Operation Sindoor: अपने परिवार के 14 सदस्यों के साथ मारा गया होता मसूद अजहर, ऐसे बची जैश के सरगना की जान
जहर पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश मुख्यालय से सटी एक इमारत में छिपा हुआ था, जहां से वह बाल-बाल बच निकला. भारत ने यह कार्रवाई 7 मई की सुबह महज़ 23 मिनट में पूरी की, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी लॉन्चपैड को निशाना बनाया गया.

Operation Sindoor: अपने परिवार के 14 सदस्यों के साथ मारा गया होता मसूद अजहर, ऐसे बची जैश के सरगना की जानसंयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को हाल ही में भारत द्वारा किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान मौत से चमत्कारिक रूप से बचा लिया गया. सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना के हमले में जैश का मुख्यालय पूरी तरह ध्वस्त हो गया, और अजहर उसी के पास स्थित एक इमारत में मौजूद था. हमले में मसूद अजहर के 14 परिजन मारे गए.
सूत्रों की मानें तो अजहर पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश मुख्यालय से सटी एक इमारत में छिपा हुआ था, जहां से वह बाल-बाल बच निकला. भारत ने यह कार्रवाई 7 मई की सुबह महज़ 23 मिनट में पूरी की, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी लॉन्चपैड को निशाना बनाया गया. इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश के टॉप कमांडर शामिल थे.
जिन आतंकियों का खात्मा हुआ-
मुदस्सर खडियान खास - लश्कर का सीनियर कमांडर
हाफिज मोहम्मद जमील -हाफिज सईद का रिश्तेदार
मोहम्मद यूसुफ अजहर - मसूद अजहर का चचेरा भाई
खालिद - जम्मू-कश्मीर में कई हमलों का मास्टरमाइंड
मोहम्मद हसन खान - जैश का शीर्ष कमांडर
पाकिस्तान का मुआवजा विवाद
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये प्रति व्यक्ति मुआवजा देने का एलान किया है. इस फैसले से मसूद अजहर को 14 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलने की संभावना है, क्योंकि उसके 14 परिजन मारे गए हैं. हमले के बाद पाकिस्तान ने 15 भारतीय शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, जिसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया. इसके जवाब में भारत ने लाहौर और रावलपिंडी जैसे शहरों में पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस तबाह कर दिए.
10 मई को, पाकिस्तान के DGMO ने भारत से संपर्क कर संघर्षविराम की पेशकश की, जिसे दोनों देशों ने मान लिया. यह घटना भारत के लिए रणनीतिक सफलता और पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है, खासकर ऐसे समय में जब पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने सख्त जवाब देने की बात कही थी.