क्या भारत में फिर बाहर निकलेगा Pegasus का जिन्न? अमेरिका में दोषी साबित हुई इसे बनाने वाली कंपनी
US Pegasus controversy effect to India: व्हाट्सएप के चीफ विल कैथकार्ट ने कहा कि निगरानी कंपनियों को यह बता देना चाहिए कि अवैध जासूसी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऐसे में पेगासस पर अमेरिका में शिकंजा का भारत में भी प्रभाव की उम्मीद की जा रही है.

US Pegasus controversy effect to India: मेटा के व्हाट्सएप ने पेगासस स्पाइवेयर के निर्माता NSO ग्रुप पर एक बड़ी कानूनी जीत का दावा किया है. अमेरिका में एक संघीय जस्टिस ने इस इजरायली कंपनी को लगभग 1,400 व्हाट्सएप यूजर्स डिवाइस को टार्गेट करने वाले स्पाइवेयर हैक के लिए संघीय और कैलिफोर्निया कानून के तहत उत्तरदायी ठहराया है.
व्हाट्सएप ने इससे पहले एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें उस पर मई 2019 में दो सप्ताह के लिए पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से लगभग 1,400 लोगों के फोन को इनफेक्टिंग और सर्विलांस करने का आरोप लगाया गया था.
प्राइवेसी की बड़ी जीत
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को कैलिफोर्निया के ओकलैंड में अमेरिकी जिला जस्टिस फिलिस हैमिल्टन ने व्हाट्सएप के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें इस इजरायली कंपनी पर मैसेजिंग ऐप में एक बग का फायदा उठाकर जासूसी सॉफ्टवेयर स्थापित करने और इस तरह अवैध सर्विलांस की अनुमति देने का आरोप लगाया गया था. हैमिल्टन ने एनएसओ को हैकिंग और कॉनट्रेक्ट के उल्लंघन के लिए उत्तरदायी पाया और कहा है कि अब मामला केवल काम्पन्सेशन के मुद्दे पर सुनवाई तक आगे बढ़ेगा.
भारत सरकार पर पेगासस के इस्तेमाल का आरोप
भारत में नागरिकों पर पेगासस का इस्तेमाल किए जाने के आरोपों के बाद आरोपों की जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई.2021 में सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अनधिकृत निगरानी के आरोपों की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति बनाई थी. रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपे जाने के बाद सीलबंद है और तब से इसे सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है. ऐसे में भारतीय नागरिकों पर पेगासस के इस्तेमाल में केंद्र सरकार की संलिप्तता संदिग्ध बनी हुई है.
क्या भारत पर इस फैसले का पड़ेगा असर?
अमेरिका में पेगासस पर हुए एक्शन से देश में एक बार फिर से इस मुद्दे को उछाले जाने की उम्मीद है. विपक्ष सरकार पर हमले के लिए एक बार फिर से इसे मुद्दा बना सकता है और सुप्रीम कोर्ट से सीलबंद रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की जा सकती है. आंबेडर मुद्दे के बीच विपक्ष को एक और नया मुद्दा विपक्ष के पास आ गया है. होने वाले दिल्ली चुनाव के बीच सरकार को 'आप' समेत INDIA Bloc के पास सरकार को घेरने के लिए ये एक बड़ा मुद्दा बनने की उम्मीद है.