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आर्टिकल 370, बुरहान वानी और कश्मीर का रोना, संयुक्त राष्ट्र में शहबाज शरीफ ने उगला जहर, आखिर कब सुधरेगा पाकिस्तान?

Shehbaz Sharif on Jammu-Kashmir & Article 370: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 79वें सत्र को संबोधित किया. शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत सरकार को कश्मीर का विशेष दर्जा लौटाना चाहिए जो अगस्त, 2019 में छीन लिया गया.

आर्टिकल 370, बुरहान वानी और कश्मीर का रोना, संयुक्त राष्ट्र में शहबाज शरीफ ने उगला जहर, आखिर कब सुधरेगा पाकिस्तान?
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सचिन सिंह
By: सचिन सिंह

Updated on: 27 Sept 2024 8:22 PM IST

Shehbaz Sharif in U.N. General Assembly: पाकिस्तान को अपनी गिरती अर्थव्यवस्था से अधिक भारत की गतिविधियों पर नजर रखने की आदत हो गई है. हाल में ही विश्व बैंक से भीख लेकर अमेरिका के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को लेकर आग उगलने से बाज नहीं आए. उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों पर हमला करते हुए कहा कि भारत को जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल 370 निरस्त करना चाहिए.

शहबाज शरीफ ने 20 मिनट से अधिक के भाषण में ने कश्मीर के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा कि इसी तरह फिलिस्तीन के लोगों की तरह जम्मू और कश्मीर के लोगों ने भी अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है. उन्होंने बुरहान वानी का नाम लेते कहा कि उनकी सोच आज भी कश्मीरियों में है.

शहबाज शरीफ ने आलापा अनुच्छेद 370 का राग

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के फैसले का जिक्र करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि कश्मीर और बॉर्डर पर शांति सुनिश्चित करने के लिए भारत को अगस्त 2019 में लिए गए आर्टिकल 370 के एकतरफा और अवैध फैसलों को वापस लेना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के साथ जम्मू और कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत में प्रवेश करना चाहिए .

प्रधानमंत्री शहबाज भाषण में कहा, 'आज हम विश्व व्यवस्था के लिए सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. गाजा में इजरायल का नरसंहार युद्ध, यूक्रेन में एक खतरनाक संघर्ष, अफ्रीका, एशिया में विनाशकारी संघर्ष, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, फिर से उभरता आतंकवाद, बढ़ती गरीबी, बढ़ता कर्ज और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव से हम नई विश्व व्यवस्था की ठंडक महसूस कर रहे हैं.'

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