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पोप को कितनी मिलती है सैलरी? जानिए पोप फ्रांसिस का नेटवर्थ और कितनी संपत्ति पीछे छोड़ गए

21 अप्रैल 2025 को पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वे पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे और सादगी, सेवा व विनम्रता के प्रतीक माने जाते हैं. उन्होंने पोप बनने के बाद कभी सैलरी नहीं ली और चर्च से मिली संपत्ति को भी व्यक्तिगत उपयोग में नहीं लाया. उनका जीवन और कार्यशैली हमेशा एक प्रेरणा के रूप में याद की जाएगी.

पोप को कितनी मिलती है सैलरी? जानिए पोप फ्रांसिस का नेटवर्थ और कितनी संपत्ति पीछे छोड़ गए
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 21 April 2025 3:55 PM IST

पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल 2025 को 88 साल की उम्र में निधन हो गया. वेटिकन की ओर से एक वीडियो मैसेज जारी कर इसकी पुष्टि की गई. पोप फ्रांसिस जो रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे हमेशा अपनी सादगी और सेवा भाव के लिए जाने गए. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने कभी भी पोप के रूप में कोई सैलरी नहीं ली, जो उनके भव्य जीवन से बहुत अलग था.

पोप फ्रांसिस के लिए, चर्च से मिलने वाली सैलरी $32,000 प्रति माह (लगभग 27 लाख रुपये) थी जो किसी भी अन्य पोप को मिलती है. लेकिन उन्होंने 2013 में जब इस पद को संभाला, तो उन्होंने किसी भी प्रकार के भत्ते या वेतन को लेने से मना कर दिया था. इसके बजाय, उन्होंने अपनी सैलरी को दान में देने, एक फाउंडेशन के लिए इस्तेमाल करने या फिर इसे ट्रस्ट में रखने का विकल्प चुना था. यह उनकी सादगी और सेवा की भावना को और भी स्पष्ट करता है.

पोप फ्रांसिस ने नहीं ली सैलरी

पोप फ्रांसिस ने अपनी सैलरी को कभी इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन उनके पास चर्च के जरिए प्राप्त कुछ संपत्तियां और अन्य एसेट्स जरूर थे. उनकी अनुमानित नेट वर्थ 16 मिलियन डॉलर (लगभग 1,361,681,920 रुपये) थी. इसमें उनकी कारें और अन्य संपत्तियां शामिल हैं, जो उन्हें पोप बनने के बाद मिलीं. इन संपत्तियों को वे व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल नहीं करते थे, लेकिन उनकी कुल संपत्ति में इनका योगदान था.

2013 में बने थे पोप

पोप फ्रांसिस का कार्यकाल इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा. उनका जन्म अर्जेंटीना के जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो के रूप में हुआ था और 2013 में पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफे के बाद वह पहले लैटिन अमेरिकी पोप बने. उनका जीवन हमेशा संयमित था और उन्होंने अपने जेसुइट वैल्यूज़ के अनुसार सादगी की ओर झुकाव दिखाया. उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए चर्च से पैसा नहीं लिया, जिससे उनके जीवन के उद्देश्य और उनके पोप बनने से पहले के दृष्टिकोण को समझा जा सकता है.

चर्च के पास है विशाल संपत्ति

कैथोलिक चर्च की वित्तीय स्थिति अलग थी. पोप फ्रांसिस के निजी जीवन में सादगी और विनम्रता थी, लेकिन चर्च के पास एक विशाल संपत्ति थी, जिसमें विश्वभर में चर्च की इमारतें, स्कूल, अस्पताल और अन्य धार्मिक संस्थाएं शामिल हैं. ये संपत्तियां चर्च की आर्थिक स्थिति को मजबूत करती हैं. हालांकि, पोप फ्रांसिस ने कभी इस संपत्ति को एकत्रित करने की बजाय, इसे सेवा और विनम्रता के लिए इस्तेमाल करने का मार्ग चुना.

कैसे होता है पोप का चुनाव?

पोप का चुनाव एक पारंपरिक और बेहद गोपनीय प्रक्रिया होती है, जिसे पैपल कॉन्क्लेव कहा जाता है. जब वर्तमान पोप का निधन हो जाता है या वे पद त्याग देते हैं, तब दुनियाभर के कार्डिनल्स जो पोप द्वारा ही नियुक्त उच्च पदस्थ पादरी होते हैं. वो वेटिकन सिटी के सिस्टिन चैपल में एकत्रित होते हैं. इस चुनाव में केवल वे कार्डिनल्स भाग लेते हैं जिनकी उम्र 80 साल से कम होती है. मतदान प्रक्रिया सीक्रेट बैलट द्वारा की जाती है और एक दिन में चार बार वोटिंग हो सकती है. तब तक वोटिंग जारी रहती है जब तक किसी उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत नहीं मिल जाता.

सफ़ेद और काला धुंए का क्या है मतलब?

जब कोई उम्मीदवार दो-तिहाई वोट हासिल कर लेता है, तो उनसे पूछा जाता है कि क्या वे इस पद को स्वीकार करते हैं. यदि वे हां कहते हैं, तो चुनाव पूरा माना जाता है और बैलेट्स को जलाकर उसका संकेत धुएं के रंग से दिया जाता है. अगर धुआं सफेद हो, तो इसका मतलब है कि नया पोप चुन लिया गया है. अगर काला हो तो इसका मतलब है कि कोई निर्णय नहीं हुआ है. नए पोप की घोषणा सिस्टिन चैपल की बालकनी से जनता के सामने की जाती है, जो इस ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक होता है.

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