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जैसा बाप वैसा बेटा! दोनों का खालिस्तानियों के लिए धड़कता है दिल, सिर्फ़ चुनाव जीतना है ट्रूडो का मकसद

पिछले कुछ दिनों में देखने को मिला कि ट्रूडो की लोकप्रियता घटी है। इससे ट्रूडो की बौखलाहट सामने आने लगी है। वह भारत को निशाना बनाकर चुनाव जीतना चाह रहा है। वह चाह रहा है कि जैसे ही वह भारत को टारगेट करेगा वैसे ही खालिस्तानी ट्रूडो के सपोर्ट में आएंगे और चुनाव जीतने में आसानी होगी। यही नहीं ट्रूडो अपने पिता के नक़्शे कदम पर चल रहे हैं।

जैसा बाप वैसा बेटा! दोनों का खालिस्तानियों के लिए धड़कता है दिल, सिर्फ़ चुनाव जीतना है ट्रूडो का मकसद
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 15 Oct 2024 5:26 PM IST

कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार को भारत की तरफ से बार बार फटकार मिल रही है। इसके बावजूद भी वह सुधरने का नाम नहीं ले रही है। कनाडा अब भारत पर बेवजह आरोप लगा रहा है। अब दोनों देश के रिश्ते बिगड़ गए हैं। इसकी वजह यह है कि ट्रूडो सरकार ने खालिस्तानी हरदीप निज्जर की हत्या में भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिक संजय कुमार वर्मा के शामिल होने का आरोप लगाया है। इस बेतुके बयान के बाद भारत सरकार ने कनाडा में अपने उच्चायुक्त और दूसरे राजनयिकों को बुलाने का फैसला किया है।

इसके पीछे कारण बताया जाता है कि कनाडा में अगले साल संघीय चुनाव होने वाले हैं। पिछले कुछ समय में ट्रूडो की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे ट्रूडो की बौखलाहट सामने आने लगी है। वह भारत को निशाना बनाकर चुनाव जीतना चाह रहा है। वह चाह रहा है कि जैसे ही वह भारत को टारगेट करेगा वैसे ही खालिस्तानी ट्रूडो के सपोर्ट में आएंगे और चुनाव जीतने में आसानी होगी। यही नहीं ट्रूडो अपने पिता के नक़्शे कदम पर चल रहे हैं।

पिता ने खालिस्तानियों को पाला

जस्टिन ट्रूडो के पिता का नाम पियरे ट्रूडो है। वह 1968 से 1979 और फिर 1980 से 1984 तक कनाडा के प्रधानमंत्री रहे। पियरे के साथ भी भारत के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं। 1980 के दशक में पंजाब में खालिस्तानियों ने आतंक मचा रखा था। इससे परेशान होकर भारत सरकार ने उग्रवाद के खिलाफ अभियान छेड़ दिया था। उस वक़्त सभी खालिस्तानी भागकर कनाडा में शरण ले रहे थे। खालिस्तानी समूह बब्बर खालसा का सदस्य तलविंदर सिंह परमार भी 1981 में पंजाब में दो पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद कनाडा भाग गया था। भारत ने जब परमार को वापस मांगा तो पियरे ट्रूडो प्रशासन ने नकार दिया। इनकी वजह से भारत-कनाडा के रिश्ते काफी बिगड़ गए थे। अब उनकी राह पर बेटा भी चल पड़ा है।

पियरे ने मारी थी पलटी

पियरे ट्रूडो ने 1971 में भारत का दौरा किया था। उनकी ताजमहल यात्रा की तस्वीरें काफी फेमस हुई थी। उसी वक़्त पाकिस्तान से बांग्लादेश अलग हुआ था। भारत और कनाडा परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए सहयोग कर रहे थे, लेकिन 1974 में जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया, तो ट्रूडो ने पलटी मार ली और भारत विरोधी रुख अपना लिया। उस समय वह खालिस्तानियों का समर्थन कर रहे थे। साथ ही 1998 में राजस्थान के पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण के बाद रिश्ते बिगड़े थे।

एयर इंडिया की फ्लाइट में हुआ था बम विस्फोट

पियरे के समर्थन के कारण ही 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट में बम विस्फोट हुआ था। इसमें तलविंदर परमार को बम विस्फोट का मास्टरमाइंड बताया गया था। यह कनाडा के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था। अंततः 1992 में पुलिस ने तलविंदर सिंह परमार को पंजाब में मार गिराया था। इस घटना ने दोनों देशों के संबंध को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया था।

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