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बच्चे पैदा करें फीमेल स्टूडेंट्स, रूस सरकार की छात्राओं से मांग; 81 हजार देने की कही बात

रूस अपनी पॉपुलेशन को बढ़ाने के लिए 25 साल की उम्र वाली महिलाओं को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. इसी क्रम में स्थानीय प्रशासन ने छात्राओं को बच्चे पैदा करने के एवज में अच्छी खासी रकम देने की पेशकश की है.

बच्चे पैदा करें फीमेल स्टूडेंट्स, रूस सरकार की छात्राओं से मांग; 81 हजार देने की कही बात
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( Image Source:  Representative Image/ Freepik )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 9 Jan 2025 6:25 PM IST

रूस ने अपनी पॉपुलेशन को बढ़ाने की एक तरकीब निकाली है. दरअसल रूस के कारेलिया में 25 साल से कम उम्र वाली छात्राओं को ऑफर दिया जा रहा है. जानकारी के अनुसार यदी छात्र एक हेल्दी बच्चे को जन्म देते हैं तो उन्हें सरकार की ओर से 1,00,000 रुबल्स यानी 81,000 रुपये दिए जाएंगे. 'द मॉस्को टाइम्स' की एक रिपोर्ट के अनुसार वहीं छात्राएं इस नीति के लिए अप्लाई कर पाएंगी जो फुल टाइम किसी लोकल यूनिवर्सिटी और कारेलिया की रहने वाली होंगी.

क्या कहता है कानून?

वहीं इस नीति के अनुसार उन माताओं को ये बोनस नहीं मिलेगा जो मृत शिशुओं को जन्म देती हैं. फिलहाल इस बात पर कुछ स्पष्ट नहीं किया गया कि आखिर बच्चे के पैदा होने के बाद अगर किसी बीमारी का शिकार होने के कारण उसकी मौत होती है तो उस दौरान पे किया जाएगा या नहीं. इसी तरह इस बात पर भी खुलासा नहीं हुआ कि यदि बच्चा दिव्यांग पैदा होता है तो पेमंट की क्या प्रक्रिया होगी इतना ही नहीं इसके अलावा, बच्चों की देखभाल और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य खर्चों में सहायता के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता का उल्लेख भी नीति में नहीं है. बता दें कि सिर्फ रशिया के इसी क्षेत्र में इस नियम को नहीं लागू किया जा रहा. ऐसा नियम और भी क्षेत्रों में लाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी को 11 क्षेत्रों में लागू किया गया है. इसी तरह रूस के एक शहर टॉम्स्क में भी इस तरह की पॉलिसी चल रही है.

क्यों लिया जा रहा ये फैसला?

दरअसल 2024 के पहले छह महीनों में रूस में केवल 5,99,600 बच्चों ने जन्म लिया. सामने आएं आंकड़ों में पिछले 25 सालों के रिकॉर्ड में सबसे अधिक कमी दर्ज की गई है. इस कारण ये फैसला लिया गया. दरअसल बर्थ रेट गिर जाने के कारण ये फैसला सरकार ने लिया है. गिरते हुए बर्थ रेट को लेकर फॉर्च्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जुलाई में कहा था कि यह देश के भविष्य के लिए विनाशकारी है.

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