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घंटों की मशक्कत, घर को घेरा... तब जाकर हाथ लगे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून, हुई गिरफ्तारी

South Korean President Yoon arrested: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून को मार्शल लॉ लागू करने के दूसरे प्रयास में गिरफ्तार किया गया. यून दक्षिण कोरिया के इतिहास में गिरफ्तार होने वाले पहले राष्ट्रपति हैं.

घंटों की मशक्कत, घर को घेरा... तब जाकर हाथ लगे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून, हुई गिरफ्तारी
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South Korean President Yoon arrested
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 15 Jan 2025 8:52 AM IST

South Korean President Yoon arrested: दक्षिण कोरिया के महाभियोग के शिकार राष्ट्रपति यूं सुक योल को बुधवार को कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया. देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी मौजूदा राष्ट्रपति को हिरासत में लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी की कोशिश इस महीने की शुरुआत में भी की गई थी.

दक्षिण कोरिया के महाभियोग के शिकार राष्ट्रपति यूं सुक योल के आवास पर बुधवार की सुबह 1,000 से अधिक एंटी करप्शन इनवेस्टिगेटर्स और पुलिस अधिकारी गिरफ्तारी करने के लिए पहुंचे. उनकी गिरफ्तारी आसान नहीं थी. पुलिस अधिकारियों को इसमें 6 घंटों से अधिक का समय लगा.

कड़ी मशक्कत के बाद हुई गिरफ्तारी

पहले तो चारों ओर से उनके घर को घेरा गया. उनके गेट पर कई बैरियर लगाए गए, ताकि वो निकलकर भाग न सकें. गेट के सामने सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी के सदस्यों ने एंटी करप्शन इनवेस्टिगेटर्स और पुलिस अधिकारी गिरफ्तारी को रोकने का पूरा प्रयास किया. हालांकि, कई घंटों की पैंतरेबाज़ी के बाद पुलिस बाधाओं को तोड़ने में कामयाब रही और उनके घर में प्रवेश कर गई.

यून के खिलाफ है महज 48 घंटे का वारंट

न्यूज1 कोरिया के मुताबिक, लोक अभियोजन सेवा ने उनके लिए एक रूम और वीडियो रिकॉर्डिंग सेट-अप तैयार किया है. यदि यून सहमत होते हैं, तो अधिकारी उनका बयान दर्ज करेंगे. एजेंसी 200 से अधिक पन्नों वाले सवाल की लीस्ट के साथ तैयार है. ये सवाल 3 दिसंबर को महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति के मार्शल लॉ घोषणा के इर्द-गिर्द होंगे. हालांकि, अभियोजकों के पास मौजूदा वारंट पर केवल 48 घंटे हैं, जिसके बाद यून को रिहा कर दिया जाएंगे.

यून की क्यों हुई गिरफ्तारी?

यून सुक येओल की गिरफ़्तारी 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लगाने के बाद हुई है. दक्षिण कोरिया के लिए ये एक ऐसा कदम बताया गया था, जिसने पूरे देश में आक्रोश और राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी थी.

विपक्षी दलों ने इसका लाभ उठाते हुए राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया. यून पर महाभियोग चलाने का पहला प्रयास विफल रहा, लेकिन विपक्ष ने दूसरे प्रयास में सफलता मिल गई. इसके बाद उन पर महाभियोग चलाया गया.

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