जल रहा नेपाल! 20 से अधिक मौत के बाद सोशल मीडिया से हटा बैन, कैसे इकट्ठा हो गए इतने लोग? Nepal Protest पर पढ़ें Top Updates
नेपाल में सोशल मीडिया बैन के बावजूद गुस्से से भरे युवाओं का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा. भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ शुरू हुआ यह विरोध अब ‘Gen Z Revolution’ बन गया है. काठमांडू समेत कई शहरों में हजारों छात्र-युवा सड़कों पर उतरे और संसद तक पहुंचने की कोशिश की. पुलिस से झड़प के दौरान फायरिंग हुई, जिसमें अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत और 250 से अधिक घायल हो चुके हैं. हालात बिगड़ने पर गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया, जबकि प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली बैन हटाने से इनकार कर रहे हैं. भारत-नेपाल सीमा और दार्जिलिंग में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.

नेपाल इन दिनों सियासी उथल-पुथल और जनता के गुस्से की आग में झुलस रहा है. राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में ‘Gen Z क्रांति’ के नाम से चल रहे विरोध प्रदर्शनों ने हालात बिगाड़ दिए हैं जिससे आज पूरा दिन नेपाल जला है. भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और 27 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध के खिलाफ भड़की इस हिंसा में अब तक 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज़्यादा घायल हुए हैं. बढ़ते दबाव के बीच गृह मंत्री रमेश लेखक ने कैबिनेट बैठक में इस्तीफ़ा दे दिया और नैतिक ज़िम्मेदारी ली.
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने कैबिनेट बैठक में साफ कहा कि वह प्रधानमंत्री पद छोड़ सकते हैं, लेकिन सोशल मीडिया बैन वापस नहीं लेंगे. उनकी इस ज़िद से नेपाली कांग्रेस के मंत्री नाराज़ होकर बैठक से वॉकआउट कर गए. भारत-नेपाल सीमा पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है और कई इलाकों में कर्फ्यू लगा है. आइए अब इस खबर में जानते हैं अब तक क्या हुआ है.
आमतौर पर किसी भी देश में बड़े विरोध प्रदर्शनों के पीछे सोशल मीडिया की ताकत होती है, लेकिन नेपाल का हालिया आंदोलन इस मायने में अलग है कि यहां सोशल मीडिया पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बावजूद हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ माहौल बन गया. सवाल उठता है कि जब फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स बंद थे तो इतनी भीड़ आखिर इकट्ठा कैसे हुई? जवाब है टिकटॉक और वीपीएन. टिकटॉक ने सरकार को भरोसा दिलाया था कि वह नियमों का पालन करेगा, इसलिए उस पर रोक नहीं लगी. नतीजा यह हुआ कि प्रदर्शनकारियों ने टिकटॉक और वीपीएन का सहारा लेकर संदेश फैलाया और भीड़ जुटा ली.
लेकिन यह आंदोलन सिर्फ सोशल मीडिया बैन का नतीजा नहीं है. इसके पीछे लंबे समय से simmer कर रहा असंतोष है, नेपोटिज्म और भ्रष्टाचार के खिलाफ. ‘नेपो किड्स’ ट्रेंड के जरिए नेताओं के बच्चों की लग्जरी लाइफस्टाइल ने युवाओं में गुस्सा भड़का दिया था. सोशल मीडिया बैन ने इस आग को और हवा दे दी. अब यह विरोध सिर्फ एक डिजिटल प्रतिबंध तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सरकार की नीतियों, भ्रष्टाचार और राजनीतिक वर्ग पर सवाल खड़े कर रहा है.
नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाया गया बैन हटा लिया है. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने बताया कि सोमवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया को फिर से संचालन में लाने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि विरोध प्रदर्शन इसके बहाने और भड़क रहे थे.
अब तक क्या हुआ?
- नेपाल में 27 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन, जिसमें Facebook, WhatsApp, YouTube, X शामिल.
- Gen Z युवाओं ने आंदोलन छेड़ा, हजारों स्कूली और कॉलेज छात्रों की भागीदारी.
- 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत, 250 से अधिक घायल.
- गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा सौंपा.
- प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि, 'पद छोड़ दूंगा, पर बैन नहीं हटेगा, हालांकि सोशल मीडिया से बैन हट चुका है.
- नेपाली कांग्रेस मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक से वॉकआउट किया.
- काठमांडू समेत कई शहरों में कर्फ्यू लागू, सेना तैनात.
- भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता, दार्जिलिंग में SSB अलर्ट.
- TikTok पर #YouthAgainstCorruption और #NepoKid हैशटैग ट्रेंड में.