आखिर लंदन की सड़कों पर क्यों उतरे एक लाख से ज्यादा लोग? 'Unite the Kingdom' रैली के 5 VIDEO
London Protest: लंदन की सड़कों पर 1 लाख से ज्यादा लोग अपनी स्वतंत्रता और अधिकार को लेकर मार्च निकाल रहे हैं. युवा 'यूनाइट द किंगडम' नाम से रैली निकाल रहे हैं. रैली में शामिल होने के लोग इंग्लैंड का लाल-सफेद सेंट जॉर्ज झंडा और यूनाइटेड किंगडम का नेशनल फ्लैग हाथ में लिए दिखे.

London Protest: लंदन की जनता सड़कों पर उतर आई है. शनिवार (13 सितंबर) को 1 लाख से ज्यादा लोगों ने 'यूनाइट द किंगडम' रैली में हिस्सा लिया. सेंट्रल हिस्से में एक बड़ा राइट-विंग प्रदर्शन हुआ. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प भी हुई. इस दौरान 26 पुलिसवाले घायल हो गए और 4 की हालात गंभीर है.
मार्च में यह विरोधी-आप्रवासन (anti-immigration) कार्यकर्ता टॉमी रॉबिनसन ने इसकी शुरुआत की. रॉबिनसन ने इस मार्च को 'Unite the Kingdom' कहा, और इसे अभिव्यक्ति-स्वतंत्रता, देश की विरासत, तथा इमिग्रेशन नीति के खिलाफ एक आंदोलन के रूप में पेश किया गया.
सड़कों पर लाखों लोग
लंदन की सड़क पर 1 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए, जिसमें पुलिस ने लगभग 110,000 लोगों के शामिल होने की . पुलिस ने कम से कम 25 लोग गिरफ्तार भी किए गए. इसी के साथ 'Stand Up to Racism' नाम से आयोजित किया गया जिसमें लगभग 5,000 लोग शामिल हुए.
पुलिस ने बरसाई लाठी
लंदन पुलिस ने दोनों समूहों के बीच झड़पों और टकराव को रोकने के लिए कई स्थानों पर हस्तक्षेप करना पड़ा. रैली में शामिल होने के लोग इंग्लैंड का लाल-सफेद सेंट जॉर्ज झंडा और यूनाइटेड किंगडम का नेशनल फ्लैग हाथ में लिए दिखे.
भीड़ ने शरणार्थियों का स्वागत है और दक्षिणपंथ को ध्वस्त करो जैसे नारे लिखे हुए पोस्टर हाथों में लिए हुए थे, और खड़े हो जाओ, मुकाबला करो के नारे लगा रहे थे.
एलन मस्क ने किया सपोर्ट
इस प्रोटेस्ट को लेकर टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने इस रैली का सपोर्ट किया है. उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ब्रिटिश होने में कुछ खूबसूरती है और मैं यहां जो कुछ घटित होते देख रहा हूं, वह ब्रिटेन का विनाश है.
कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन?
टॉमी रॉबिन्सन का असली नाम स्टेफन क्रिस्टोफर याक्सले-लेनन है. उनका जन्म 27 नवंबर 1982 को इंग्लैंड के लुटन में हुआ. वह एक प्रसिद्ध फार-राइट कार्यकर्ता हैं, जो विशेष रूप से आप्रवासन विरोधी और इस्लाम विरोधी रुझानों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने EDL की सह-स्थापना की थी, जो 2009 में बनी थी और इस्लाम और आप्रवासन को लेकर सख्त रुख अपनाती है.