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बुरे वक्त में सामने आने लगे खामेनेई के दुश्मन, कर रहे सत्ता परिवर्तन की मांग, विरोधियों के साथ अपनों ने भी छोड़ा दामन

इजरायल इराक युद्ध के बीच अब वहां पर सत्ता परिवर्तन को लेकर भी चर्चा चरम पर है. खास बात यह है कि जब ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं, ठीक उसी दौर में पुराने दुश्मन तो छोड़िए, उनके अपने भी, उन्हीं के खिलाफ इजरायल की हां में हां मिला रहे हैं. इसमें सबसे बड़ा नाम उनके भतीजे का है, जो फ्रांस में रहता है.

बुरे वक्त में सामने आने लगे खामेनेई के दुश्मन, कर रहे सत्ता परिवर्तन की मांग, विरोधियों के साथ अपनों ने भी छोड़ा दामन
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इजरायल के साथ जारी जंग के बीच ईरान में सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की सत्ता को न केवल बारी बल्कि आंतरिक स्तर पर गंभीर चुनौती मिल रही है. अब उनके बड़े दुश्मन इजरायल, अमेरिका, ब्रिटेन व अन्य देश ही नहीं बल्कि फ्रांस में निर्वासित जीवन जी रहे भतीजे महमूद मोरदखानी और पूर्व शाह के बेटे रजा पहलवी उभरकर सामने आए हैं. अगर ईरान में सत्ता परिवर्तन की नौबत आई तो देश का नेतृत्व करने की लाइन में खामेनेई के दूसरे बेटे आगे चल रहे हैं.

ऐसे में यह लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर बुरे में ईरानी क्रांति के अगुवा रहे और सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई के जब बुरे दिन आए तो खामनेई के दुश्मन के रूप में कौन सामने आए. इसके अलावा लोग यह भी जानना चाह रहे हैं कि बुरे वक्त में दुश्मन बने लोगों में अपने कौन हैं?

फिलहाल, इजरायल और ईरान के बीच आज युद्ध का सातवां दिन है. युद्ध में खामेनेई अलग-थलग पड़ते दिखाई दे रहे हैं. यही वजह है कि ट्रम्प और नेतन्याहू दोनों ने सुप्रीम लीटर के न केवल जान के प्यासे हो गए हैं बल्कि ईरानी सत्ता का अगला उत्तराधिकार कौन पर ध्यान केंद्रित करने लगे हैं. यानी पश्चिमी ताकतों को इरादा केवल ईरान को परमाणु क्षमता से विहीन करना मात्र नहीं है. वहां पर मौलवी शासन का अंत भी है.

अयातुल्ला अली खामेनेई का उत्तराधिकारी कौन?

1. महमूद मुरादखानी

ईरान पर हमलों के बाद इजरायल सरकार ओर से कहा गया है कि उसका मकसद तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के साथ वहां पर सत्ता परिवर्तन भी है. इजरायल के इसी सुर में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के भतीजे ने भी अपने सुर मिला दिए हैं. फ्रांस में निर्वासन में रह रहे खामेनेई के भतीजे महमूद मुरादखानी ने कहा है कि तेहरान में शांति के लिए सत्ता परिवर्तन जरूरी है. महमूद की ओर से ये बात ऐसे समय कही गई है, जब इजरायल और ईरान के बीच चल रही भीषण लड़ाई को एक हफ्ता पूरा हो गया है. महमूद मुरादखानी का मानना है कि इस्लामी गणराज्य ईरान का मौजूदा शासन के पतन से ही शांति का रास्ता निकलेगा. अगर शांति के लिए तेहरान के मौजूदा शासन को हटाना जरूरी है, वह किया जाना चाहिए.

