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नेपाल में कुछ ही लोग क्‍यों कर रहे राजशाही की मांग, राष्‍ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी की क्‍या है भूमिका? जानें पूरी डिटेल

28 मार्च 2025... नेपाल की राजधानी काठमांडू से अचानक हिंसा की खबरें सामने आने लगती हैं. पुलिसबलों और राजशाही समर्थकों के बीच झड़प हो जाती है, जिसमें एक शख्स की गोली लगने से मौत हो गई तो वहीं एक बिल्डिंग में फंसे पत्रकार को आग में अपनी जान गंवानी पड़ी. प्रदर्शन को देखते हुए कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कुछ ही लोग नेपाल में राजशाही की मांग क्यों कर रहे हैं और इसमें राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी की क्या भूमिका है...

नेपाल में कुछ ही लोग क्‍यों कर रहे राजशाही की मांग, राष्‍ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी की क्‍या है भूमिका? जानें पूरी डिटेल
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( Image Source:  X )

Nepal Protests Gantantra Vs Rajtantra: नेपाल में हाल ही में राजशाही की बहाली और देश को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर 28 मार्च को प्रदर्शन हुए. इस दौरान पुलिस और राजशाही समर्थकों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पथराव, आगजनी और हिंसा की घटनाएं देखने को मिली. इस दौरान एक शख्स की गोली लगने से मौत हो गई. वहीं, एक पत्रकार की एक बिल्डिंग में आग लगने के कारण जान चली गई.

राजशाही समर्थकों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए तिनकुने समेत कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया और काठमांडु स्थित त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी बंद कर दिया गया. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर ये विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं और इसके पीछे की वजह क्या है. आइए, इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं...

नेपाल में क्यों हुआ विरोध प्रदर्शन?

  1. राजनीतिक अस्थिरता और भ्रष्टाचार: 2008 में राजशाही समाप्त होने के बाद से नेपाल में लगातार राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है. पिछले वर्षों में कई सरकारें बदली हैं, लेकिन जनता की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ. इसके साथ ही, राजनीतिक दलों पर भ्रष्टाचार और कुशासन के आरोप लगते रहे हैं, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा है.
  2. आर्थिक चुनौतियां: नेपाल की अर्थव्यवस्था धीमी गति से बढ़ रही है. बेरोजगारी और गरीबी जैसी समस्याएं बनी हुई हैं. लोगों को उम्मीद थी कि गणतंत्र के तहत आर्थिक विकास होगा, लेकिन अपेक्षित सुधार नहीं हुए, जिससे लोग पूर्व की राजशाही व्यवस्था की ओर देख रहे हैं.
  3. सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान: नेपाल पहले एक हिंदू राष्ट्र था, लेकिन 2008 में इसे धर्मनिरपेक्ष घोषित किया गया. कई नागरिकों को लगता है कि उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान कमजोर हो गई है. इसलिए, वे देश को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग कर रहे हैं.

राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) की विरोध प्रदर्शन में क्या है भूमिका?

राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) नेपाल की एक प्रमुख राजशाहीवादी और हिंदू राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है. इसका गठन पूर्व प्रधानमंत्रियों सूर्य बहादुर थापा और लोकेन्द्र बहादुर चंद ने किया था. पार्टी का मुख्य उद्देश्य संवैधानिक राजतंत्र और हिंदू राष्ट्र की पुनर्स्थापना करना है. हाल के प्रदर्शनों में राप्रपा के नेताओं और समर्थकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई है, जिससे इन मांगों को और बल मिला है. आरपीपी संसद में पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी है. यह कई सालों से राजशाही के मुद्दे को उठाती रही है. पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान आरपीपी के महसचिव धवल शमशेर राणा और केंद्रीय सदस्य रविंद्र मिश्रा को गिरफ्तार किया था.

गणतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के पक्ष में हैं कई नागरिक

हालांकि, नेपाल की मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियां और कई नागरिक गणतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के पक्ष में हैं. वे मानते हैं कि लोकतांत्रिक प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाकर देश की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. वर्तमान में, नेपाल इस मुद्दे पर बंटा हुआ है. ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भविष्य में देश किस दिशा में आगे बढ़ता है.

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