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पाक के होंगे टुकड़े- टुकड़े! किसने किया पाकिस्तान के दो जवानों को अगवा? बलूचिस्तान के बाद खैबर पख्तूनख्वा के अलग होने की उठी मांग

पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सुरक्षा हालात और बिगड़ते नजर आ रहे हैं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों ने देराअ इस्माइल खान के पन्याल इलाके से सेना के दो जवानों का अपहरण कर लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगवा किए गए सैनिकों में सेकंड लेफ्टिनेंट सईद सईद अहमद और सिपाही इजाज हुसैन शामिल हैं.

पाक के होंगे टुकड़े- टुकड़े! किसने किया पाकिस्तान के दो जवानों को अगवा? बलूचिस्तान के बाद खैबर पख्तूनख्वा के अलग होने की उठी मांग
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 18 May 2025 10:35 PM IST

पाकिस्तान की जर्जर होती आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर एक और बड़ा झटका लगा है, डेरा इस्माइल खान से रिपोर्ट आई है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने दो पाकिस्तानी सेना के जवानों – सेकंड लेफ्टिनेंट सईद सईद अहमद और सिपाही इजाज हुसैन – का अपहरण कर लिया है. यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में पाकिस्तान से अलग होने की मांग तेज हो रही है. लगातार हो रहे आतंकी हमलों और TTP की बढ़ती सक्रियता ने इस्लामाबाद की नींद उड़ा दी है. पाकिस्तान टुकड़ों की ओर बढ़ रहा है, संकेत साफ हैं.

पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सुरक्षा हालात और बिगड़ते नजर आ रहे हैं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों ने देराअ इस्माइल खान के पन्याल इलाके से सेना के दो जवानों का अपहरण कर लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगवा किए गए सैनिकों में सेकंड लेफ्टिनेंट सईद सईद अहमद और सिपाही इजाज हुसैन शामिल हैं.

यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब TTP ने खैबर पख्तूनख्वा में एक ही दिन में कई हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिनमें कम से कम 20 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने और कई अन्य के घायल होने की बात कही गई है. सबसे गंभीर हमला दक्षिण वज़ीरिस्तान के टियाराज जिले के डेला क्षेत्र में एक सेना की गाड़ी को माइंस से उड़ाने का बताया गया है.

हालिया घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि TTP ने पाकिस्तान की सेना के खिलाफ अपने हमलों को एक बार फिर तेज कर दिया है, ऐसे समय में जब देश पहले से ही आंतरिक अस्थिरता और भारत के साथ हालिया सैन्य तनाव (ऑपरेशन सिंदूर) जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है.

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की सेना अब बाहरी मोर्चे के साथ-साथ भीतर से भी भारी दबाव में है. सरकारी स्तर पर अब तक न तो सैनिकों की अपहरण की पुष्टि की गई है और न ही हालिया हमलों में हुए नुकसान पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है.

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