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पत्‍नी के नाम इमोशनल नोट, 'तुम्‍हारे बिना नहीं हो पाता', भारत के लिए भी नए दरवाजे खोलेगी शुभांशु शुक्ला की Space Journey

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने NASA और SpaceX के Axiom-4 मिशन के पायलट के रूप में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरकर इतिहास रच दिया. यह मिशन भारत के निजी अंतरिक्ष अभियानों में भागीदारी का नया अध्याय है. शुभांशु का भावुक विदाई संदेश और भारत की अंतरिक्ष में बढ़ती भागीदारी इस मिशन को ऐतिहासिक बनाते हैं.

पत्‍नी के नाम इमोशनल नोट, तुम्‍हारे बिना नहीं हो पाता, भारत के लिए भी नए दरवाजे खोलेगी शुभांशु शुक्ला की Space Journey
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 25 Jun 2025 1:13 PM IST

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बुधवार को एक नया इतिहास रचते हुए अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित NASA के केनेडी स्पेस सेंटर से Axiom-4 मिशन के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी. भारत के अंतरिक्ष सफर में यह एक बड़ा और गौरवपूर्ण क्षण है. यह मिशन NASA, Axiom Space और SpaceX के संयुक्त सहयोग से लॉन्च किया गया चौथा प्राइवेट एस्ट्रोनॉट मिशन है.

शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं. उनके साथ अंतरिक्ष में उड़ान भरने वालों में पोलैंड के स्लावोस उजनांस्की, हंगरी के टिबोर कापू, और इस मिशन की कमांडर - अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिट्सन शामिल हैं, जिनके नाम अमेरिका में सबसे ज़्यादा अंतरिक्ष में बिताए गए समय का रिकॉर्ड है.

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लॉन्च से पहले कई बार टला मिशन, लेकिन हौसले नहीं डगमगाए

इस मिशन की लॉन्चिंग पहले 29 मई को प्रस्तावित थी, लेकिन Falcon-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन लीकेज और रशियन मॉड्यूल में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण इसे कई बार टालना पड़ा. आखिरकार 26 जून की सुबह (भारतीय समयानुसार) यह ऐतिहासिक मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया.

NASA के अनुसार, मिशन का डॉकिंग टाइम गुरुवार 26 जून को शाम 4:30 बजे IST निर्धारित है, जब Dragon स्पेसक्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ जाएगा.

भारत का बढ़ता दबदबा, भावुक संदेश ने जीते दिल

लॉन्च से पहले शुभांशु शुक्ला ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा किया जिसमें उन्होंने लिखा, "जैसे ही हम 25 जून की सुबह पृथ्वी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं, मैं इस मिशन से जुड़े सभी लोगों और देशवासियों का धन्यवाद करना चाहता हूं. एक खास धन्यवाद मेरी पत्नी कामना को - तुम्हारे बिना यह मुमकिन नहीं होता, और तुम बिन ये सब मायने भी नहीं रखता." पोस्ट के साथ उन्होंने एक फोटो भी शेयर की, जिसमें वे और उनकी पत्नी एक कांच की दीवार के आर-पार एक-दूसरे को विदाई देते दिखाई देते हैं. यह तस्वीर इंटरनेट पर भावनात्मक लहर दौड़ा रही है.

भारत के लिए क्यों अहम है Axiom-4?

Axiom-4 भारत के लिए तकनीकी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मिशन है, क्योंकि इससे भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की निजी मिशनों में भागीदारी का रास्ता और खुलता है. शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान आने वाले वर्षों में ISRO की गगनयान परियोजना और अन्य सहयोगी स्पेस मिशनों के लिए महत्वपूर्ण प्रेरणा स्रोत मानी जा रही है.

700 सेकेंड की गगनभेदी आवाज़ और अंतरिक्ष में लहराते भारत के सम्मान ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ अंतरिक्ष की दौड़ में शामिल नहीं, बल्कि आगे बढ़ने की राह पर है. शुभांशु शुक्ला की ये उड़ान हर उस भारतीय के लिए गर्व का क्षण है जो स्वप्न देखता है और उन्हें साकार करने की हिम्मत रखता है.

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