डूब गए 21,00 करोड़! एयरपोर्ट बना कर भूल गया पाकिस्तान? न प्लेन और न ही पैसेंजर्स
पाकिस्तान में बने ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जिसकी इस समय काफी चर्चा हो रही है. चर्चा इसलिए क्योंकी इसे बने काफी समय हो चुका है. लेकिन अब तक इसे शुरू नहीं किया गया. न तो यहां प्लेन है, न ही यहां यात्री आते हैं. इस एयरपोर्ट की शुरुआत ही नहीं हुई है. चीन द्वारा की गई 240 मिलियन की फंडिंग से इसे तैयार किया गया था.

पाकिस्तान के एक एयरपोर्ट की इस समय काफी चर्चा हो रही है. यह एयरपोर्ट पाकिस्तान में सबसे मंहगा बताया जाता है. अब बात करें चर्चा की तो वो इसलिए क्योंकी यह न तो कई प्लेन है और न ही कोई यात्री. इसे बनाने में चाइना ने फंडिंग की थी. चीन द्वारा की गई 240 मिलियन डॉलर यानी 21 सौ करोड़ रुपये की फंडिंग से इसे तैयार किया गया था. हम आपसे ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बात कर रहे हैं. पाकिस्तान का यह एयरपोर्ट एक रहस्य बनता जा रहा है. क्योंकी कोई नहीं जानता कि इसे कब शुरू किया जाएगा.
अब कहने को यह एयरपोर्ट ऑक्टूबर में तैयार हो गया था. लेकिन सुविधा के नाम पर अब तक यहां कोई चीज नहीं दिखाई दे रही है. ह एयरपोर्ट अपने आस-पास के गरीब और अशांत दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत से बिल्कुल अलग दिखता है. आपको बता दें कि चीन बलूचिस्तान और ग्वादर में अरबों डॉलर रुपये खर्च कर रहा है. ऐसा पिछले 10 सालों से जारी है. यह प्रोजेक्ट उसके पश्चिमी शिनजियांग प्रांत को अरब सागर से जोड़ता है. इसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा या सीपीईसी कहा जाता है.
बिजली पर भी निर्भर
वहीं ऑथोरिटीज ने बताया कि इसे ट्रासंफोर्म किया जा सकता है. लेकिन इसमें बदलाव के सबूत काफी कम है. क्योंकी यह शहर ग्रिड से जुड़ा नहीं है. बिजली तक के लिए अपने पड़ोसी ईराय या फिर सोलर पैनल का सहारा लेना पड़ रहा है. यहां तक की यह ऐसा इलाका है जहां पर्याप्त मात्रा में साफ पानी भी नहीं है. ग्वादर शहर में रहने वाले लोगों की संख्या भी कम हैं. महज 90 हजार लोग इस शहर में रहते हैं. वहीं 400,000 यात्री क्षमता वाला हवाई अड्डा शहर के 90,000 लोगों के लिए प्राथमिकता नहीं है. हालांकि इसपर कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह एयरपोर्ट पाकिस्तान या फिर ग्वादर के लिए नहीं है. यह चीन के लिए तैयार किया गया है. ताकी वो अपने नागरिकों को ग्वादर और बलूचिस्तान तक सुरक्षित पहुंच प्रदान कर सकें.
इसका कोई फायदा नहीं
जिस इलाके में इस एयरपोर्ट को तैयार किया है. वहां लोग अधिकारी और आतंकवादियों के बीच फंसे हैं. चीनी प्रोजेक्ट सीपीईसी ने संसाधन संपन्न और रणनीतिक रूप से अहम बलूचिस्तान में दशकों से चले आ रहे आतंक को और बढ़ा दिया है. बलूचिस्तान के अलगावादी स्थानीय लोगों की कीमत पर राजकीय शोषण से नाराज हैं और आजादी के लिए लड़ रहे हैं. वे प्रांत और अन्य जगहों पर पाकिस्तानी सैनिकों और चीनी कामगारों, दोनों को निशाना बना रहे हैं.
कई लोग परेशान
जिस इलाके में ये एयरपोर्ट तैयार किया गया है. काफी संवेदवशली है. यहां रहने वाले लोग काफी परेशान है. ग्वादर में रहने वाले 76 वर्षीय स्थानिय निवासी खुदा बख्श हाशिम ने कहा कि कोई नहीं पूछता कि कहां जा रहे हैं आपका क्या नाम है, उन्होंने कहा कि हम पहाड़ों या फिर ग्रामीण इलाकों में पूरी रात पिकनिक का आनंद लेते थे. लेकिन हमें अपनी पहचान साबित करने के लिए कहा जाता है, हम कौन हैं, हम कहां से आए हैं.