एक बार फिर व्हाइट हाउस में बवाल! ट्रंप कैबिनेट में Musk और मार्को रुबियो के बीच किस बात को लेकर हाथापाई?
व्हाइट हाउस में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान, एलोन मस्क और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच तीखी नोकझोंक हो गई, जिससे ट्रम्प प्रशासन के भीतर सरकारी सुधारों को लेकर गहरे मतभेद उजागर हो गए. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह तनाव कई हफ्तों से बढ़ रहा था.

व्हाइट हाउस में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान, एलोन मस्क और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच तीखी नोकझोंक हो गई, जिससे ट्रम्प प्रशासन के भीतर सरकारी सुधारों को लेकर गहरे मतभेद उजागर हो गए. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह तनाव कई हफ्तों से बढ़ रहा था, लेकिन कैबिनेट रूम में बैठक के दौरान यह खुलकर सामने आया, जहां राष्ट्रपति ट्रम्प ने मस्क और शीर्ष अधिकारियों के बीच गरमागरम बहस की अध्यक्षता की.
रुबियो लंबे समय से मस्क की आक्रामक लागत-कटौती नीतियों से असहमत थे, लेकिन जब मस्क ने उन पर अपने विभाग में अनावश्यक पदों को खत्म करने में विफल रहने का आरोप लगाया, तो विवाद चरम पर पहुंच गया. मस्क ने तंज कसते हुए कहा, "आपने किसी को नहीं निकाला है," यह दावा करते हुए कि विदेश विभाग आवश्यकता से अधिक कर्मचारियों से भरा हुआ है. इस पर रुबियो ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और मस्क को याद दिलाया कि उन्होंने पहले ही 1,500 अधिकारियों की छंटनी की है.
हाथ पर हाथ रखे थे ट्रंप
अमेरिकी अखबार के मुताबिक, जैसे ही बहस तेज हुई, राष्ट्रपति ट्रम्प, जो अब तक हाथ पे हाथ रखे हुए थे, आखिरकार बीच में आए. उन्होंने कहा, 'मार्को बहुत अच्छा काम कर रहे हैं,' जिससे स्थिति में बदलाव के संकेत मिले. हालांकि ट्रम्प ने पहले मस्क की दक्षता बढ़ाने की पहल का समर्थन किया था, लेकिन इस बार उन्होंने संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. इसके बाद, ट्रम्प ने प्रशासन में पुनर्संतुलन की घोषणा की. अब कैबिनेट सचिव प्रमुख फैसले लेंगे, जबकि मस्क की टीम केवल सलाहकार की भूमिका में रहेगी. यह निर्णय स्पष्ट संकेत था कि ट्रम्प मस्क के बढ़ते प्रभाव पर नियंत्रण रखने के लिए तैयार थे.
कई अधिकारियों ने निजी तौर पर मस्क की आक्रामक रणनीति को लेकर शिकायतें की थीं, और इस बदलाव को एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा गया. यह संकेत था कि ट्रम्प उन चिंताओं को गंभीरता से ले रहे थे. बैठक के बाद, ट्रम्प ने एक पोस्ट में कहा कि भविष्य की लागत कटौती 'कुल्हाड़ी से नहीं, बल्कि स्केलपेल से की जाएगी,' जो मस्क की कठोर नीतियों की स्पष्ट आलोचना थी.
आगे की राह
बाद में, मस्क ने बैठक को 'उत्पादक' बताया, लेकिन अंदरूनी माहौल में उनकी हताशा साफ झलक रही थी. प्रशासन में लागत-कटौती प्रयासों पर नियंत्रण की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. ट्रम्प ने एक स्पष्ट सीमा तय कर दी है, लेकिन मस्क के चुपचाप पीछे हटने की संभावना नहीं दिखती. अब बड़ा सवाल यह है.क्या यह असहज संघर्ष विराम बना रहेगा, या एक और कैबिनेट टकराव बस आने ही वाला है?