पाकिस्तान पर मंडराया नया खतरा: TTP ने जमीन के बाद ‘हवाई जंग’ की दी खुली चेतावनी, इस्लामाबाद में हड़कंप
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने संघर्ष को और खतरनाक मोड़ देने का एलान कर पाकिस्तान को सकते में डाल दिया है. अब तक जमीनी हमलों से जूझ रहे पाकिस्तान को टीटीपी (TTP) ने हवाई हमलों की चेतावनी देकर सुरक्षा प्रतिष्ठानों की नींद उड़ा दी है. टीटीपी का यह नया एलान सिर्फ एक धमकी नहीं, बल्कि पाकिस्तान की कमजोर सुरक्षा और विफल आतंकवाद नीति का आईना है.
पाकिस्तान पहले से ही आतंकवाद, आर्थिक बदहाली और राजनीतिक अस्थिरता के दलदल में फंसा है, लेकिन अब उसके सामने एक और भयावह चुनौती खड़ी हो गई है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने खुले तौर पर एलान किया है कि पाकिस्तान के खिलाफ उसका संघर्ष अब सिर्फ जमीन तक सीमित नहीं रहेगा. टीटीपी के इस नए बयान ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले समय में पाकिस्तान को हवाई हमलों, ड्रोन अटैक और नई रणनीति वाले आतंकवाद का सामना करना पड़ सकता है.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
CNN-News18 ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि टीटीपी का यह एलान ऐसे वक्त में आया है जब पाकिस्तानी सेना पहले ही खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बुरी तरह उलझी हुई है. साथ ही तालिबान का यह एलान पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम से परे समूह के विस्तारवादी मंसूबों की ओर भी इशारा करता है.
TTP का नया एलान
टीटीपी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि पाकिस्तान की सेना और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के खिलाफ लड़ाई अब नए चरण में प्रवेश कर चुकी है. संगठन ने संकेत दिए हैं कि वह ड्रोन, रिमोट टेक्नोलॉजी और हवाई हमलों जैसी क्षमताओं को अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है.
जमीन पर पहले से मुसीबत बना टीटीपी
टीटीपी पहले ही पाकिस्तान के लिए जमीनी स्तर पर काल बन चुका है.खैबर पख्तूनख्वा में सेना पर लगातार हमले हो रहे हैं. पुलिस चौकियों और सैन्य काफिले पर आत्मघाती हमलों की वजह से जनजातीय इलाकों में समानांतर शासन जैसी स्थिति है. इन सबके बीच अब हवाई चुनौती का एलान पाकिस्तान के लिए खतरे को कई गुना बढ़ा देता है.
हवाई चुनौती का मतलब
टीटीपी की ओर से हवाई चेतावनी का सीधा अर्थ है कि वो ड्रोन अटैक की तैयारी में जुटी है. इसका मकसद पास्तिानी सेना के ऊंचे ठिकानों और संवेदनशील सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना है. यानी टीटीपी सीमित संसाधनों से अधिक नुकसान पहुंचाने की रणनीति पर काम कर रही है. यह वही मॉडल है जिसे अफगान तालिबान और पश्चिम एशिया के आतंकी संगठन पहले आजमा चुके हैं.
पाकिस्तानी सेना और ISI की बढ़ी चिंता
टीटीपी का यह एलान पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI के लिए रेड अलर्ट जैसा है. अब चुनौती सिर्फ आतंकियों को ढूंढने की नहीं, बल्कि आसमान से आने वाले खतरे को रोकने की भी है, जिसके लिए पाकिस्तान के पास न तो पर्याप्त टेक्नोलॉजी है और न ही संसाधन.
अफगानिस्तान कनेक्शन पर फिर उठे सवाल
टीटीपी का हौसला इस बात की ओर भी इशारा करता है कि उसे अफगानिस्तान की जमीन से समर्थन मिल रहा है. हालांकि, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इससे इनकार किया है. यही वजह है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान रिश्तों में पहले से मौजूद तनाव और गहराने की आशंका है.
पाकिस्तान दो मोर्चों पर फंस गया!
एक ओर बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलन, दूसरी ओर टीटीपी का आतंक. अब जमीन के साथ हवाई खतरे जुड़ने से पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह दबाव में आ चुकी है. विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
PAK का आरोप खारिज
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), जिसे पाकिस्तानी राज्य द्वारा 'फ़ितना-अल-ख्वारिज' कहा जाता है, एक प्रतिबंधित समूह है. पाकिस्तान ने TTP पर अफगान क्षेत्र से काम करने का आरोप लगाया है, जिसे तालिबान सरकार ने खारिज कर दिया है. यह पाकिस्तान के लिए सबसे गंभीर आंतरिक सुरक्षा खतरों में से एक बना हुआ है.
प्रमुख बदलाव
TTP ने छाया प्रांतों को मैनेज करने के लिए दो नए जोन बनाने की घोषणा की है, जिनका नाम वेस्टर्न जोन (बलूचिस्तान) और सेंट्रल जोन है. दोनों जोन के अपने-अपने ओवरऑल मिलिट्री कमांडर हैं. TTP के प्रशासनिक नियंत्रण में छाया प्रांत के लिए नए प्रांत जोड़े गए हैं, जिनमें कश्मीर प्रांत और गिलगित-बाल्टिस्तान शामिल हैं.
इस नीति के तहत टीटीपी के सभी मिलिट्री जोन के नेतृत्व में बदलाव किया गया है. खास तौर पर, फकीर इपी के परपोते एहसानुल्लाह इपी को दक्षिणी मिलिट्री जोन का प्रमुख नियुक्त किया गया है. फकीन इपी मार्च 2022 में TTP में शामिल हुए थे. नए मिलिट्री ज़ोन में हिलाल गाज सेंट्रल मिलिट्री जोन के उप प्रमुख हैं.
एयर फोर्स की जिम्मेदारी सलीम हक्कानी को
इसके अलावा, अजमत उल्लाह मेहसूद ने मौलवी फकीर मुहम्मद की जगह पॉलिटिकल कमीशन के नेता के रूप में पदभार संभाला है. मौलवी फकीर कमीशन के सदस्य बने रहेंगे. ए TTP ने सलीम हक्कानी के नेतृत्व में अपनी एयर फोर्स बनाने की घोषणा की है. TTP के एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल में नए प्रांत जोड़े गए हैं, जिनमें कश्मीर प्रांत और गिलगित-बाल्टिस्तान शामिल हैं.





