सावधान! आज पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेंगे दो विशाल एस्टेरॉयड, नासा की बड़ी चेतावनी
पृथ्वी के बेहद करीब से आज दो विशाल एस्टेरॉयड गुजरने वाले हैं. ऐसे में नासा के साइंटिस्ट इस पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन उन्होंने किसी खतरे की जानकारी नहीं दी है. कई बार ये पृथ्वी पर मौसम को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं.

आज 16 दिसंबर को दो विशाल एस्टेरॉयड 2024 XY5 और 2024 XB6, पृथ्वी की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं. हालांकि, अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने किसी खतरे की पुष्टि नहीं की है, लेकिन वो इस पर एजेंसी पूरे वक्त नजर बनाए रखेगी, जिससे आने वाले समय के लिए स्टडी की जा सके.
एस्टेरॉयड 2024 XY5
71 फीट डायमीटर वाला एस्टेरॉयड 2024 XY5 16 दिसंबर को 12 बजकर 26 मिनट IST पर पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरेगा. 10,805 मील प्रति घंटे की गति से यात्रा करते हुए यह लगभग 2,180,000 मील की दूरी से गुजरेगा, जो चंद्रमा से लगभग 16 गुना अधिक दूरी है. वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि इस एस्टेरॉयड से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है.
एस्टेरॉयड 2024 XB6
नासा ने एस्टेरॉयड 2024 XB6 की पहचान की है, जो 2024 XY5 से थोड़ा छोटा है और इसका डायमीटर 56 फीट है. यह एस्टेरॉयड 14,780 मील प्रति घंटे की स्पीड से पृथ्वी के पास से गुजरेगा. जबकि इसका क्लोजेस्ट अप्रोच लगभग 4,150,000 मील की दूरी पर होगा, जिससे तत्काल कोई खतरा नहीं होगा. बता दें कि इस तरह के एस्टेरॉयड लगभग 4.6 बिलियन साल पहले बने प्रारंभिक सौर मंडल के अवशेष हैं.
इतिहास से जुड़ी है एस्टेरॉयड की कहानी
इन एस्टेरॉयड का अध्ययन करने से पृथ्वी की उत्पत्ति और हमारे ब्रह्मांड के इतिहास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है. अतीत की घटनाएं जैसे कि एस्टेरॉयड का प्रभाव जिसके कारण डायनासोर विलुप्त हो गए, इन वस्तुओं पर बारीकी से नजर रखने और हमारे ग्रह पर उनके संभावित प्रभाव को समझने में मदद करती है.
साइंटिस्ट के लिए एस्टेरॉयड का महत्व
नासा पृथ्वी के निकट स्थित वस्तुओं (NEO) की निगरानी के लिए उन्नत प्रणालियों का उपयोग करता है. रडार तकनीक का उपयोग करते हुए जेट प्रोपल्शन लेबोरेटेरी एस्टेरॉयड के प्रक्षेप पथों की सटीक गणना करती है. OSIRIS-REx और Hayabusa2 जैसे मिशन एस्टेरॉयडों के नमूने पृथ्वी पर वापस ला चुके हैं, जो हमारे ग्रह पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में जानकारी देती है.
2024 XY5 जैसे एस्टेरॉयडों का अध्ययन करके वैज्ञानिक ब्रह्मांड की गहरी समझ हासिल करते हैं, साथ ही पृथ्वी को संभावित प्रभावों से सुरक्षित रखने के लिए भी काम करते हैं.