'बंधकों को बचाने के बजाय बलि चढ़ा रहे हैं'; नेतन्याहू की रणनीति पर इजरायल में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन
हाल ही में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा था कि उन्होंने सभी 50 बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत के निर्देश दिए हैं. हालांकि, इसके तुरंत बाद उन्होंने गाजा पर एक नए हमले की शुरुआत भी कर दी. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह रवैया साफ दिखाता है कि नेतन्याहू वास्तव में किसी समझौते के पक्ष में नहीं हैं.
गाजा में इजरायल और हमास के बीच जारी खूनी जंग अब इजरायल के भीतर ही आक्रोश का कारण बन चुकी है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर बंधकों की वापसी को लेकर गंभीर कदम न उठाने का आरोप लगाते हुए हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं. राजधानी तेल अवीव समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने सरकार से तुरंत युद्धविराम और गाजा में फंसे बंधकों की सुरक्षित वापसी के लिए समझौते की मांग की है.
शनिवार को तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में विशाल रैली आयोजित हुई, जिसमें परिवारजनों और नागरिकों ने बंधकों को जल्द से जल्द घर लाने की मांग को बुलंद किया. लोगों का कहना है कि नेतन्याहू केवल बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन उनकी नीतियां बंधकों की जान खतरे में डाल रही हैं.
'बंधकों को बचाने का आखिरी मौका है'-परिजन
प्रदर्शन के दौरान गाजा में अपने दो भाइयों गली और जिव की वापसी का इंतजार कर रहे लिरान बर्मन ने कहा कि 'शांति के लिए एक समझौते पर वार्ता चल रही है. लेकिन ऐसी डील्स हम कई महीनों से देख रहे हैं. ये ज्यादा टिकती नहीं. उनकी तरफ से खिड़की बहुत जल्दी बंद हो जाती है. शायद यह बंधकों को बचाने का आखिरी मौका है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू बातचीत की बातें करते हैं, लेकिन उनके रवैए से लगता है कि वे बंधकों को बलि चढ़ाना चाहते हैं.
नेतन्याहू का दोहरा रुख- बातचीत और हमले साथ-साथ
हाल ही में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा था कि उन्होंने सभी 50 बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत के निर्देश दिए हैं. हालांकि, इसके तुरंत बाद उन्होंने गाजा पर एक नए हमले की शुरुआत भी कर दी. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह रवैया साफ दिखाता है कि नेतन्याहू वास्तव में किसी समझौते के पक्ष में नहीं हैं.
60 दिन का युद्धविराम और कैदियों की रिहाई
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते हमास ने युद्धविराम के लिए एक प्रस्ताव पर सहमति जताई थी. इसके तहत 60 दिन तक लड़ाई रोकने, 10 जीवित बंधकों और 18 मृत बंधकों के शवों को रिहा करने और इजरायली जेलों में बंद सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई का समझौता शामिल है. इस दौरान इजरायल और हमास मध्यस्थों की मौजूदगी में आगे की वार्ता जारी रखेंगे, जिसमें शेष बंधकों की रिहाई और युद्ध को खत्म करने पर चर्चा होगी.





