टाइम 100 में कोई देसी नहीं! छाए अंतरराष्ट्रीय दिग्गज, भारत का असर क्यों फीका पड़ा?
TIME मैगजीन ने 2025 की 100 सबसे प्रभावशाली हस्तियों की सूची जारी की, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप, एलन मस्क और मुहम्मद यूनुस जैसे वैश्विक नेता शामिल हैं. हालांकि, इस बार किसी भी भारतीय को सूची में जगह नहीं मिली. यह पिछले वर्षों की तुलना में बड़ा अंतर है, जब आलिया भट्ट और साक्षी मलिक जैसे नाम शामिल हुए थे. भारतीय प्रतिनिधित्व की यह कमी चर्चा का विषय बनी हुई है.

टाइम मैगजीन ने 2025 की अपनी प्रतिष्ठित '100 सबसे प्रभावशाली लोगों' की सूची जारी की है, लेकिन इस बार भारत के लिए यह खबर निराशाजनक रही. पिछले वर्षों की तुलना में इस बार किसी भी भारतीय नागरिक को इस सूची में स्थान नहीं मिला है. जबकि दुनियाभर से राजनीति, विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी और एंटरटेनमेंट की दिग्गज हस्तियों को इस बार जगह मिली है.
इस साल की सूची में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, टेस्ला और स्पेस X के प्रमुख एलन मस्क, मैक्सिको की राष्ट्रपति उम्मीदवार क्लाउडिया शिनबाम और WHO प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस जैसे नाम शामिल हैं. इसके अलावा ब्रिटेन के पीएम कीर स्टारमर और नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस जैसे वैश्विक नेताओं को भी सूची में स्थान दिया गया है, जो दर्शाता है कि वैश्विक नीति और समाज पर इनके प्रभाव को कितना अहम माना गया है.
कवर स्टार्स ने भी बटोरा ध्यान
टाइम के इस अंक के पांच इंटरनेशनल कवर बनाए गए हैं जिनमें डेमी मूर, स्नूप डॉग, सेरेना विलियम्स, एड शीरन और डेमिस हसाबिस जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं. ये कवर इस बात का प्रतीक हैं कि सिर्फ राजनीति ही नहीं, बल्कि मनोरंजन, खेल और तकनीक की दुनिया से भी प्रभावशाली बदलाव करने वाले लोगों को बराबर महत्व दिया गया है.
पॉप कल्चर का जलवा बरकरार
लिस्ट में पॉप कल्चर का दबदबा साफ नजर आता है. स्कारलेट जोहानसन, ब्लैकपिंक की रोज़े, ब्लेक लाइवली, एड्रियन ब्रॉडी और डेनियल डे किम जैसे नामों ने यह सिद्ध कर दिया है कि आज के दौर में कला और मनोरंजन सामाजिक प्रभाव का बड़ा माध्यम बन चुके हैं. इस साल लिस्ट में 12 से अधिक कलाकारों को शामिल किया गया है, जो दर्शाता है कि मनोरंजन की दुनिया भी समाज को बदलने की ताकत रखती है.
भारतीय मूल की CEO को मिला सम्मान
हालांकि ‘लीडर्स’ की सूची में भारतीय मूल की रेशमा केवलरमानी को शामिल किया गया है, जो अमेरिका की बायोटेक कंपनी वर्टेक्स फार्मास्यूटिकल्स की पहली महिला CEO हैं. रेशमा ने CRISPR आधारित थेरेपी को FDA से मंजूरी दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई, जिससे सिकल सेल जैसी बीमारी का इलाज संभव हुआ है. लेकिन रेशमा अमेरिका में रहकर काम कर रही हैं, भारत से सीधे कोई प्रतिनिधित्व इस बार नहीं दिखा.
पिछले साल की तुलना में बड़ा अंतर
2024 में अभिनेत्री आलिया भट्ट और पहलवान साक्षी मलिक जैसी भारतीय हस्तियों ने इस सूची में जगह बनाई थी, लेकिन 2025 में उनकी गैरमौजूदगी ने एक खालीपन पैदा किया है. यह सवाल उठता है कि क्या इस साल भारतीय नेतृत्व, कला या समाज सेवा के क्षेत्र में कोई ऐसा प्रभाव नहीं पड़ा, जिसे वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलती? यह एक बहस का विषय बन चुका है और आने वाले वर्षों में भारत को फिर से इस सूची में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की चुनौती होगी.