अमेरिका से निकाले जाने की कगार पर क्यों थी भारतीय छात्रा? कोर्ट में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ जीती लड़ाई
दक्षिण डकोटा की भारतीय पीएचडी छात्रा प्रिया सक्सेना का वीजा एक मामूली ट्रैफिक उल्लंघन के चलते ट्रंप प्रशासन ने अप्रत्याशित रूप से रद्द कर दिया था, जिससे उन्हें अमेरिका से निकाले जाने का खतरा था. उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर अस्थायी राहत हासिल की और अपनी पढ़ाई पूरी कर डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की. कोर्ट ने अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की कार्रवाई को 'गैरकानूनी' करार देते हुए उन्हें हिरासत में लेने पर रोक लगा दी.

Priya Saxena US Deportation News: दक्षिण डकोटा की भारतीय पीएचडी छात्रा प्रिया सक्सेना को अमेरिका से निर्वासन का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब उन्होंने एक बड़ी कानूनी जीत हासिल की है. एक संघीय अदालत ने उन्हें अमेरिका में रहने की अनुमति देते हुए डीएचएस (डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी) को बिना अदालत की मंजूरी के गिरफ्तार या हिरासत में लेने से रोक दिया है.
28 वर्षीय प्रिया सक्सेना ने हाल ही में साउथ डकोटा स्कूल ऑफ माइन्स एंड टेक्नोलॉजी से केमिकल और बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है, लेकिन अप्रैल में ट्रैफिक नियम के एक मामूली उल्लंघन के चलते उनका F-1 स्टूडेंट वीजा अप्रत्याशित रूप से रद्द कर दिया गया था, जबकि वह फरवरी 2027 तक वैध था.
प्रिया ने ट्रंप प्रशासन पर दायर किया मुकदमा
इस वीज़ा रद्दीकरण के बाद उनका SEVIS (Student and Exchange Visitor Program) रिकॉर्ड भी हटा दिया गया, जिससे उनकी पढ़ाई और 10 मई को दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने की संभावना पर संकट खड़ा हो गया. इसके खिलाफ प्रिया ने ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया और एक संघीय न्यायाधीश से अस्थायी राहत आदेश प्राप्त किया, जिससे वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकीं.
आपराधिक रिकॉर्ड के आधार पर रद्द किया गया था वीजा
अदालती दस्तावेज़ों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने एक 'आपराधिक रिकॉर्ड' के आधार पर उनका वीजा रद्द किया था, जबकि हकीकत में 2021 में उन्होंने सिर्फ एक आपातकालीन वाहन को रास्ता नहीं दिया था. इसके लिए उन्होंने जुर्माना भी भर दिया था. उनके वकील ने बताया कि अमेरिकी आप्रवासन कानून के तहत ऐसा मामूली उल्लंघन निर्वासन योग्य नहीं माना जाता.
'डीएचएस की कार्रवाई गैरकानूनी'
इस सप्ताह, दक्षिण डकोटा की एक संघीय अदालत ने डीएचएस को आदेश दिया कि जब तक अदालत की मंजूरी न हो, वे प्रिया को गिरफ्तार या हिरासत में नहीं ले सकते. न्यायाधीश ने डीएचएस की कार्रवाई को 'गैरकानूनी' और प्रिया के लिए 'अपूरणीय क्षति' वाली बताया.
अमेरिका में अप्रवासन के खिलाफ हो रही कड़ी कार्रवाई
जनवरी में ट्रंप प्रशासन के दोबारा सत्ता में आने के बाद अमेरिका में अप्रवासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है. इसमें अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भी निशाना बनाया जा रहा है. मामूली अपराधों, ट्रैफिक उल्लंघनों और कैंपस पर प्रोपलेस्टीन गतिविधियों के चलते हजारों छात्रों के वीजा और SEVIS रिकॉर्ड रद्द कर दिए गए.
डीएचएस ने एक अदालती सुनवाई में बताया कि उसने 10 लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नाम एफबीआई डेटाबेस से स्कैन किए, जिनमें से 6,400 मामलों में 'आपराधिक रिकॉर्ड' मिले और लगभग 3,000 वीजा रद्द किए गए.