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असीम मुनीर के आधी दुनिया को ले डूबने के दावे में कितना दम, कितनी है पाकिस्तान की असली न्यूक्लियर क्षमता?

पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने फ्लोरिडा में कहा कि अगर पाकिस्तान पर अस्तित्व का संकट आया तो वह 'आधी दुनिया' को साथ लेकर जाएगा. भारत ने इसे गैर-जिम्मेदाराना और 'न्यूक्लियर सेबर-रैटलिंग' बताया. SIPRI रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं और उसकी लंबी दूरी की शाहीन-3 मिसाइल की रेंज 2,750 किमी है, जो वैश्विक स्तर तक नहीं पहुंचती.

असीम मुनीर के आधी दुनिया को ले डूबने के दावे में कितना दम, कितनी है पाकिस्तान की असली न्यूक्लियर क्षमता?
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( Image Source:  Sora AI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 12 Aug 2025 2:09 PM

हम तो डूबेंगे सनम तुम को भी ले डूबेंगे... आपने भी ये कहावत जरूर सुनी होगी. कुछ इसी अंदाज में पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अमेरिका की धरती से आधी दुनिया को बर्बाद करने की धमकी दे डाली और अमेरिका मुंह ताकता रह गया.

हालांकि भारत ने इस मामले पर अमेरिका को भी आइना दिखा दिया. अमेरिका के फ्लोरिडा में दिए गए परमाणु युद्ध से जुड़े धमकी भरे बयान के बाद भारत ने इसे 'गैर-जिम्मेदाराना' करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी. सार्वजनिक मंच से मुनीर ने कहा था कि अगर पाकिस्तान पर अस्तित्व का संकट आया, तो वह 'आधी दुनिया को साथ लेकर जाएगा.'

भारत की प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को बयान जारी करते हुए मुनीर की टिप्पणी को 'न्यूक्लियर सेबर-रैटलिंग' यानी परमाणु हथियारों के जरिए धमकाने की रणनीति बताया. मंत्रालय ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन टिप्पणियों से यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि ऐसे बयान देने वाला देश परमाणु कमान और नियंत्रण की जिम्मेदारी निभाने के योग्य नहीं है, खासकर तब, जब उसकी सेना का आतंकवादी संगठनों के साथ गहरा रिश्ता हो.” MEA ने यह भी कहा कि यह पाकिस्तान की 'स्टॉक-इन-ट्रेड' नीति है - यानी बार-बार वही पुराना तरीका अपनाना जिसमें संकट के समय परमाणु खतरे का कार्ड खेलकर अंतरराष्ट्रीय ध्यान और दबाव बनाने की कोशिश की जाती है.

असीम मुनीर का यह बयान उस समय आया जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी) के बाद सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) के कुछ प्रावधान निलंबित करने का निर्णय लिया. मुनीर ने इसे भारत की 'आक्रामक नीति' बताते हुए चेतावनी दी कि भविष्य में अगर दोनों देशों के बीच संघर्ष इतना बढ़ा कि पाकिस्तान को अस्तित्व का खतरा महसूस हुआ, तो वह 'विनाशकारी ताकत' का इस्तेमाल करेगा. अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिस परमाणु ताकत का नाम लेकर मुनीर दुनिया को धमका रहे हैं, उसकी हकीकत आखिर है क्‍या?

पाकिस्तान की परमाणु क्षमता

मुनीर के 'आधी दुनिया को डुबो देने' वाले दावे के बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान वास्तव में इतनी दूर तक परमाणु हमला करने में सक्षम है? स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार हैं - यह आंकड़ा पिछले साल जैसा ही है. पाकिस्तान लगातार अपनी डिलीवरी प्रणाली को विकसित कर रहा है, जिसमें तीनों माध्यम शामिल हैं - परमाणु बम ले जाने वाले लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल और सबमरीन से लॉन्च होने वाली क्रूज मिसाइल (SLCM). रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान कई नई डिलीवरी प्रणालियों पर काम कर रहा है, जिससे आने वाले दशक में उसका हथियार भंडार बढ़ सकता है.

पाकिस्‍तान की मिसाइल क्षमता

शाहीन-3 : पाकिस्तान की सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल शाहीन-3 है, जिसकी मारक क्षमता 2,750 किलोमीटर है. इससे भारत के लगभग सभी हिस्सों और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों को निशाना बनाया जा सकता है, लेकिन यूरोप, पूर्वी एशिया या उत्तरी अमेरिका तक यह नहीं पहुंच सकती.

