Begin typing your search...

अब फैसला हमास के हाथ... गाजा सीजफायर पर इजरायल ने मानी 60 दिन की शर्तें, मिस्र और क़तर करा पाएंगे समझौता?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि इजरायल गाजा में 60 दिन के युद्धविराम की प्रमुख शर्तों पर सहमत हो गया है. उन्होंने हमास से अपील की है कि वह कतर और मिस्र के जरिए प्रस्ताव को स्वीकार करे, वरना हालात और बिगड़ेंगे. यह प्रस्ताव बंधकों की रिहाई और स्थायी समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

अब फैसला हमास के हाथ... गाजा सीजफायर पर इजरायल ने मानी 60 दिन की शर्तें, मिस्र और क़तर करा पाएंगे समझौता?
X
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 2 July 2025 6:37 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि इजरायल ने गाजा में 60 दिन के युद्धविराम की प्रमुख शर्तों को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने लिखा कि उनके प्रतिनिधियों ने इजरायली अधिकारियों के साथ लंबी और सार्थक बैठक की, जिसमें युद्धविराम के लिए जरूरी मसलों पर सहमति बन गई है. ट्रंप के इस बयान से अक्टूबर 2023 से जारी खूनी संघर्ष में पहली बार ठहराव की संभावना नज़र आई है, जिसमें अब तक 58,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं.

ट्रंप ने बताया कि अब यह अंतिम प्रस्ताव हमास के सामने रखा जाएगा और इसकी मध्यस्थता कतर और मिस्र जैसे देश करेंगे, जो शुरू से ही शांति स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं. ट्रंप ने साफ किया कि इस प्रस्ताव से बेहतर कुछ नहीं होगा, इसलिए हमास को इसे स्वीकार कर लेना चाहिए, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं. हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया कि उनके प्रतिनिधि कौन थे, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि इसमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस शामिल थे.

ट्रंप और नेतन्याहू की बैठक अहम

ट्रंप की घोषणा उस वक्त आई है जब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है. इजरायल ने हाल ही में ईरान पर हमले किए, जिनमें अमेरिका की भागीदारी भी सामने आई. इसके साथ ही, ट्रंप की नेतन्याहू से संभावित बैठक इस बात का संकेत है कि अमेरिका गाजा युद्ध को खत्म करने के लिए एक रणनीतिक रास्ता तलाश रहा है. ट्रंप ने कहा कि वह बंधकों की रिहाई के मसले पर भी नेतन्याहू से 'बहुत दृढ़ता' से बात करेंगे.

कब हुई थी युद्ध की शुरुआत?

7 अक्टूबर 2023 को हमास के अचानक हमले में 1,200 से अधिक इजरायली नागरिक मारे गए और 250 से ज़्यादा लोग बंधक बना लिए गए थे. इस हमले के जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी में जबर्दस्त सैन्य कार्रवाई की. लेकिन इतने महीनों बाद भी बंधकों की स्थिति और हमास के हथियारों की मौजूदगी को लेकर दोनों पक्ष किसी ठोस समाधान तक नहीं पहुंचे हैं. इजरायल की मांग है कि हमास पूरी तरह से निरस्त्र हो, जबकि हमास हथियार डालने से इनकार कर चुका है.

बंधकों की रिहाई पर अमेरिका का प्रस्ताव

अमेरिका ने एक नया प्रस्ताव रखा है, जिसमें कहा गया है कि 60 दिन के युद्धविराम के बदले में हमास आधे बंधकों को रिहा करेगा. इसके साथ ही, फिलिस्तीनी कैदियों और उनके अवशेषों के आदान-प्रदान का भी विकल्प दिया गया है. इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा कि इजरायल इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार है, अब फैसला हमास को करना है. लेकिन हमास की ओर से अब तक कोई औपचारिक जवाब नहीं आया है.

गाजा की क्या है स्थिति?

इस युद्ध के चलते गाजा में मानवाधिकार संकट चरम पर है. 56,000 से ज़्यादा लोगों की मौत, लाखों की विस्थापन और भुखमरी की स्थिति ने दुनिया को झकझोर दिया है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुसार, यहां हालात नरसंहार जैसे हैं. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजरायल पर युद्ध अपराध के आरोप लग चुके हैं, हालांकि इजरायल इन सभी आरोपों को खारिज करता है. ऐसे में ट्रंप का यह प्रस्ताव सिर्फ एक कूटनीतिक चाल है या शांति की शुरुआत, यह आने वाले हफ्तों में साफ होगा.

डोनाल्ड ट्रंपवर्ल्‍ड न्‍यूज
अगला लेख