क्या बांग्लादेश में फिर होने जा रहा तख्तापलट? सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म
अगस्त 2024 में शेख हसीना को बांग्लादेश की सत्ता से हटाए जाने के बाद से वहां अब तक पूरी तरह से शांति कायम नहीं हो सकी है. पिछले कई दिनों से ऐसी खबरें मिल रही हैं कि वहां एक बार फिर तख्तापलट हो सकता है और यूनुस सरकार को भी हटाया जा सकता है. अब सोशल मीडिया पर इसे लेकर अफवाहों का बाजार एक बार फिर गर्म है.

बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और देशभर में, खासकर ढाका में, सैन्य और सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद सोशल मीडिया पर तख्तापलट की अफवाहें तेज हो गई हैं. हालांकि, न तो नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस और न ही सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमान ने इन अफवाहों पर कोई प्रतिक्रिया दी है, जो पिछले 24 घंटों में जोर पकड़ रही हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमान इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में हैं, जबकि देश के अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहे हैं. बांग्लादेश सेना की बैठकों की खबरों ने इन अटकलों को और हवा दी है कि सेना प्रमुख अब देश की राजनीतिक स्थिति को लेकर सख्त रुख अपना रहे हैं.
क्या सरकार और सेना की आपस में नहीं बन रही?
सेना प्रमुख ने हाल ही में आतंकवादी हमलों की आशंका जताई और देश में सुरक्षा बढ़ाने की बात कही है. सप्ताहांत में उनकी शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई बैठकों और सरकार के बयानों से यह संकेत मिल रहा है कि सेना और सरकार के बीच कुछ मतभेद उभर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों में देश में बढ़ते उग्रवाद और सुरक्षा उपायों पर चर्चा की गई.
हालांकि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह सचिव नसीमुल हक गनी ने इन अफवाहों को 'गॉसिप' करार दिया है और कहा है कि आपातकाल की कोई घोषणा नहीं की गई है.
सेना में विद्रोह की खबरें और राजनीतिक तनाव
कुछ दिनों पहले भारत में ऐसी खबरें सामने आई थीं कि बांग्लादेश में सेना प्रमुख को उनकी ही सेना के कुछ गुटों से चुनौती मिल रही है, जिनका झुकाव पाकिस्तान समर्थक विचारधारा की ओर है. हालांकि, फिलहाल जनरल जमान का सेना पर पूरा नियंत्रण नजर आ रहा है. उन्होंने कई बार देश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और ढाका में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के संकेत दिए हैं.
इस बीच, छात्र संगठन "आमार बांग्लादेश पार्टी" के महासचिव असादुज्जमान फुआद ने सेना प्रमुख पर राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन के साथ मिलकर नई अंतरिम सरकार बनाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "आप देख सकते हैं कि सेना प्रमुख कुछ खास बैठकें कर रहे हैं और नई साजिश रच रहे हैं. इस राष्ट्रपति को शेख हसीना का 'गुलाम' कहा जाता है. अगर आप शाहबुद्दीन के जरिए देश को चलाने की कोशिश करेंगे, तो हजारों अबू सईद अपनी जान देने को तैयार रहेंगे और छावनी को उड़ा देंगे."
अबू सईद एक छात्र कार्यकर्ता था, जो जुलाई 2024 में सुधारों की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारा गया था. ये प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गए थे, जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी और वे भारत में निर्वासन में चली गईं.
तख्तापलट की अटकलों को और हवा
असादुज्जमान फुआद की गिरफ्तारी की खबरों से तख्तापलट की अटकलें और तेज हो गई हैं. हालांकि, आमार बांग्लादेश पार्टी ने इन खबरों को खारिज कर दिया है.
इस बीच, सेना प्रमुख जनरल जमान के पिछले महीने दिए गए एक भाषण का वीडियो एक बार फिर वायरल हो रहा है, जिससे सैन्य तख्तापलट की चर्चाओं को और बल मिला है. अपने उस भाषण में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था, "बाद में आप कहेंगे कि मैंने चेतावनी नहीं दी थी, इसलिए मैं आपको आज ही आगाह कर रहा हूं. अगर आप अपने मतभेद नहीं भूल सकते, एकजुट होकर काम नहीं कर सकते और आपस में लड़ते-झगड़ते रहेंगे, तो इस देश की आजादी व्यर्थ हो जाएगी.
एक अन्य बयान में उन्होंने कहा, "मैं आपको आज बता रहा हूं, ताकि बाद में आप यह न कहें कि मैंने आगाह नहीं किया था. मेरा कोई दूसरा उद्देश्य नहीं है, मेरा सिर्फ एक ही उद्देश्य है – देश और जनता को एक बेहतर स्थिति में पहुंचाना और फिर बैरकों में लौट जाना. मैंने पिछले सात-आठ महीनों में बहुत कुछ सहा है. हम देश और लोगों को एक सुरक्षित स्थिति में रखना चाहते हैं और फिर वापस लौटना चाहते हैं.''
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और सेना की बढ़ती गतिविधियों के बीच तख्तापलट की अटकलें लगातार जोर पकड़ रही हैं. हालांकि, सरकार ने अब तक इस तरह की किसी भी योजना को अफवाह करार दिया है. अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में बांग्लादेश की राजनीति किस दिशा में जाती है.