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ट्रंप के शपथ ग्रहण में कैसे शामिल हुआ पन्नू? अमेरिका के सामने मुद्दा उठाएगा भारत

20 जनवरी को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में पन्नू की उपस्थिति की खबरें सामने आईं. समारोह में मौजूद भीड़ जब ‘यूएसए, यूएसए’ के नारे लगा रही थी, तो पन्नू 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पन्नू को इस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था, बल्कि उसने किसी संपर्क के जरिए टिकट खरीदा था.

ट्रंप के शपथ ग्रहण में कैसे शामिल हुआ पन्नू? अमेरिका के सामने मुद्दा उठाएगा भारत
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 24 Jan 2025 9:22 PM

भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित मौजूदगी पर कड़ा विरोध जताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत इस मामले को अमेरिका के समक्ष उठाएगा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर कड़ी प्रतिक्रिया देता रहेगा.

शुक्रवार को रणधीर जायसवाल ने कहा, "जब भी भारत विरोधी गतिविधियां होती हैं, हम उन्हें अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों और भारत विरोधी एजेंडे पर हमारी स्थिति स्पष्ट है."

पन्नू की मौजूदगी का मामला

20 जनवरी को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में पन्नू की उपस्थिति की खबरें सामने आईं. कनाडा और अमेरिका की दोहरी नागरिकता रखने वाले पन्नू को सोशल मीडिया पर एक वीडियो में खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हुए देखा गया. समारोह में मौजूद भीड़ जब ‘यूएसए, यूएसए’ के नारे लगा रही थी, तो पन्नू 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पन्नू को इस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था, बल्कि उसने किसी संपर्क के जरिए टिकट खरीदा था.

ब्रिटेन में 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग पर विवाद

इसी बीच भारत ने यूनाइटेड किंगडम में कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग के दौरान हुई हिंसक घटनाओं पर भी चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार से मांग की है कि वह इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. ब्रिटेन में विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के एक सांसद ने गृह मंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील की है. उनका कहना है कि उत्तर-पश्चिम लंदन में उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को 'नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादियों' द्वारा धमकाया गया.

विदेश मंत्रालय का बयान

रणधीर जायसवाल ने इस घटना पर कहा, "फिल्म 'इमरजेंसी' कई सिनेमाघरों में दिखाई जा रही थी, लेकिन इसे बाधित किया गया. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का चयनात्मक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. यूके सरकार को इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. लंदन में हमारा उच्चायोग इस मामले में समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार संपर्क में है." भारत ने इस मामले में अपनी चिंता स्पष्ट करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति में बाधा डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

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