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चिन्मय कृष्ण दास पड़े अकेले, इस्कॉन ने क्यों बीच मझधार मे छोड़ा?

Chinmoy Krishna Das Brahmachari: चिन्मय कृष्ण दास इस समय सुर्खियों में हैं. वे चटगांव में श्री श्री पुंडरीक धाम का प्रबंधन देखते थे. बांग्लादेश में उन पर आरोप है कि उन्होंने एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराया, जो राष्ट्र की संप्रभुता का अपमान है.

चिन्मय कृष्ण दास पड़े अकेले, इस्कॉन ने क्यों बीच मझधार मे छोड़ा?
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( Image Source:  X )

Chinmoy Krishna Das Brahmachari: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की खबरें सामने आती रहीं हैं. इस बीच वहां से एक बड़ी खबर सामने आई है. इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि चिन्मय कृष्ण दास को इस्कॉन ने पहले ही निकाल दिया था. उनका अब इस संगठन से कोई संबंध नहीं है. उनके किसी भी बयान से इस्कॉन का कोई संबंध नहीं हैं.

बता दें कि चिन्मय दास बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के बड़े चेहरे हैं. उन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उनको जेल भेजे जाने के बाद कई जगह हिंसा देखने को मिली है. हिंदू समुदाय काफी आक्रोशित है. स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. चिन्मय कृष्ण दास चटगांव में श्री श्री पुंडरीक धाम का प्रबंधन देखते थे. उन्हें संगठनात्मक अनुशासन का उल्लंघन करने की वजह से इस्कॉन से हटा दिया गया. उन पर आरोप है कि उन्होंने एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराया जो राष्ट्र की संप्रुभता का अपमान है.

चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने क्या कहा?

'ढाका ट्रिब्यून' के मुताबिक, चारू चंद्र दास ने कहा कि चटगांव में वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत के साथ इस्कॉन बांग्लादेश को गलत तरीके से जोड़ने की कोशिशें जारी हैं. हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस दुखद घटना या चल रहे विरोध प्रदर्शनों में इस्कॉन बांग्लादेश की कोई संलिप्तता नहीं है. यह गलत बयान इस हद तक बढ़ गया है कि सड़क दुर्घटनाओं के लिए इस्कॉन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

चारु चंद्र दास ने कहा कि कई महीने पहले प्रभात श्री कृष्ण मंदिर के प्रमुख लीलाराज गौर दास, गौरांग दास और चटगांव में श्री श्री पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को अनुशासन के उल्लंघन के कारण इस्कॉन के भीतर उनके पदों और सभी संगठनात्मक गतिविधियों से हटा दिया गया था. यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि उनके कार्य इस्कॉन का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.

कौन हैं चिन्मय कृष्ण दास?

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का पूरा नाम चंदन कुमार धर प्रकार चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी है. वे सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता हैं. उन्हें सोमवार को दोपहर हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा ने हिरासत में लिया था. मंगलवार को चटगांव की एक अदालत ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया.

चिन्मय कृष्ण दास पर क्या आरोप है?

मोहम्मद फिरोज खान ने चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि चिन्मय कृष्ण और 18 अन्य लोगों ने 25 अक्टूबर को चटगांव के न्यू मार्केट चौराहे पर सनातन जागरण मंच के बैनर तले हिंदू समुदाय द्वारा आयोजित एक रैली में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराया था. यह कृत्य देश की संप्रभुता का अपमान है.

भारत ने जताई कड़ी आपत्ति

भारत ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बयान जारी करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की बजाय शांतिपूर्ण सभाओं के जरिए वैध मांगें रखने वाले एक हिंदू पुजारी के ऊपर देशद्रोह का आरोप लगाया जा रहा है. हम इस पर चिंता जताते हैं. हम बांग्लादेश से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं.

बांग्लादेश ने भी जारी किया बयान

बांग्लादेश ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि चिन्मय दास की गिरफ्तारी को कुछ हलकों में गलत मतलब दिया गया है. भारत का बयान निराधार और दोस्ती की भावना के उलट है. इस तरह के बयान दोनों देशों के बीच मित्रता और आपसी समझ की भावना के खिलाफ है.

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