और मिस्र ने क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में बताया और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की. ईरान ने अमेरिका पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर और एनपीटी संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले से भड़के मुस्लिम देश, पाकिस्तान से लेकर मिस्र तक नाराजगी; जानें किसने क्या कहा
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US Iran nuclear facilities attack Arab world reactions: अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों (फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान) पर हमले के बाद मध्य पूर्व (Middle East) में तनाव चरम पर पहुंच गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में की गई इस सैन्य कार्रवाई ने न केवल इजराइल-ईरान संघर्ष को और अधिक भड़काया है, बल्कि मुस्लिम और अरब देशों की तीखी प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं.

सऊदी अरब, पाकिस्तान, मिस्र, इराक, क़तर और ओमान समेत कई देशों ने अमेरिका के हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का गंभीर उल्लंघन करार दिया है. इन देशों ने चेतावनी दी है कि इस हमले से क्षेत्रीय स्थिरता को गहरा आघात पहुंच सकता है और यह पूरे पश्चिम एशिया को एक बड़े युद्ध की ओर धकेल सकता है.

ईरान पर अमेरिकी हमले पर मुस्लिम देशों ने क्या कहा?

  • पाकिस्तान ने अमेरिका के हमले की आलोचना करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में तनाव और हिंसा का खतरा कई गुना बढ़ गया है. इस्लामाबाद ने ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार को भी वैध ठहराया.
  • सऊदी अरब ने इसे ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संकट के राजनीतिक समाधान की अपील की है.
  • मिस्र और लेबनान ने चेतावनी दी कि यह हमला पूरे क्षेत्र को अराजकता की ओर ले जा सकता है और कूटनीतिक रास्ता ही अब शांति का एकमात्र समाधान है.
  • इराक ने अमेरिका की सैन्य कार्रवाई को निंदा करते हुए कहा कि इससे मध्य पूर्व की शांति और सुरक्षा को गहरी चोट पहुंची है. उसने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे हमले अंतरराष्ट्रीय कानून और क्षेत्रीय स्थिरता के खिलाफ हैं.
  • कतर ने सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोकने की अपील की और चेताया कि मौजूदा तनाव का क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर गंभीर असर हो सकता है.
  • ओमान ने अमेरिका की कार्रवाई को 'ग़ैरकानूनी' बताते हुए कहा कि हर देश को शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम विकसित करने का अधिकार है, बशर्ते वह अंतरराष्ट्रीय निगरानी के तहत हो. उन्होंने ज़ोर दिया कि परमाणु ठिकानों पर हमले से रेडिएशन और पर्यावरण प्रदूषण का गंभीर खतरा होता है।

इस सामूहिक विरोध के बीच, अमेरिका की यह कार्रवाई पूरी दुनिया में अस्थिरता और कूटनीतिक तनाव को बढ़ावा देने वाली मानी जा रही है, जिससे आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर बड़े भू-राजनीतिक परिवर्तन संभव हैं.

अमेरिका ने कूटनीति के रास्ते को किया खत्म

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका की कार्रवाई को शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर सीधा हमला बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों की अवहेलना बताया. उन्होंने कहा कि पहले इजराइल ने कूटनीति के रास्ते बंद किए और अब अमेरिका ने उसे पूरी तरह खत्म कर दिया है.

ईरान इजरायल युद्धवर्ल्‍ड न्‍यूज
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