वॉशिंगटन संग ट्रेड डील पर साइन करने वाला पहला देश हो सकता है भारत: US वित्त मंत्री
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने संकेत दिए हैं कि भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता जल्द हो सकता है. उन्होंने कहा कि भारत ऐसा पहला देश बन सकता है जो राष्ट्रपति ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ से बचने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करेगा. 8 जुलाई को टैरिफ स्थगन की अवधि खत्म हो रही है, ऐसे में दोनों देशों के लिए यह समझौता अहम हो सकता है.

अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने भारत और अमेरिका के बीच संभावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर आशा जताई है. उन्होंने कहा कि भारत, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पारस्परिक शुल्क नीति से बचने के लिए व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश बन सकता है. यह संकेत दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
फिलहाल अमेरिका ने भारत के निर्यात पर 26 प्रतिशत के पारस्परिक टैरिफ को अस्थायी रूप से 90 दिनों के लिए स्थगित किया हुआ है, जिसकी मियाद 8 जुलाई को खत्म हो रही है. यदि कोई व्यापार समझौता नहीं हुआ, तो भारत को भी अन्य देशों की तरह 10 प्रतिशत टैरिफ की नीति के तहत रखा जाएगा. ऐसे में समझौता दोनों देशों के लिए लाभकारी हो सकता है.
व्यापार समझौते की ओर अमेरिका ने बढ़ाया कदम
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, एक मीडिया संवाद के दौरान बेसेन्ट ने कहा कि भारत जैसे बड़े और संभावनाशील बाजार के साथ समझौता आसान है क्योंकि वहां टैरिफ अपेक्षाकृत कम हैं और मुद्रा विनिमय अथवा सरकारी सब्सिडी जैसी चुनौतियां कम हैं. बसेन्ट ने स्पष्ट किया कि भारत में गैर-टैरिफ अवरोधों में भी उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे अमेरिका के लिए व्यापारिक संभावनाएं और मजबूत हुई हैं.
भारत की है व्यापारिक ट्रांसपेरेंसी
विश्व बैंक और IMF की बैठकों के दौरान उन्होंने भारत की व्यापारिक पारदर्शिता की सराहना की और कहा कि यह पारदर्शिता समझौते की राह आसान बनाती है. यह रुख राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस नीति के अनुरूप है जिसमें वे अन्य देशों से अमेरिकी उत्पादों पर लगे टैरिफ और प्रतिबंध हटाने की मांग करते रहे हैं.
जेडी वेंस ने भी की अपील
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार से आगे भी सहयोग की संभावनाएं लगातार प्रगाढ़ हो रही है. जयपुर में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने और अमेरिकी ऊर्जा एवं रक्षा उपकरणों की खरीद को बढ़ावा देने की अपील की. उन्होंने इसे 21वीं सदी में वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए एक अहम रणनीतिक गठबंधन बताया. इसी के साथ, यह भी ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका में भारत से होने वाला आयात अब लगभग 3% तक पहुंच चुका है, जबकि व्यापार घाटा 2024 में 45.7 अरब डॉलर रहा है जो संतुलन के लिए नई नीति निर्माण की मांग करता है.