2. रजा पहलवी

इस्लामी क्राति से पहले शाह के वंशज रेजा पहलवी के नेतृत्व ईरान एक जीवंत राष्ट्र था. लोकतांत्रिक मूल्यों वाला एक संवैधानिक राजतंत्र था. शाह के परिवार से रजा पहलवी भी सुप्रीम लीडर खामेनेई के खिलाफ ईरान में 4 दशक से लोकतंत्र बहाली के लिए झंडा बुलंद किए हुए हैं. पिछले कुछ दिनों से वह सत्ता परिवर्तन के पक्ष में खुलकर सामने आ गए हैं. मंगलवार को उन्होंने अपने बयान में कहा कि इस्लामिक गणराज्य अपने अंत पर आ गया है और ढह रहा है. ईरान का भविष्य उज्ज्वल है और हम सब मिलकर इतिहास के पन्ने पलटेंगे.

3. रजा पहलवी की बेटियां भी नेतृत्व की लाइन में

रजा पहलवी की तीन बेटियां हैं. नूर, इमान और फराह. वे समान अधिकारों में विश्वास रखती हैं और पहलवी परिवार की की ओर से संभावित उत्तराधिकारी हैं. नूर पहलवी पोटोमैक से मनोविज्ञान की पढ़ाई की है. इमान पहलवी मेरिकन एक्सप्रेस में कार्यरत हैं. उन्होंने बिजनेसमैन ब्रैडली शरमन से शादी की है. फराह पहलवी वाशिंगटन में जन्मी और उनकी उम्र अभी 21 साल है.

4. मोजतबा खामेनेई

अयातुल्ला खामेनेई के दूसरे बेटे और और ईरान के रूढ़िवादी अभिजात वर्ग के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले एक शक्तिशाली शख्स. माना जाता है कि वे नेतृत्व के लिए तैयार है. हालांकि, वंशानुगत उत्तराधिकार के डर के कारण उनकी उम्मीदवारी की आलोचना भी हो रही है.

5. अलीरेजा अराफी

वरिष्ठ मौलवी ईरान के विशेषज्ञों की सभा के सदस्य और कोम सेमिनरी के प्रमुख है. वह गार्जियन काउंसिल में भी कार्य करते हैं. अपने रूढ़िवादी रुख और धार्मिक और राजनीतिक दोनों संस्थानों में गहरे प्रभाव के लिए जाने जाते हैं.

6. अयातुल्ला हशम होसैनी बुशहरी

विशेषज्ञों की सभा के पहले उपाध्यक्ष और कोम सेमिनरी सोसाइटी के प्रमुख. वह शुक्रवार के दिन खामेनेई के कोम में नमाज का नेतृत्व करते हैं.

7. अली असगर हेजाजी

पर्दे के पीछे एक शक्तिशाली व्यक्ति हेजाजी सर्वोच्च नेता के कार्यालय में राजनीतिक सुरक्षा मामलों की देखरेख करते हैं. ईरान के खुफिया नेटवर्क में गहराई से जुड़े होने के कारण, वे आम लोगों में लोकप्रिय भी हैं.

8. गुलाम होसैन मोहसेनी एजेई

ईरान के न्यायपालिका प्रमुख और पूर्व खुफिया मंत्री. ईरान के कानूनी और सुरक्षा प्रतिष्ठान में दशकों तक काम करने वाले कट्टरपंथी. उन्हें खामेनेई का दाहिना हाथ और वफादार के रूप में देखा जाता है.

9. मोहम्मद मोहम्मदी गोलपायगनी

खामेनेई के कार्यालय में लंबे समय तक चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं. सुर्खियों में कम रहते हैं, लेकिन सुप्रीम लीडर के करीबी हैं.

10. अली अकबर वेलयाती

ईरान के पूर्व विदेश मंत्री और खामेनेई के वर्तमान वरिष्ठ विदेश नीति सलाहकार. कूटनीति और परमाणु वार्ता के एक अनुभवी अफसर.

11. कमल खराजी

पूर्व विदेश मंत्री और वर्तमान में ईरान की एक्सपीडिएंसी काउंसिल और स्ट्रैटेजिक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में सेवारत हैं. विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के अपने गहन ज्ञान के लिए जाने जाते हैं.

12. अली लारीजानी

पूर्व संसद अध्यक्ष और शीर्ष परमाणु वार्ताकार. ईरान के राजनीतिक स्पेक्ट्रम में प्रभाव वाले रूढ़िवादी शख्स.

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