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155 रुपये में पाकिस्तान के मंत्रियों के फोन की लोकेशन और 600 में हो रहा फोन टैप, शॉकिंग रिपोर्ट से पाकिस्तान में खलबली

पाकिस्तान में मंत्रियों, नेताओं और अधिकारियों के फ़ोन टैपिंग और डेटा लीक का चौंकाने वाला खुलासा. रिपोर्ट के मुताबिक VIP लोगों के फ़ोन और लोकेशन सिर्फ 500 पाकिस्तानी रुपये (लगभग 155 INR) में ट्रैक किए जा सकते हैं. विदेश यात्रा पर भी नेताओं के फ़ोन आसानी से टैप किए जा रहे हैं. पाकिस्तानी साइबर हैकर 600 से 1000 रुपये में फोन रिकॉर्डिंग कर डेटा बेच रहे हैं. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने 2023 में अलर्ट दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. गृह मंत्री मोहसीन नकवी ने अब 14 सदस्यीय कमेटी बनाकर जाँच शुरू की है. इस घटना ने पाकिस्तान की डिजिटल गोपनीयता और राजनीतिक हलचल में हड़कंप मचा दिया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट और जानें कैसे हो रही है फोन टैपिंग और डेटा लीक.

155 रुपये में पाकिस्तान के मंत्रियों के फोन की लोकेशन और 600 में हो रहा फोन टैप, शॉकिंग रिपोर्ट से पाकिस्तान में खलबली
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( Image Source:  sora ai )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 8 Sept 2025 12:06 PM

पाकिस्तान से चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि पाकिस्तान में मंत्रियों, नेताओं, अधिकारियों और अन्य प्रभावशाली लोगों के फ़ोन टैपिंग (Pakistan minister phone tapping) और डेटा लीक (data leak) बेहद सस्ते दामों पर हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 500 पाकिस्तानी रुपये में किसी भी मंत्री या VIP व्यक्ति के फ़ोन का ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग संभव है. भारत में 500 पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू केवल 155 रुपये होती है. इस खुलासे ने पाकिस्तान में राजनीतिक और सुरक्षा जगत में सनसनी मचा दी है.

रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान में 10 हज़ार से अधिक मंत्रियों, नेताओं और प्रभावशाली लोगों के फ़ोन रिकॉर्ड बनाए जा रहे हैं. इससे पहले भी कई मंत्री फ़ोन टैपिंग के आरोप लगा चुके हैं, लेकिन इस रिपोर्ट ने इस मामले को नई गंभीरता दी है. राजनीतिक हलचल तेज़ होने के साथ ही आम नागरिक और मीडिया में भी चिंता बढ़ गई है.

फ़ोन टैपिंग के लिए वसूले जा रहे शुल्क

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक 600 रुपये (लगभग 2000 पाकिस्तानी रुपये) लेकर फ़ोन रिकॉर्डिंग कर रहे हैं. विदेश यात्रा के दौरान मंत्रियों और नेताओं के फ़ोन को टैप करने के लिए लगभग 1000 रुपये (3000 पाकिस्तानी रुपये) वसूले जा रहे हैं. रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया कि रिकॉर्ड किया गया डेटा आसानी से संबंधित पक्ष को भेजा जा रहा है, जिससे देश की सुरक्षा और गोपनीयता पर बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है.

पाकिस्तान की डिजिटल गोपनीयता पर गंभीर सवाल

सरकारी सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान में नए सिम कार्ड लेने वाले नागरिकों की लोकेशन और डेटा वेबसाइट के माध्यम से तुरंत ट्रैक किया जाता है. इसके अलावा, सिम कार्ड प्राप्त करने के प्रमाण और फ़ोन टैपिंग की जानकारी भी संदिग्ध लोगों द्वारा बेची जा रही है. इस तरह यह खुलासा पाकिस्तान की डिजिटल सुरक्षा और नागरिकों की प्राइवेसी की पोल खोलता है.

खुफ़िया एजेंसी ने पहले ही जारी किया था अलर्ट

मिनट मिरर की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की खुफ़िया एजेंसी ने 2023 में दूरसंचार विभाग को इस खतरे के बारे में अलर्ट किया था. बावजूद इसके, संबंधित वेबसाइट्स पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी. इससे यह साफ़ हो गया कि पाकिस्तान में डिजिटल सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर कमियां मौजूद हैं.

गृह मंत्री ने बनाई विशेष जांच कमेटी

पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसीन नक़वी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए 14 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. नक़वी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. इससे उम्मीद की जा रही है कि डेटा लीक और फ़ोन टैपिंग के मामलों में सख्त कदम उठाए जाएंगे.

डेटा लीक के चार प्रमुख तरीके

रिपोर्ट में चार तरीकों से डेटा लीक होने की जानकारी दी गई है.

  • नए सिम कार्ड धारकों की लोकेशन को ट्रैक किया जाता है.
  • सिम कार्ड जारी करने के प्रमाणों को संदिग्ध लोग बेचते हैं.
  • मंत्रियों और नेताओं के फ़ोन को टैप किया जाता है और उसका डेटा बेचा जाता है.
  • विदेश यात्रा के दौरान VIP फ़ोन टैपिंग के जरिए भी जानकारी एकत्रित की जाती है.

पाकिस्तान में राजनीतिक और सुरक्षा हलचल

इस खुलासे ने पाकिस्तान में राजनीतिक और सुरक्षा जगत में हलचल बढ़ा दी है. मंत्रियों और अधिकारियों के फ़ोन टैपिंग और डेटा लीक का मामला अब उच्चस्तरीय जाँच और सख्त सुरक्षा कदमों की मांग कर रहा है. गृह मंत्री की कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही तय होगा कि किस तरह की कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी.

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