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मनरेगा की आत्मा खत्म कर दी गई... पंजाब कांग्रेस ने VB-G RAM G बिल के खिलाफ मोहाली में किया प्रदर्शन, 27 दिसंबर को होगी बैठक

पंजाब कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा पारित VB-G RAM G बिल के खिलाफ मोहाली में जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी का आरोप है कि नए कानून ने मनरेगा की मूल आत्मा और ग्रामीण रोजगार की पहचान को बदल दिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस बिल के माध्यम से ग्रामीण, कमजोर और शोषित वर्गों को मिलने वाले रोजगार के अवसर छीन लिए गए हैं.

मनरेगा की आत्मा खत्म कर दी गई... पंजाब कांग्रेस ने VB-G RAM G बिल के खिलाफ मोहाली में किया प्रदर्शन, 27 दिसंबर को होगी बैठक
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 21 Dec 2025 5:34 PM IST

मनरेगा को लेकर केंद्र सरकार के नए कानून ने देश की सियासत में हलचल मचा दी है. पंजाब से शुरू हुआ विरोध अब राष्ट्रीय आंदोलन का रूप लेने की ओर बढ़ रहा है. कांग्रेस का आरोप है कि रोजगार की गारंटी देने वाली ऐतिहासिक योजना की आत्मा को बदल दिया गया है. मोहाली की सड़कों पर उतरे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने साफ संकेत दिया कि यह लड़ाई सिर्फ एक कानून की नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के अधिकारों की है.

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रविवार को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मोहाली में जोरदार प्रदर्शन किया. केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा की जगह विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G बिल लाए जाने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने इसे “गरीब विरोधी कदम” बताया. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कानून वापस लेने की मांग की.

‘मनरेगा की आत्मा खत्म कर दी गई’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस कानून को लेकर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं थी, बल्कि ग्रामीण गरीबों के लिए जीवनरेखा थी. नए कानून के जरिए इस योजना की बुनियादी संरचना ही बदल दी गई है. रमेश का आरोप है कि इससे गांवों में रहने वाले वंचित और शोषित तबकों से रोजगार का अधिकार छीना जा रहा है. उन्होंने यह भी ऐलान किया कि 27 दिसंबर को होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में देशभर में आंदोलन चलाने की रणनीति तय की जाएगी.

‘राज्यों से सलाह तक नहीं ली गई’

जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर जल्दबाजी में कानून लाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि इस तरह के अहम फैसले से पहले राज्यों से कोई चर्चा नहीं की गई. उनका कहना था कि यह रवैया संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है. कांग्रेस का दावा है कि सरकार वैचारिक द्वेष के चलते मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना चाहती है.

नाम बदलने पर सियासी आग

शनिवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने बयान देकर विवाद को और हवा दे दी. उन्होंने कहा कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना देश के लिए शुभ संकेत नहीं है. वड़िंग ने आरोप लगाया कि सरकार जनता को भ्रमित करने के लिए योजनाओं में भगवान राम का नाम जोड़ रही है, जबकि असली मकसद इस योजना को धीरे-धीरे खत्म करना है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को भगवान राम में आस्था है, लेकिन योजनाओं के नाम बदलने से गरीबों की हालत नहीं सुधरती.

संसद से पास हुआ नया कानून

हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान VB-G RAM G बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पारित हो गया. नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों को अब 100 के बजाय 125 दिन का रोजगार देने का प्रावधान है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि कागजों में बढ़ोतरी दिखाकर जमीनी हकीकत बदली जा रही है.

फंडिंग और राज्यों की भूमिका

कानून के मुताबिक केंद्र और राज्यों के बीच खर्च का अनुपात 60:40 रहेगा. वहीं पूर्वोत्तर, हिमालयी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह 90:10 तय किया गया है. राज्यों को खेती के पीक सीजन को ध्यान में रखते हुए साल में 60 दिनों की अवधि पहले से घोषित करने का अधिकार भी दिया गया है.

आंदोलन की ओर बढ़ती राजनीति

कांग्रेस का कहना है कि यह सिर्फ पंजाब का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे देश के ग्रामीण मजदूरों का सवाल है. पार्टी अब इसे राष्ट्रीय आंदोलन का रूप देने की तैयारी में है. आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि मनरेगा को लेकर छिड़ी यह लड़ाई संसद से निकलकर सड़कों तक कितनी दूर जाती है.

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