शुभांशु शुक्ला कौन हैं, जो मई में जा रहे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन? दुनिया से दूर अंतरिक्ष में भारत रचेगा एक और इतिहास
Shubhanshu Shukla: भारतीय वायु सेना के कैप्टन एक्सिओम स्पेस के आगामी एक्स-4 मिशन का हिस्सा होंगे, जिससे वह आई.एस.एस. के लिए इंटरनेशनल कमर्शियल स्पेसफ्लाइट में भाग लेने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे.

Shubhanshu Shukla: भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा में एक और इतिहास रचने जा रहा है. भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अगले महीने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेंगे. इसमें शुभांशु शुक्ला की जर्नी भी कमाल की रही है. भारतीय वायु सेना के कैप्टन एक्सिओम स्पेस के आगामी एक्स-4 मिशन का हिस्सा होंगे. वह ISS के लिए इंटरनेशनल कमर्शियल स्पेसफ्लाइट में भाग लेने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे.
अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में नया और ऐतिहासिक अध्याय होगा. उऩ्होंने कहा, 'अगले महीने एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को लेकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन निर्धारित है. Gaganyaan मिशन, ISS की यात्रा और गर्मियों में होने वाले कई प्रक्षेपण हमारे अंतरिक्ष लक्ष्यों को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं.
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जन्मे शुभांशु शुक्ला ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), पुणे से शिक्षा प्राप्त की. वह जून 2006 में भारतीय वायु सेना (IAF) की लड़ाकू शाखा में शामिल हुए और मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन के पद पर प्रमोट किया गया. 2,000 घंटों से अधिक उड़ान अनुभव के साथ शुभांशु शुक्ला ने कई विमान उड़ाए हैं, जिनमें Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 शामिल हैं.
2019 में इसरो ने उन्हें एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग के लिए चुना गया. इसके बाद उन्होंने मॉस्को के स्टार सिटी स्थित यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ली. फरवरी 2024 में उन्हें इसरो के गगनयान मिशन के लिए पहले एस्ट्रोनॉट के रूप में चुना गया, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है, जिसकी योजना 2026 के लिए बनाई गई है.
मिशन को लेकर शुभांशु शुक्ला ने क्या कहा?
इससे पहले ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए इस मिशन के बारे में बात करते हुए बेहद उत्साहित दिखे. उन्होंने कहा, 'हमारा प्रयास इस मिशन को बेहद सफल बनाने का है. मैं अपने मिशन के माध्यम से अपने देश की एक पूरी पीढ़ी की जिज्ञासा को आगे बढ़ाने की आशा करता हूं, जिससे भविष्य में ऐसे अनेक मिशन संभव हो सकेंगे.'