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कश्मीर और मणिपुर पर ज्ञान दे रहे थे UN ह्यूमन राइट चीफ, अरिंदम बागची ने दिया ऐसा जवाब कि बोलती हुई बंद

भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क की कश्मीर और मणिपुर पर टिप्पणियों को 'निराधार और बेबुनियाद' बताते हुए कड़ी आलोचना की. भारतीय प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने कहा कि भारत 'स्वस्थ, जीवंत और बहुलवादी समाज' बना हुआ है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से निष्पक्षता की अपील की.

कश्मीर और मणिपुर पर ज्ञान दे रहे थे UN ह्यूमन राइट चीफ, अरिंदम बागची ने दिया ऐसा जवाब कि बोलती हुई बंद
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 4 March 2025 9:09 AM

भारत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क की कड़ी आलोचना की, जिन्होंने अपने वैश्विक अपडेट में कश्मीर और मणिपुर की स्थिति पर चिंता जताई थी. भारतीय प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने इस टिप्पणी को 'निराधार और बेबुनियाद' बताते हुए इसे जमीनी हकीकत से बिल्कुल अलग करार दिया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निकाय की 'गलत चिंताओं' पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि भारत एक 'स्वस्थ, जीवंत और बहुलवादी समाज' बना हुआ है.

बागची ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने बयान में जोर देकर कहा कि भारत को बार-बार ऐसी चिंताओं के खिलाफ सफाई देनी पड़ी है, जो वास्तविकता से मेल नहीं खातीं. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में विकास, चुनावों में भारी मतदान और पर्यटन में उछाल जैसे सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं, लेकिन इन तथ्यों को नज़रअंदाज कर दिया गया.

मणिपुर में शांति का उठाया था मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने अपने बयान में मणिपुर में हिंसा और विस्थापन का भी उल्लेख किया और वहां शांति और संवाद बढ़ाने की अपील की. उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और स्वतंत्र पत्रकारों के खिलाफ सख्त कानूनों के इस्तेमाल पर भी चिंता जताई. हालांकि, बागची ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा और संस्थाएं इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं, जो विविधता और विकास को आगे बढ़ाती हैं.

पाकिस्तान का नहीं हुआ जिक्र

बागची ने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के इस वैश्विक अपडेट में दुनिया के कई संघर्ष क्षेत्रों का जिक्र था, लेकिन पाकिस्तान का उल्लेख गायब था. उन्होंने इस विडंबना की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि जहां भारत की स्थिति पर संदेह जताया गया. वहीं, पाकिस्तान, जहां मानवाधिकारों का बार-बार उल्लंघन होता है, उसे रिपोर्ट में जगह नहीं दी गई.

आईना देखे संयुक्त राष्ट्र

भारत ने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि वह 'आईने पर लंबी और कड़ी नज़र डालें' और अपनी निष्पक्षता को बनाए रखने की कोशिश करें. बागची ने कहा कि भारत मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध है और उसकी नीतियां लोकतंत्र, विकास और समावेशिता पर आधारित हैं. उन्होंने तुर्क की टिप्पणियों को 'पूर्वाग्रह से ग्रसित' बताया और संयुक्त राष्ट्र से निष्पक्ष मूल्यांकन करने की अपील की.

आलोचना पर भारत दे रहा जवाब

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गलत धारणाओं और चुनिंदा आलोचनाओं का जोरदार जवाब देने के लिए तैयार है. सरकार ने यह संदेश दे दिया कि वह अपनी संप्रभुता और आंतरिक मामलों पर अनावश्यक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगी. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख की इस रिपोर्ट को लेकर भारत की तीखी प्रतिक्रिया से यह भी स्पष्ट होता है कि देश वैश्विक मंच पर अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अब कहीं अधिक मुखर और दृढ़ हो गया है.

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