अबाबील मिसाइल : इसकी रेंज 2,200 किमी है और पाक्स्तिान इसकी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (MIRVs) क्षमता विकसित कर रहा है. इससे एक ही मिसाइल कई अलग-अलग लक्ष्यों पर वार कर सकती है, लेकिन यह अभी विकास के चरण में है.

अन्य मिसाइलें:

  • फतह-II: 400 किमी, हाइपरसोनिक
  • शाहीन-II: 1,500-2,000 किमी
  • गौरी-II: 2,000+ किमी
  • बाबर-3 SLCM: 450 किमी, पनडुब्बी से लॉन्च
  • अब्दाली, ग़ज़नवी, नसर: 70-320 किमी तक की रेंज

सभी मिसाइलें 'डुअल-केपेबल' हैं यानी पारंपरिक और परमाणु, दोनों तरह के वारहेड ले जा सकती हैं.

वायु सेना की भूमिका

पाकिस्तान के पास मिराज-III और संभवतः मिराज-V लड़ाकू विमान हैं, जिन्हें परमाणु हथियार ले जाने के लिए तैयार किया गया है. भविष्य में, स्थानीय रूप से निर्मित JF-17 लड़ाकू विमान को राद एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल (ALCM) के साथ इस भूमिका में शामिल किया जाएगा.

पाकिस्‍तानी नेवी का रोल

समुद्री आधारित परमाणु क्षमता के लिए पाकिस्तान बाबर-3 SLCM पर काम कर रहा है, जिसे अगोस्ता-90B डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों पर तैनात करने की योजना है. यह क्षमता हासिल होते ही पाकिस्तान का परमाणु त्रिकोण (nuclear triad) पूरा हो जाएगा.

वारहेड की क्षमता

पाकिस्तान के परमाणु वारहेड की सटीक क्षमता सार्वजनिक नहीं है. 1998 के परीक्षणों में अधिकतम 12 किलोटन का विस्फोट दर्ज हुआ था. विशेषज्ञ मानते हैं कि तब से उन्नत ‘बूस्टेड फिशन’ वारहेड बनाए जा सकते हैं, लेकिन दो-स्तरीय थर्मोन्यूक्लियर हथियार का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है. पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों और डिलीवरी सिस्टम को शांति काल में अलग-अलग रखता है, जिससे आकस्मिक लॉन्च की संभावना कम रहती है.

क्षमता बनाम दावे

मुनीर का 'आधी दुनिया' वाले हमले का दावा तकनीकी रूप से बड़बोलापन है. पाकिस्तान की सबसे लंबी दूरी की मिसाइल भी 3,000 किमी से कम मारक क्षमता रखती है, जो वैश्विक स्तर पर 'इंटरकॉन्टिनेंटल' श्रेणी से काफी दूर है.

मुनीर का बयान ऐसे समय आया है जब दुनिया पहले ही रूस-यूक्रेन युद्ध और उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों से चिंतित है. अमेरिका और यूरोप, दोनों ही पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा को लेकर पहले से सतर्क हैं, खासकर तब, जब उसकी सेना पर आतंकवादी गुटों से संबंध होने के आरोप लगते हैं.

भारत के लिए संदेश

भारत के पास S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) प्रोग्राम है, जो पाकिस्तान की मिसाइलों के खिलाफ सुरक्षा का स्तर बढ़ाता है. भारत के लिए असली चुनौती पाकिस्तान के 'टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपंस' हैं, जिन्हें छोटे स्तर के संघर्ष में इस्तेमाल करने की धमकी दी जाती है.

असीम मुनीर का बयान पाकिस्तान की परमाणु नीति में मौजूद आक्रामक और अस्थिर प्रवृत्ति को उजागर करता है. हालांकि तकनीकी क्षमता के लिहाज से 'आधी दुनिया को खत्म करने' का दावा हकीकत से कोसों दूर है, लेकिन यह बयान राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव बढ़ाने वाला जरूर है. भारत की प्रतिक्रिया साफ संकेत देती है कि वह ऐसे 'न्यूक्लियर ब्लैकमेल' को गंभीरता से ले रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को चुनौती देने के लिए तैयार है.

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